From a Mother, Rupabehn Modi to her son, Azhar, lost to Bini, Rupa and Dara Mody on February 28, 2002 as the fires of hatred engulfed Gulberg Society, Ahmedabad
तू है तो मैं हूं, तू है तो मैं हूं
तू है तो फ़लक, तू है तो ज़मीन
कुछ तो बता जिंदगी
अपना पता जिंदगी
कुछ तो बता जिंदगी
अपना पता जिंदगी…
तारों भरी एक रात में
तेरे ख़त पढ़ेंगे साथ में
कोरा जो पन्ना रह गया
एक कांपते से हाथ में
थोड़ी शिक़ायत करना तू
थोड़ी शिक़ायत मैं करूं
नाराज़ बस ना होना तू जिंदगी…
कुछ तो बता जिंदगी
अपना पता जिंदगी
कुछ तो बता जिंदगी
अपना पता जिंदगी…
तू है तो मैं हूं, तू है तो मैं हूं
तू है तो फ़लक, तू है तो ज़मीन