टाइम्स नाउ के एडीटर इन चीफ अर्णव गोस्वामी अक्सर इस समय बाकी पत्रकारों को भी पत्रकारिता का सबक सिखाते पाए जाते हैं। टीवी पर बेवजह चीखना-चिल्लाना, आमंत्रित अतिथियों से असभ्यता से बात करना और घुमा-फिराकर या सीधे भाजपा का पक्ष लेना उनकी खास आदतें रही हैं जिनकी वजह से वे चर्चा में रहते हैं।
इस सबके बीच अर्णव अपने आपको निष्पक्ष पत्रकार दिखाने की भी कोशिश करते हैं, जबकि उनका भाजपा कनेक्शन पूरी तरह से सामने आ चुका है। 2014 के लोकसभा चुनाव तक असम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अर्णव गोस्वामी के मामा सिद्धार्थ भट्टाचार्य ही थे। 2016 में विधानसभा चुनावों के लिए सर्वानंद सोनोवाल को उन्हीं की जगह दी गई थी, वरना वे मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार थे। इस समय भी सिद्धार्थ गुवाहाटी ईस्ट से विधायक हैं।
मातृकुल की ओर से ही नहीं, बल्कि पिता की तरफ से भी अर्णव पूरी तरह से भाजपाई हैं। उनके पिता मनोरंजन गोस्वामी सेना के पूर्व अफसर हैं। 1998 में मनोरंजन गुवाहाटी से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता ने करीब एक लाख 35 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
अब अर्णव गोस्वामी की एंकरिंग और पत्रकारिता की दशा और दिशा को समझना काफी आसान हो जाता है। क्यों प्रधानमंत्री मोदी इंटरव्यू देने के लिए अर्णव को चुनते हैं, और क्यों चीखने-चिल्लाने वाले अर्णव गोस्वामी मोदी के सामने घिघियाते नजर आते हैं।