जयपुर। आरक्षण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आंख की किरकिरी बना हुआ है। आए दिन संघ का कोई न कोई सदस्य इसे खत्म करने के लिए बयान देता रहा है। हालांकि संघ की राजनैतिक इकाई भाजपा भी आरक्षण की पक्षधर बिल्कुल नहीं रही। यूपी समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आरएसएस की तरफ से आरक्षण पर बड़ा बयान आया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने आरक्षण खत्म किए जाने की वकालत की है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में वैद्य ने कहा कि आरक्षण को खत्म करना चाहिए और इसकी जगह ऐसी व्यवस्था लाने की जरूरत है जिसमें सबको समान अवसर और शिक्षा मिले।
मनमोहन वैद्य ने कहा कि अगर लंबे समय तक आरक्षण जारी रहा तो यह अलगाववाद की तरफ ले जाएगा। उन्होंने कहा, 'किसी भी राष्ट्र में हमेशा के लिए ऐसे आरक्षण की व्यवस्था का होना अच्छी बात नहीं है। सबको समान अवसर और शिक्षा मिले।…यह अलगाववाद बढ़ाने वाली बात होगी।' हालांकि यह भी जगजाहिर है कि संविधान में प्रावधान होने के बावजूद भी अभी सभी जगह आरक्षणधारकों की उपस्थिति मुकम्मल नहीं हो पाई है। किसी न किसी रूप में दलित, आदिवासी और पिछड़ों को इससे वंचित करने के प्रयास किए जाते रहे हैं।
वैद्य ने हिंदुत्व में विविधता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व विविधता की बात करता है और एक आदर्श हिंदू राष्ट्र में भारत की धार्मिक विविधता स्वीकार होगी। वैद्य ने संविधान में 'सेक्युलर' शब्द के जिक्र पर सवाल उठाया।
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण के खिलाफ बयान दिया था, जिसकी कीमत भाजपा को हार के रूप में चुकानी पड़ी। बिहार में बीजेपी की हार के लिए संघ प्रमुख के आरक्षण पर दिए बयान को भी जिम्मेदार माना जाता है।
Courtesy: National Dastak