नई दिल्ली। पीएम मोदी ने 8 नवंबर को देश के नाम संबोधन में 500 और 1000 के नोटबंदी की घोषणा कर दी। इसके बाद देशभर से तकरीबन 112 लोग नोटबंदी की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बाद पीएम मोदी ने 31 दिसंबर को एक बार फिर राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। जिसे लेकर वह विपक्षी दलों के निशाने पर हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को ’बजट पूर्व भाषण’ करार देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कालाधन एवं नोटबंदी के वास्तविक एजेंडा से भटक गए हैं। ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कालेधन एवं नोटबंदी के वास्तविक एजेंडा से भटक गए और उन्होंने वित्त मंत्री का पद ले लिया और बजट पूर्व भाषण दिया है।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि लिहाजा मोदी द्वारा दिए गए इस अग्रिम बजट भाषण से वित्त मंत्री गायब थे। मोदी बाबू थोथा चना बाजे घना। उन्होंने दावा किया कि यह हृदयहीन एवं आधारहीन भाषण था। ममता ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि वह उन 112 नागरिकों के प्रति भी सम्मान प्रकट करना भूल गए जिनकी मौत नकदी पाने के लिए कतार में खड़े होने के समय हुई।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्र के नाम संबोधन कहा जा रहा है और राजनीतिक बदले की भावना से काम किया जा रहा है। राष्ट्र के संबोधन के नाम पर वह अपना क्षुद्र राजनीतिक एजेंडा पूरा कर रहे हैं।’’ ममता ने कहा, ‘‘राष्ट्र संबोधन बजट संबोधन बन गया है। काले धन की सफाई के नाम से वित्तीय आपातकाल जारी है। बैंकों में धन उपलब्ध नहीं है। अभी तक समस्याओं का ठोस हल नहीं निकला है।’’मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि वह वादा पूरा करने के लिए 50 दिन चाहते थे किन्तु बुरी तरह विफल हो गए।
Courtesy: National Dastak