नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रधानमंत्री की रैली के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर उनके दावों की पोल खोली। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा यूपी चुनावों को देखते हुए और अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए नोटबंदी की। उन्होंने कहा कि इनके पास चुनावों में बताने के लिए कुछ नहीं था इसीलिए हड़बड़ी में नोटबंदी का सहारा लिया।
मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार अपने ही फैसले को बार बार बदल रही है। वहीं भाजपा शासित राज्यों में तो भारी गड़बड़झाला नजर आ रहा है। सरकार की विफलता के कारण देश की नब्बे प्रतिशत जनता लाइनों में खड़ी है। इनमें गरीब मजदूर और किसान सबसे ज्यादा दुखी हैं। मजदूरी के अभाव में अब लोग पलायन करके वापस अपने गांव की तरफ लौट रहे हैं। लोग मजदूरी छोड़कर बैंकों की लाइनों में लगे हैं।
ऐसे में बीजेपी नेता और खुद प्रधानमंत्री सहित सारे लोग जनता का ध्यान बांटने के लिए तरह-तरह की नाटकबाजी में लगे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी रैली में इनके द्वारा लगाए गए आरोप सरासर गलत हैं।
देश के कालेधन का बड़ा हिस्सा धन्नासेठों और पूंजीपतियों के हाथों में है। लेकिन सरकार उन्हें बचाने में लगी है। सरकार इस बात का जवाब क्यों नहीं दे रही कि मेहनतकश और आमजनता को उस अपराध की सजा क्यों दी जा रही है जो उसने किया ही नहीं है।
भ्रष्टाचार से लड़ने में बीजेपी का रवैया बहुत ही लचीला रहा है। नोटबंदी से कालाधन रोकने का दावा भी लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला ही रहा है। अगर ये ईमानदार होते तो अब तक लोकपाल की नियुक्ति कर दी होती जो कि इन्होंने नहीं की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने का इनका रिकॉर्ड नहीं रहा है।