Categories
Communalism Minorities Politics Rule of Law

अखलाक के गांव में, अखलाक पर एक शब्द भी नहीं बोले राजनाथ सिंह

दादरी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह कल एक रैली को संबोधित करने अखलाक के गांव बिसाहड़ा पहुंचे थे, जहां उन्होंने हर मुद्दे पर बात की। देश के गृहमंत्री होने के नाते गांव के लोगों को उनसे उम्मीद थी कि देश के चर्चित हत्याकांड अखलाक पर भी वह कुछ न कुछ जरूर बोलेंगे। लेकिन राजनाथ सिंह ने अखलाक के गांव जाकर भी अखलाक पर एक शब्द नहीं बोला।

Rajnath Singh

आपको बता दें कि बिसाहड़ा वही गांव है, जहां गोहत्या के आरोप में गांव के ही एक शख्स अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। बिसाहड़ा गांव तब चर्चा में आया था जब 28 सितंबर 2015 को इस गांव में कथित रूप से गोहत्या करने और अपने घर में गोमांस रखने के आरोप में भीड़ ने अखलाक को उसके घर में ही पीट-पीट कर मार डाला था। 
 
भीड़ के हमले में अखलाक का बेटा दानिश भी बुरी तरह घायल हो गया था। इस घटना ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा था। मामले में गांव के ही 18 युवकों को गिरफ्तार किया गया था। मामले की गूंज संसद तक सुनाई दी थी। बिसाहड़ा गांव के लोगों को उम्मीद थी कि राजनाथ सिंह बिसाहड़ा कांड को लेकर भी कुछ बोलेंगे। सभा से पहले लोग इस तरह की चर्चा करते दिखे।
 
याद रहे कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा है। शायद यही कारण है कि भाजपा मुस्लिमों के बारे में बोलने से बच रही है। भले ही राजनाथ सिंह ने अखलाक के लिए एक भी शब्द नहीं बोला लेकिन उसके बाद भी जाट समुदाय के लोगों ने उनका विरोध किया।
 
जब राजनाथ सिंह भाषण देकर जाने लगे तब गांववासियों ने विरोध करते हुए उनकी कार रोक ली। गांववालो का कहना है कि उन्‍हे उम्‍मीद थी कि मंच से राजनाथ सिंह कुछ घोषणा कर उनके जख्‍मो पर मरहम लगाने की बात करेगें। जब राजनाथ सिंह ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की तो लोग भड़क गये और विरोध शुरू कर दिया।

Courtesy: National Dastak

 

Exit mobile version