जम्मू। केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को देश में 500 और 1000 के नोटबंद करने की घोषणा की थी। सरकार की तरफ से इसे आतंकियों पर लगाम लगाने के लिए जरूरी बताया गया था। सरकार के लोगों ने दावा किया था कि नए नोट लागू करने से आतंकियों के पास पुराने नोट की वैल्यू खत्म हो जाएगी। जिससे आतंकवाद पर लगाम लगाने पर मदद मिलेगी। लेकिन नोटबंदी के सिर्फ चौदह दिनों के भीतर ही मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के पास से नए 2000 के नोट मिलने से सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
जम्मू कश्मीर के बांदीपोर इलाके में मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए दो आतंकियों के पास से 2000 रुपए के नए नोट बरामद हुए हैं। इसके अलावा उनसे करीब 15 हजार रुपए की नकदी और गोला-बारूद भी मिला है।
आतंकियों के पास 2000 के नोट मिलने से सुरक्षाबलों के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। अब इस बात पर सवाल उठने लगे हैं कि हाल ही जारी की गई नई करेंसी इन आतंकियों के पास कैसे और कहां से आई?
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियो के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ मंगलवार सुबह बांदीपोर इलाके में हुई। करीब 2 घंटे तक चली मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया गया।
इस मुठभेड़ के बाद पूरे इलाके में तनाव पैदा हो गया। स्थानीय लोगों ने नारेबाजी करते हुए सुरक्षाबलों पर पथराव शुरु कर दिया। हिंसक भीड पर काबू पाने के लिए पुलस को भी बल प्रयोग करना पडा। प्रशासन ने एहतियातन पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी है।
सवाल ये है कि ये नए नोट आतंकवादियों के पास कहां से आए? इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में बैंक लूटे जाने की वारदात पर रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि नोटबंदी के बाद से जम्मू कश्मीर में बैंक लूटने की अभी तक तीन वारदात हो चुकी हैं।
Courtesy: National Dastak