नई दिल्ली। केंद्र मे भाजपा की सरकार बनने के बाद हर संस्थान का भगवाकरण करने की कोशिशें की जा रही हैं। देश ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले मीडिया संस्थान भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) में भी इसकी आहट साफ नजर आ रही है। यहां से पहले 25 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया। जब इस बात का यहां के शिक्षक नरेन्द्र सिंह राव ने विरोध किया तो उन्हें भी नौकरी से निकाल दिया गया।
संस्थान की विविधता खत्म करने और यहां भगवाकरण करने के उद्देश्य से अब पाठ्यक्रम में भी छटनी शुरू कर दी है। इस कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल की किताब मीडिया का अंडरवर्ल्ड को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इस मामले की जानकारी शेयर करते हुए मंडल जी ने लिखा है……
शर्मनाक!
भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करने वाले इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC), जिसे पत्रकारिता ट्रेनिंग का देश का सबसे बड़ा संस्थान कहा जाता है, ने अपने सिलेबस से मेरी किताब "मीडिया का अंडरवर्ल्ड" को हटा दिया है.
यह किताब काफी समय से वहां और और कई संस्थानों की रीडिंग्स में शामिल हैं. यहां आप देश सकते हैं कि पिछले साल तक यह किताब IIMC के सिलेबस का हिस्सा रही है.
इस किताब को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया क्षेत्र में देश के सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिए भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार दिया है. खुद मंत्री आए थे पुरस्कार देने. इसके लिए मुझे 75,000 रुपए भी सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने दिए हैं.
किसी किताब को सिलेबस में रीडिंग के तौर पर रखना या न रखना, उस संस्थान का विशेषाधिकार है. और इस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है.
मैं सत्ता प्रतिष्ठान के सिर्फ उस भय की ओर इशारा कर रहा हूं, जो नहीं चाहता कि लोग पढ़ें.
इतने भय के साथ वे कैसे जी रहे होंगे? लिखे हुए शब्द से इतना डर?
शर्मनाक!
Courtesy: National Dastak