देश के मौजूदा संकट और मौतों के लिए नैतिक रूप से उर्जित पटेल जिम्मेदार है, ये कहना है अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डी. थाॅमस फ्रेंको का।
बैंक अधिकारियों के सबसे बड़े संगठन के वरिष्ठ नेता ने रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल को नोटबंदी के अपरिपक्व फैसले से होने वाली अर्थव्यवस्था केे विनाश का जिम्मेदार बताया है।
उन्होेंने कहा कि इसके लिए उन्हेें नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए, और इस पद को छोड़ देना चाहिए।
डी. थाॅमस फ्रेंको अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष है जो अखिल भारतीय बैंक अधिकारियों का महासंघ है।
ये संगठन 2.5 लाख बैंक अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें सभी राष्ट्रीय बैंक सहित निजि, सहकारी व ग्रामीण बैंक शामिल हैं। फ्रेंको ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल को इस संकट और मौतो की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
फ्रेंको ने बताया कि सरकार ने अन्य देशों से कोई सबक नहीं लिया। अब से पहले भी 1978 में जब सरकार नोटबंदी का फैसला लेकर आई थी तब उस समय के रिजर्व बैंक के गर्वनर आई जी पटेल ने सलाह दी थी कि ये कदम सरकार के खिलाफ होगा।
फ्रेंको ने आगे कहा कि हम सभी जानते है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली कोई अर्थशास्त्री नहीं है। हम भारतीय रिजर्व बैंक के अर्थशास्त्रियों को इससे संबंधित मामलों पर निर्णय को लेने की जरूरत होती है जो लोगों के जीवन और अर्थव्यवस्था से जुड़ा होता है।
वर्तमान गर्वनर अपने दायित्वों के निर्वाहन पर पूरी तरह से नाकाम हो गए है जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था इतने बुरे दौर में पहुंच गई और इसके पीछे बिना किसी महत्पूर्ण योजना के लिया गया निर्णय था। जो देश के अधिकांशत बहुमत को अर्थव्यवस्था के कारण बुरे दौर में ले आया है।
Courtesy: Janta Ka Reporter