नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी के बाद संसद में सवालों का जवाब देने से लगातार बचते नजर आ रहे हैं। विपक्ष के हंगामे के बावजूद भी वे संसद में चर्चा को तैयार नहीं हैं। हालांकि चुनावी रैलियों में लगातार नोटबंदी के फायदे और विपक्ष के नुकसान लोगों को गिना रहे हैं। नोटबंदी के फैसले को भले ही वे लोगों के सामने सही ठहरा रहे हैं लेकिन उन्हें मालूम है कि यह फैसला उनकी भयंकर भूल के कारण हुआ है।
पीएम ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के साथ 19 नवंबर को एक मीटिंग में कहा कि बिना सोचे समझे 1000 और 500 के नोटो को बंद करके उन्होने एक बहुत बड़ी भूल कर दी।
नरादा की खबर के अनुसार, चंद्रशेखर राव पीएम से नोटबंदी के बाद तेलंगाना में नए नोट ना होने से हो रही भारी परेशानी बताने के लिए मिले थे। नोटबंदी के बाद से तेलंगाना के हालात बहुत खराब थे जिसका असर हैदराबाद समेत पूरे राज्य पर पड़ रहा था। पुराने नोट बदलने के लिए कतारों में बहुत लोग खड़े थे जिसके बाद से पैसा बहुत जल्दी खत्म हो रहा था।
मोदी और चंद्रशेखर के बीच मीटिंग 25 मिनट के लिए होनी तय थी। लेकिन ये मीटिंग पूरे एक से डेढ़ घंटे के लिए चली चंद्रशेखर राव ने कहा कि औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में स्थिति बुरी तरह से प्रभावित हो रही थी। चंद्रशेखर ने पीएम से तेलंगाना में इस तरह के एक अनिश्चित स्थिति को देखते हुए कहा कि, राज्य केंद्र को करों और अन्य राजस्व के अपने हिस्से का भुगतान करने में सक्षम नहीं होगा।
चंद्रशेखर द्वारा की गई सूचीबद्ध शिकायतों के बाद प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया नोटबंदी अपने आप में एक बड़ी भूल थी। और उन्हे इसे शुरू करने से पहले बहुत अधिक ध्यान देना चाहिए था। एक सूत्र ने इस मीटिंग के बारे में बताया कि हालांकि प्रधानमंत्री ने कहा कि चीजें जल्दी ही सुधरनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने चंद्रशेखर से नोटबंदी को सार्वजनिक रूप से इस कदम का समर्थन करने को कहा। मोदी ने चंद्रशेखर को आश्वासन दिया कि नितिन गडकरी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, और पीयूष गोयल, बिजली मंत्री, संकट से उबरने में मदद करने के लिए राज्य में नई परियोजनाओं की घोषणा करेंगे।
मोदी और चंद्रशेखर राव की बैठक इतनी लंबी चली कि पीएम से मिलने का इंतज़ार कर रहे सेना प्रमुख जनरल दलबीर सुहाग को कहा गया कि कुछ जरूरी परिस्थितियों के कारण प्रधानमंत्री से मिलना संभव नहीं है।
ये पहला अवसर है जब मोदी ने नोटबंदी पर अपनी गलती स्वीकार की है। वरना प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक रूप से नोटबंदी का पूरी तरह से बचाव किया है। इस कदम के खिलाफ विरोध करने वालों को पीएम ने भ्रष्ट कहते रहे हैं।
Courtesy: National Dastak