देहरादून। बाबा रामदेव की कंपनी 'पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड' एक बार फिर से विवादों में फंसती नजर आ रही है। 'पतंजलि' को मिस ब्रैंडिंग एवं भ्रामक प्रचार के पांच मामलों में दोषी पाए जाने पर एडीएम हरिद्वार (न्याय निर्णायक अधिकारी) ने 'पतंजलि' आयुर्वेद की पांच उत्पादन यूनिटों पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। 'पतंजलि', जिसका टर्नओवर फिलहाल 5 हजार करोड़ है, अगले वित्तीय वर्ष तक इसे 10 हजार करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है।
बुधवार को हरिद्वार में एक स्थानीय अदालत ने रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद की पांच उत्पादन इकाइयों पर उसके उत्पादों के ‘‘गलत प्रचार एवं भ्रामक विज्ञापन'' के मामले में 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एडीएम ललित नारायण मिश्रा की अदालत ने कंपनी से एक माह के भीतर जुर्माना भरने को कहा।
आपको बता दें कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेंद्र पांडे ने अगस्त 2012 में दिव्य योग मंदिर के पतंजलि स्टोर पर छापा मारकर कच्ची घानी सरसों तेल, नमक, बेसन, शहद और पाइनएप्पल जेम के चार-चार सैंपल भरे थे।
रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट के आधार पर नवंबर 2012 में अपर जिलाधिकारी न्यायालय में इस संबंध में वाद दायर किया गया। मंगलवार को एडीएम वित्त ललित नारायन मिश्र की न्यायालय ने इस पर फैसला सुनाया। न्यायालय ने सरसों के तेल की मिस ब्रांडिंग पर ढाई लाख, नमक पर ढाई लाख, पाइन एप्पल जैम पर ढाई लाख, बेसन पर डेढ़ लाख और शहद पर दो लाख यानी कुल 11 लाख का जुर्माना लगाया है।
अदायगी न करने पर इसकी भूराजस्व की तरह वसूली की जाएगी। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि इन उत्पादों को बनाने वाली कंपनी तीस दिन के भीतर इस मामले में खाद्य सरुक्षा प्राधिकरण में अपील करने का अधिकार होगा।
अदालत ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद को गलत प्रचार का दोषी पाया गया क्योंकि कंपनी ने दर्शाया है कि उसके उत्पादों का उत्पादन उसकी अपनी इकाइयां करती हैं जबकि उनका निर्माण कहीं और होता है।
Courtesy: National Dastak