महाराष्ट्र के पुणे में एक बगीचे में लगी दिवंगत मशहूर मराठी नाटककार एवं व्यंग्यकार राम गणेश गडकरी की प्रतिमा के साथ मंगलवार को तड़के छेड़छाड़ की गई जिसके बाद चार लोगों को हिरासत में लिया गया।
मराठा समर्थक एक समूह ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि गडकरी के नाटकों में छत्रपति शिवाजी के बेटे संभाजी की ‘खराब छवि’ पेश करने के बदले में यह कार्रवाई की गई।
यह घटना ऐसे समय में घटी है जब कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अरब सागर में शिवाजी के प्रस्तावित विशाल स्मारक के लिए ‘जल पूजन’ समारोह किया गया।
मंगलवार की घटना ने राजनीतिक और सांस्कृतिक गलियारों में विरोध पैदा कर दिया, जबकि मराठा समर्थक संगठन संभाजी ब्रिगेड ने इस घटना का यह कहते हुए समर्थन किया कि गडकरी की कृति ‘राज सन्यास’ में उन्होंने संभाजी की खराब छवि पेश की है।
भाषा की खबर के अनुसार, संभाजी ब्रिगेड ने कहा कि उस बगीचे से प्रतिमा को हटाकर एक नदी में फेंक दिया गया. पुणे नगर निगम ने इस घटना की जांच का आदेश दिया जिसके बाद चार लोगों को हिरासत में लिया गया।
डीसीपी (जोन-1) सुधीर हीरेमठ ने कहा, ‘‘ हमने चार लोगों को हिरासत में लिया है जिनकी पहचान 25 वर्षीय प्रदीप कनासे, 23 वर्षीय हषर्वर्धन मगदूम, 24 वर्षीय स्वप्निल काले और 26 वर्षीय गणेश कराले के रूप में की गई है।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज बरामद किया है जिसमें चार लोगों को प्रतिमा उखाड़ते हुए देखा गया है।
संभाजी ब्रिगेड के नेता संतोष शिंदे ने कहा, ‘‘ हम संभाजी गार्डन से उस प्रतिमा को हटाने की मांग कर रहे थे और पुणे नगर निगम के साथ इस संबंध में आवश्यक पत्र व्यवहार किया था। हालांकि, उन्होंने हमारी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जिससे हमारे कार्यकर्ताओं को उस गार्डन में घुसकर प्रतिमा को हटाने पर बाध्य होना पड़ा।’’
Courtesy: Janta Ka Reporter