‘फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनी के साथ क्या डील हुई है मोदी सरकार की?’

नई दिल्ली। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने ब्रिटेन की नोट छापने वाली कंपनी 'डे-ला-रू' के भारत में उभार पर सवाल खड़े किए हैं। ओमान चांडी ने सवाल उठाया कि यह तभी क्यों हुआ है जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में विमुद्रीकरण किया और देश को नए नोटों की जरूरत है। आखिर क्या डील हुई है सरकार की?

Modi de laru
 
आपको बता दें कि 'डे-ला-रू' उन तीन कम्पनियां में शामिल है जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक ने 1997-98 में 100 और 500 रुपए के 360 करोड़ नोटों की छपाई के लिए अनुबंधित किया था। जिनकी वैल्यू एक लाख करोड़ रुपए थी। लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सन 2011 में इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया था। 
 
2012-13 में संसद की लोक उपक्रम समिति के एक रिपोर्ट से पता चलता है कि इस समिति ने डे-ला-रू की नोट छपाई के लिए आउटसोर्स उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर आपत्ति जताई थी। उस लोक उपक्रम समिति के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी से सांसद जगदंबिका पाल थे जो उस समय कांग्रेस से सांसद थे। इस समिति की आपत्ति यह थी कि जो मुद्रा छापी जा रही है उस मुद्रा के आतंकवादियों, उग्रवादियों और अन्य अपराधिक तत्वों के हाथों में पड़ने का खतरा है। डे-ला-रू पर यह भी आरोप लगा था कि वह भारत और पाकिस्तान दोनों को नोट छापने के लिए कागज सप्लाई करती है। 
 
ओमान चांडी ने कहा कि सन 2013, 2014 और 2015 में डे-ला-रू ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत में अपनी उपस्थिति की बात नहीं की लेकिन 2016 की वार्षिक रिपोर्ट में डे-ला-रू ने भारत में अपनी उपस्थिति की बात कही है। डे-ला-रू के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्टिन सदरलैंड ने एक पत्रिका से साक्षात्कार में इस बात की पुष्टि भी की है। 
 
ओमान चांडी ने कहा कि डे-ला-रू के सीईओ ने कहा है कि कंपनी अपनी ऑफिस दिल्ली में स्थापित कर रही है, और केंद्रीय विभाग के लिए काम करने वाले औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग इसके लिए काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि 'मेक इन इंडिया' भी इसके लिए पहल कर रहा है, चांडी ने कहा कि इसके सबूत भी हैं कि 11 अप्रैल 2016 के बाद डे-ला-रू के शेयर में 33 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
 
इसके पहले आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे ने डे-ला-रू पर सवाल उठाते हुए कहा था कि 'जिस कंपनी पर दुश्मनों की मदद करने के आरोप हैं, क्या मजबूरी थी कि उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट से वाइट लिस्ट करके प्रिंटिंग पार्टनर बनाना पड़ा? क्या 15% का कमीशन बीजेपी के पास पहुंच चुका है? जिस तरह नए नोट बीजेपी नेताओं के पास मिल रहे हैं, कहीं अगला काउंटर बीजेपी के दफ्तर में न खुल जाए?'
 
पीएम मोदी की नोटबंदी के बाद वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में जानकारी दी थी कि बाजार में तरलता लाने के लिए 10 रुपए के प्लास्टिक नोट निकाले जाएंगे।जिसके लिए उन्होंने ब्लैक लिस्टेड कंपनी डे-ला-रू समेत कुछ और विदेशी कंपनियों को ठेका देने की बात कही थी।

Courtesy: National Dastak
 

Trending

IN FOCUS

Related Articles

ALL STORIES

ALL STORIES