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ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया लागू करने के बाद भी अगर आम नागरिक समझते हैं कि रेलमंत्री उन्हें और तंग नहीं करेंगे, तो ये उनकी भूल है। अगली गाज अब बुजुर्ग यात्रियों पर पड़ने वाली है।
रेल मंत्रालय अब उन बुजुर्ग यात्रियों को यात्री किराए में मिलने वाली छूट वापस करने वाला है जो अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ यात्रा करेंगे। मंत्रालय ने 31 अगस्त को सभी डिवीजन कर्मशियल मैनेजरों के लिए सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यदि बुजुर्ग यात्री के साथ उनके परिजन यात्रा कर रहे हैं तो उन्हें किराए में छूट न दी जाए। यानी अब किसी बुजुर्ग को
किराए में छूट तभी मिलेगी, जब वह अपने परिवार वालों के साथ यात्रा न कर रहा हो।
सर्कुलर के अनुसार, अगर बुजुर्ग के परिवार के लोग अलग कोच में आरक्षण कराते हैं, तो बुजुर्ग को किराए में छूट मिल सकती है। साथ ही यह भी कहा गया है कि बुजुर्ग यात्रियों को केवल लोअर बर्थ पर ही रिजर्वेशन मिल सकेगा।
इस नए नियम के लागू होने के बाद बुजुर्ग यात्रियों पर बोझ पड़ेगा। अगर उनके परिवारजन अलग से टिकट लेंगे तो बहुत संभव है कि उनकी सीट किसी और कोच में होगी। ऐसे में बुजुर्ग और खासतौर पर बीमार तथा अशक्त लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
रेलवे पहले ही प्लेटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाकर यात्रियों पर बोझ बढ़ा चुका है। इसके बाद टिकट वापसी पर मिलने वाले रिफंड में भी कटौती की गई है। कुछ ट्रेनों पर किराये को भी फ्लैक्सी बनाया गया है जिसके अनुसार जैसे जैसे टिकट बिकते जाएंगे, वैसे-वैसे टिकट महँगा होता जाएगा।
रेल मंत्रालय की बुजुर्ग यात्रियों को दी जा रही छूट लंबे समय से अखर रही है, और इसे वह बहुत बड़ा बोझ मानकर चल रहा है। पहले रेलवे ने गैस सब्सिडी की तर्ज पर बुजुर्ग यात्रियों से रेल किराए में मिलने वाली छूट छोड़ने की भी अपील की थी।