दलित सम्मेलन और दलितों के घर खाना खाने जैसे कार्यक्रमों के जरिए उत्तर प्रदेश में दलितों को लुभाने में लगी भारतीय जनता पार्टी को एक तगड़ा झटका लगने जा रहा है। हैदराबादू यूनिवर्सटी के सांस्थानिक हत्या के शिकार हुए रोहित वेमुला की माँ राधिका वेमुला उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए मैदान में उतरने वाली हैं। राधिका वेमुला ने कहा है कि भाजपा को हराने के लिए वे उत्तर प्रदेश में प्रचार करेंगी और रोहित वेमुला के लिए इन्साफ की लड़ाई लड़ रहे कार्यकर्ताओं को साथ लेंगी।
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नागपुर में दीक्षाभूमि में धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस पर मंगलवार को श्रीमती राधिका ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अंबेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन को निशाना बनाया और मेरे बेटे की जान ली क्योंकि वे अंबेडकर के विचारों और सिद्धांतों की बात करता था। राधिका पिछले साल बौद्ध धर्म अपना चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति के बारे में उन्होंने कहा कि वो बहुजन समाज पार्टी को पसंद तो करती है, लेकिन चुनावों में वे किसी एक दल का समर्थन नहीं करेंगी और न ही किसी पार्टी की सदस्यता लेंगी। उनका इरादा भाजपा के खिलाफ अलग से प्रचार करने का है।
रोहित वेमुला की माँ के उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा के खिलाफ ऐलान करने से भाजपा के सामने नई मुसीबत पैदा हो गई है। गुजरात के ऊना कांड के बाद से वैसे भी दलितों में भाजपा के खिलाफ गुस्सा था, लेकिन पार्टी को उम्मीद थी कि चुनावों तक ये मामला शांत हो जाएगा, लेकिन अगर राधिका वेमुला ने कुछ सीमित स्थानों पर भी भाजपा के खिलाफ प्रतीकात्मक प्रचार भी कर दिया, तो भाजपा को दलित वोटों की उम्मीद बिलकुल ही छोड़नी पड़ेगी।
राधिका वेमुला ने एक बार फिर आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, कुलपति अप्पा राव और स्थानीय भाजपा विधायक राघवेंद्र राव ने रोहित वेमुला को आत्महत्या करने पर मजबूर किया। उन्होंने कहा, “रूपणवाला आयोग बार-बार दुष्प्रचार कर रहा है कि मैं दलित नहीं हूँ, जबकि मैं कई बार बता चुकी हूँ कि मैं दलित परिवार में पैदा हुई हूँ, और इसी कारण मुझे भेदभाव झेलना पड़ा है। यहाँ तक कि मेरा पालन-पोषण करने वाले अभिभावकों और मेरे पति ने भी मेरे साथ भेदभाव किया। आयोग ने मेरी जाति दलित न होने के बारे में लंबी-चौड़ी रिपोर्ट दी है, जबकि ये जाँच का विषय ही नहीं था। आयोग का एकमात्र मकसद रोहित की आत्महत्या के जिम्मेदार लोगों को क्लीन चिट देने का था।”
रोहित के मित्र सन्नाकी मुन्ना ने भी रोहित एक्ट को जल्द से जल्द पारित करने की माँग की। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर राव की तेलंगाना सरकार ने इस मुद्दे को उठाने का वाद किया था, लेकिन अब वो भी खामोश है।