हत्यारों के गिरोह का
एक सदस्य हत्या करता है
दूसरा उसे दुर्भाग्यपूर्ण बताता है
तीसरा मारे गए आदमी के दोष गिनाता है
चौथा हत्या का औचित्य ठहराता है
पाँचवाँ समर्थन में सिर हिलाता है
और अन्त में सब मिलकर
बैठक करते हैं
अगली हत्या की योजना के सम्बन्ध में ।
– राजेन्द्र राजन .
हाय! नरेंद्र मोदी जी की RSS ने क्या हालत कर दी है. बाल बिखरे. चेहरे पर भयंकर तनाव. लड़खड़ाती जुबान…मैं कसम खाता हूं कि एक हफ्ते तक मोदी जी के खिलाफ कुछ नहीं लिखूंगा. उन्हें घर के बाहर के किसी विरोधी की जरूरत ही नहीं है.. 🙁
गुजरात में 88.57% हिंदू हैं. इसमें से 8% से कम SC हैं. ये हिंदू बन कर रहें या जाएं, बहुमत हिंदुओं का ही रहेगा. ये लोग बीजेपी के परंपरागत वोटर भी नहीं हैं.
फिर प्रधानमंत्री दलितों के सामने घुटने पर बैठकर गिड़गिड़ा क्यों रहे हैं कि मुझे मारो मेरे दलित भाइयों को नहीं.
इसलिए कि हिंदू जाति व्यवस्था से अगर सबसे नीचे की ईंट खिसक गई तो हिंदू धर्म खत्म.
जब कोई नीच नहीं रह जाएगा, तो ऊंचा कौन रहेगा? ऊंच और नीच के बिना हिंदू धर्म क्या?
हिंदू धर्म बचा रहे इसके लिए जरूरी है कि दलित मरे जानवर उठाएं और गंदगी साफ करें. वे नहीं करेंगे तो कौन करेगा?
फेसबुक पर लाखों गोरक्षक हैं. हजारों गोरक्षक पेज हैं. मैंने तो यही पाया है कि सारे गोरक्षक आरक्षण विरोधी हैं.
क्या आपने एक भी ऐसा गोरक्षक देखा है, जो SC, ST, OBC आरक्षण का विरोधी न हो? मुझे उनसे मिलवाइए. मैं उनकी वाल के दर्शन करना चाहूंगा, जिन्होंने आरक्षण के पक्ष में एक भी स्टेटस लिखा हो.
ये है देश के नेता प्रतिपक्ष का जोरदार बयान.
भारत ने ऐसा लाचार प्रधानमंत्री कभी नहीं देखा. जो कह रहे हैं कि वे गुंडों के बारे में जानते हैं, पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं.
कानून बनाकर गोरक्षा समितियों पर पाबंदी लगाने से कौन रोक रहा है. जबकि आपको पता है कि 70 से 80% गोरक्षक रात में असामाजिक गतिविधि करते हैं.
आप हमारे हैं कौन?
गुजरात में आज SC संकट में है, तो मुसलमान उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.
अहमदाबाद से ऊना की आजादी कूच में न सिर्फ मुसलमान शामिल हैं, बल्कि मुसलमान बस्तियों में यात्रा पर फूल बरसाए जा रहे हैं. अगर यही इंसानियत 2002 में दलितों ने दिखाई होती और दंगाइयों के सामने दीवार बन कर खड़े हो गए होते… तो भारत का राजनीतिक इतिहास कुछ और होता.
मुसलमान यह नहीं पूछ रहा है कि 2002 में आप हमारे साथ क्यों नहीं थे. मुसलमान मजलूमों के साथ खड़ा है, इसलिए आपके साथ है. दरअसल वह आपके नहीं, न्याय और इंसानियत के पक्ष में फूलमाला लेकर आपका स्वागत कर रहा है. वह बीजेपी राज में, जोखिम उठाकर आपकी यात्रा पर फूल बरसा रहा है.
लेकिन याद रहे. एकता और दोस्ती एकतरफा नहीं होती. गुजरात के दलितों को 2002 की गलती के लिए प्रायश्चित करना चाहिए.
यूपी में मुसलमानों का वोट चाहिए और गुंडे मुजफ्फरनगर कांड करते रहें, ये दोनों एक साथ नहीं हो पाएगा. दंगा रोकना दलितों की जिम्मेदारी है.
दलितों को भी मुसलमानों का साथ देने की अलग से कोई जरूरत नहीं है. वे न्याय और इंसानियत के पक्ष में खड़े हो जाएं. वे अपने आप को दंगाइयों के खिलाफ खड़ा पाएंगे.
न्याय के साथ खड़ा होना क्या इतना मुश्किल है?
"रात में अगर कोई असामाजिक गतिविधि" करता दिखे तो आप उससे पूछ सकते हैं कि "दिन में गोरक्षा का गोरखधंधा" करते हो क्या?
70 से 80% जवाब मिलेगा हां.
नरेंद्र दामोदरदास मोदी के भाषण से मिला ज्ञान.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी – "70 से 80 प्रतिशत गोरक्षक रात में अवैध गतिविधियां करते हैं."
देश के तमाम थानों की पुलिस को गोरक्षकों के पीछे कुत्ता छोड़ देना चाहिए कि वे रात में कौन कौन से अपराध करते हैं. देश में बलात्कार की घटनाओ में आई तेजी के जिम्मेदार कहीं ये लोग ही तो नहीं? रेलवे यार्ड से कोच के नल कौन खोल ले जाता है. और सिनेमाघरों में टिकट कौन ब्लैक कर रहा है? रात की बसें कौन लूट रहे हैं? रात में ड्रग्स की पुड़िया कौन बेचता है? वेश्यालय के बाहर दलाल बन कर कौन खड़े रहते हैं?
गुजरात में 88.57% हिंदू हैं. इसमें से 8% से कम SC हैं. ये हिंदू बन कर रहें या जाएं, बहुमत हिंदुओं का ही रहेगा. ये लोग बीजेपी के परंपरागत वोटर भी नहीं हैं.
फिर प्रधानमंत्री दलितों के सामने घुटने पर बैठकर गिड़गिड़ा क्यों रहे हैं कि मुझे मारो मेरे दलित भाइयों को नहीं.
इसलिए कि हिंदू जाति व्यवस्था से अगर सबसे नीचे की ईंट खिसक गई तो हिंदू धर्म खत्म.
जब कोई नीच नहीं रह जाएगा, तो ऊंचा कौन रहेगा? ऊंच और नीच के बिना हिंदू धर्म क्या?
हिंदू धर्म बचा रहे इसके लिए जरूरी है कि दलित मरे जानवर उठाएं और गंदगी साफ करें. वे नहीं करेंगे तो कौन करेगा?