नई दिल्ली। विपक्ष की लगातार पीएम मोदी के संसद में उपस्थित होने की मांग के बाद पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को राज्यसभा में पहुंचे। हालांकि वे यहां जारी हंगामे के बीच कुछ देर तक सदन में बैठे रहे। विपक्ष के सदस्यों के अलावा कई राजनीतिक पार्टियों के नेता इस दौरान शोरगुल में व्यस्त रहे। कुछ सदस्य मोदी से बातचीत करने उनकी सीट पर भी पहुंचे।
दरअसल, विपक्ष नोटबंदी के मामले पर होने वाली डिबेट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की मांग कर रहा था। पीएम दोपहर 12 बजे के करीब प्रश्नकाल के कुछ देर पहले राज्यसभा पहुंचे। प्रश्नकाल के दौरान आज सूचीबद्ध प्रश्नों में प्रधानमंत्री कार्यालय से संबंधित प्रश्न थे, लिहाजा प्रधानमंत्री उच्च सदन में मौजूद थे। हालांकि, कुछ देर बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मोदी अपनी सीट पर बैठे हुए थे। एसपी सांसद जया बच्चन पीएम के पास गईं और मोदी से बातचीत करती नजर आईं।
सभापति हामिद अंसारी ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने का ऐलान किया, उसी समय विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘पिछले 15 दिनों से हम (प्रधानमंत्री की सदन में उपस्थिति की) मांग कर रहे हैं। हम कालेधन के खिलाफ हैं। हम इस मुद्दे पर बोलना चाहते हैं लेकिन किसके सामने बोलें? हमारा आक्रोश यह है कि प्रधानमंत्री हर सप्ताह संसद भवन में अपने सांसदों की बैठक लेते हैं। वह सदन के बाहर भी बोलते हैं। हमारी मांग यह है कि प्रधानमंत्री को यहां उपस्थित रहना चाहिए और हमारी बात सुननी चाहिए।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की है कि विपक्षी दल कालाधन रखने वालों के समर्थन में हैं जबकि यह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। आजाद के यह कहने पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में नोटबंदी के मुद्दे पर उस चर्चा को बहाल करना चाहिए जो 16 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने पर पहले ही दिन शुरू की गई थी।
Courtesy: National Dastak