नई दिल्ली। नोटबंदी का फैसला आए 39 दिन हो चुके हैं। इस बीच करीब 100 लोग नोटबंदी की भेंट चढ़ चुके हैं। इसके कारण खराब होते हालात पर केन्द्र सरकार के सभी प्रयास विफल होते नज़र आ रहे हैं। पार्टी कार्यकताओं का धैर्य जवाब देता दिख रहा है। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़े कुछ संगठनों ने पार्टी के नेतृत्व से कहा है कि नोटबंदी के कारण जो परेशानियां आई है उन्हें खत्म किया जाए या फिर उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों की तारीख को आगे बढ़वा दिया जाए।
जनसत्ता के अनुसार, RSS और बीजेपी से जुड़े कई लोकल लेवल के संगठनों ने कहा है कि नोटबंदी की वजह से अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान होना तय है। इन लोगों ने पार्टी नेतृत्व को बताया है कि मध्यम वर्ग के लोग शुरुआत में तो नोटबंदी के फैसले से खुश थे लेकिन फिर जब नोटबंदी के ऐलान के एक महीने बाद भी कैश की किल्लत दूर नहीं हुई तो लोगों का गुस्सा और निराशा सामने आने लगी। पहले जो लोग फैसले के समर्थन में थे उनमें से ज्यादातर अब तक एटीएम और बैंक के बाहर लगी लंबी लाइनों को देखकर परेशान हैं।
इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, RSS और BJP के कुछ नेताओं ने बुधवार को लखनऊ में एक मीटिंग की थी। उसमें विश्व हिंदू परिषद, एबीवीपी के साथ बाकी संगठनों ने भी एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें इन बातों का जिक्र था। हालांकि मीटिंग में एक सदस्य ने हो रही कार्रवाईयों का भी जिक्र किया था। उसने कहा, ‘गलत काम कर रहे बैंक और काला धन छिपाकर बैठे लोगों के ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग के छापों को लोगों के सामने लाया जा रहा है। उससे लोगों के सामने केंद्र सरकार की अच्छी इमेज बन रही है। लोग मान रहे हैं कि सरकार ईमानदारी के काम कर रही है।’
आपको बता दे कि नोटबंदी की योजना को कामयाब बनाने के लिए पीएम मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी पार्टी के सभी सांसदों को जिम्मेदारी दी है कि वे लोग सरकार की नई स्कीम ‘लकी ग्राहक योजना’ और ‘डिजी धन व्यापार योजना’ के जो विज्ञापन अखबार में छपेंगे उन्हें ज्यादा से ज्याद लोगों तक पहुंचाएं। ये विज्ञापन शनिवार (17 दिसंबर) से अखबारों में छपने शुरू हो रहे हैं।
Courtesy: National Dastak