आदित्य बिरला ग्रुप के अध्यक्ष शुभेंदु अमिताभ के ईमेल से रिश्वतखोरी में फंसे पीएम मोदी

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रिश्वतखोरी का बड़ा आरोप लगाया। अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि जो खुद भ्रष्ट है वह भ्रष्टाचार मिटाने की बात कर देश की जनता को गुमराह कर रहा है। केजरीवाल ने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने "आदित्य बिड़ला ग्रुप" से 25 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में लिए थे।

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केजरीवाल ने सीधा आरोप लगाया कि जब प्रधानमंत्री मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने आदित्य बिड़ला ग्रुप फर्म से 25 करोड़ रुपए की घूस ली थी। केजरीवाल ने दस्तावेज का हवाला देते हए कहा कि 15 अक्टूबर 2013 को आयकर विभाग ने शुभेंदु अमिताभ के घर रेड की। वो आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष थे। उनका ब्लैकबेरी फोन, लैपटॉप और हर चीज पूरी तरह से चेक की गई। उनके लैपटॉप में 16 नवंबर 2012 की तारीख में एक लेजर इंट्री मिली कि गुजरात मुख्यमंत्री 25 करोड़ रुपए दिए गए।
 

केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के प्रस्ताव में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अनुरोध किया कि वह केंद्र सरकार को नोटबंदी की कठोर पहल को तुरंत वापस लेने का निर्देश दें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा धन्ना सेठों का कालाधन ठिकाने लगवाने के बाद दिखावे के लिए नोटबंदी कर देश के लोगों को परेशान किया जा रहा है।

केजरीवाल ने आरोप लगाया, "2013 में आयकर विभाग ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के दफ्तरों में छापेमारी की थी, जिसमें 25 करोड़ रुपये बरामद हुए थे।" उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने दस्तावेज, खाता-बही, कंप्यूटर रिकॉर्ड और कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी का लैपटॉप जब्त किया था, जिसमें संदेश था, "गुजरात के मुख्यमंत्री-25 करोड़ (12 करोड़ अदा, शेष?)।"

केजरीवाल ने दावा किया, "यह स्पष्ट रूप से इशारा करता है कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को 12 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।" केजरीवाल ने सदन से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आरोपों को प्रस्ताव में जोड़ने का अनुरोध किया और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच का आदेश देने का अनुरोध किया। विधानसभा ने ध्वनिमत से प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
 
दरअसल नोटबंदी के मसले पर बहस के लिए दिल्‍ली सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। इस संबंध में बिरला ग्रुप ने मामला अदालत में विचाराधीन होने की बात कहकर कोई टिप्‍पणी करने से इन्कार कर दिया।

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