नई दिल्ली। हाल ही में आई एनसीआरबी की एक रिपोर्ट ने बताया था कि मोदी सरकार बनने के बाद एक साल में देश से किसानों और कृषि मजदूरों की आत्महत्या दर में 42 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। रिपोर्ट ने किसानों और कृषि मजदूरों की आत्महत्या के पीछे का कारण कंगाली, कर्ज, खेती से जुड़ी दिक्कतें और सरकारी मशीनरी का सही से काम न करना बताया था। लेकिन इन सभी आत्महत्याओं से अनजान मोदी सरकार 148 करोड़ के प्रोजेक्ट के साथ गाय और भैंसों के लिए आधार कार्ड जारी करेगी।
खबर के अनुसार मोदी सरकार ने ऐलान किया है कि आने वाले वक्त में गाय और भैंसों को भी आधार जैसा यूनीक आईडेंटिफिकेशन नंबर (UID) मिलेगा। इसके लिए नए साल से काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके लिए लगभग एक लाख लोग पूरे देश के कोने-कोने में घूमकर पशुओं पर टैग लगाएंगे। यही नहीं उन लोगों को 50 हजार टैबलेट भी सौंप दिए गए हैं। सरकार का प्लान है कि इस साल लगभग 88 मिलियन गाय और भैंसों के कान में यूआईडी नंबर सेट कर दिया जाएगा।
सरकार इस टैगिंग के पूरे काम पर 148 करोड़ रुपए खर्च करेगी। सरकार ने 2017 के लिए कुछ टारगेट भी तय किए हैं। जैसे 2017 में सिर्फ यूपी के ही 14 लाख पशुओं की टैगिंग की जाएगी, वहीं मध्य प्रदेश में महीनेभर में 7.5 लाख पशुओं की टैगिंग की जानी है।
खबर के मुताबिक, सबसे ज्यादा पशु यूपी में है। जहां उनकी संख्या 16 मिलियन है। दूसरे नंबर पर 9 मिलियन के साथ मध्यप्रदेश है। तीसरे नंबर पर राजस्थान (8.4 मिलियन), चौथे पर गुजरात (6.2 मिलियन) और पांचवे पर आंध्र प्रदेश (5.4 मिलियन) है।
आपको बता दें कि यह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर ही किया जा रहा है। पशुओं के कान के अंदर एक पीले रंग का टैग डाला जाएगा। प्रत्येग टैग सरकार को आठ रुपए का पड़ेगा। उस टैग को ऐसे मेटेरियल से बनाया जा रहा है जिससे पशु को कोई नुकसान नहीं होगा।
टैग लगाने गया शख्स उसे लगाकर टैग के नंबर को अपने टैबलेट के ऑनलाइन डाटाबेस में ऐड कर लेगा। इसके साथ ही पशु के मालिक को उससे जुड़ा एक हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। उसमें भी पशु का UID नंबर होगा। उससे पशु से जुड़ी सारी जानकारी ऑनलाइन देखी जाएगी।