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6 दिन से नहीं मिल पाए थे पैसे, बच्चे भूखे थे, बेबस मां ने खुद को लगाई आग

नई दिल्ली। नोटबंदी का फैसला लगातार कुर्बानियां ले रहा है। लोग अपनी मर्जी से नहीं मर रहे लेकिन पैसों की पहुंच से दूर होकर वे जान देने की कोशिश कर रहे हैं या पैसे हासिल करने की जद्दोजहद में लाइन में लगे दम तोड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ में नोटबंदी के चलते कई दिनों तक कतारों में लगने से एक मां इतनी परेशान हो गई कि उसने आत्महत्या करने की कोशिश की। मामला मेरठ के देहली गेट का है जहां बच्चों को भूख से बिलखते देख एक मां ने यह आत्मघाती कदम उठाया है। महिला ने खुद पर किरोसिन छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की। 

गंभीर रूप से झुलसी महिला का इलाज नजदीक के अस्पताल में किया जा रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस को बयान देते हुए महिला ने बताया कि बच्चों को भूख से बिलखते वह न देख सकी और उसने खुद को खत्म करने का फैसला ले लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला का नाम रजिया है और वह मजदूरी करके अपना घर चलाती है। 


 
रजिया ने बताया कि वह पिछले एक हफ्ते से इलाके के बैंक में रुपये बदलने के लिए चक्कर लगा रही थी। पूरा दिन लाइन में खड़े होकर गुजर जाता था और शाम को बैंक से जवाब मिलता था कि बैंक में नकदी खत्म हो गई। इस वजह से परिवार के लोग काफी परेशान थे। 
 
हालात ये तक हो गए थे कि बच्चों के खाने-पीने तक के लाले पड़ गए। इसी से आहात होकर महिला ने रविवार रात घर में खुद पर किरोसिन उड़ेल कर आग लगा ली। इस बीच चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और गंभीर हालत में रजिया को अस्पताल में भर्ती कराया। इससे पहले अन्य जगहों से भी आत्महत्या की खबरें आ चुकी हैं।

Courtesy: National Dastak

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