लखनऊ। एक तरफ जहां नोटबंदी के लगभग एक महीने बाद भी देश की आम जनता को कोई राहत नहीं मिली है। लोग आज भी बैंक की लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होने पर मजबूर हो रहे हैं, इसके बाद भी उन्हें पैसे नहीं मिल रहे हैं। वहीं बीजेपी नोटबंदी को कैश कराने की फिराक में है।
बीजेपी के नेताओं को लगता है कि अगर यूपी विधानसभा चुनाव, बोर्ड परीक्षा के पहले यानि कि मध्य फरवरी में होगा तो इससे बीजेपी को बम्पर फायदा होगा। बीजेपी सूत्रों की माने तो बीजेपी पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले को कैश करना चाहती है।
आपको बता दें कि यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पहले ही बता दिया है कि यूपी की बोर्ड परीक्षाएं 18 फरवरी से 22 मार्च के बीच होंगी। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी की राज्य इकाई, राष्ट्रीय लीडरशिप को यह भरोसा दिलाना चाहती है कि यूपी चुनाव के जनवरी और फरवरी के बीच में होने से पार्टी को सबसे अधिक फायदा होगा।
सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर पार्टी लीडर यूपी चुनाव को बोर्ड परीक्षाओं के बाद इसलिए नहीं चाहते क्योंकि तब तक नोटबंदी का असर कम हो सकता है जिससे बीजेपी को नोटबंदी का फायदा नहीं होगा।
बीजेपी की राज्य इकाई के नेताओं का कहना है कि अगर यूपी चुनाव राज्य की बोर्ड परीक्षाओं से पहले होता है तो बीजेपी को इससे बम्पर फायदा होगा क्योंकि नोटबंदी के बाद पीएम मोदी की पॉपुलेरिटी में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
राज्य इकाई के नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी के कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदम से यूपी की जनता का पीएम मोदी के प्रति भरोसा और बढ़ा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि दो-तीन महीने के बाद नोटबंदी का प्रभाव कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मार्च के अन्त तक चुनाव होने से बीजेपी को नोटबंदी का फायदा नहीं मिलेगा।
Courtesy: National Dastak