स्थानीय दुकान से अनाज लेने में असमर्थ दलित युवक ने भूख के कारण दम तोड़ दिया। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद निवासी 28 वर्षीय बेरोजगार दलित युवक की पत्नी जो पिछले कई दिनों से भूखी है वह भी अस्पताल में मौत से जूझ रही है।
आधार कार्ड और राशन कार्ड ना होने के कारण धर्मेंद्र दुकान से अनाज लेने में असमर्थ था। जिला प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों को मामले की जांच का आदेश दिया है।
जिसके तहत उस स्थानीय दुकान की भी जांच होनी है जहां सरकार की ओर से गरीबों के लिए सब्सिडाइज्ड भोजन उपलब्ध कराया जाता है। धमेंद्र की मौत के बाद रविवार को तहसीलदार रामकुमार वर्मा ने सोरांव तहसील के अंतर्गत आने वाले धरौता गांव में दंपति के घर की छानबीन की। वर्मा ने बताया कि उन्हें इस जांच के दौरान घर से खाने का कोई सामान नहीं मिला।
सरकार द्वारा कई स्कीमों, विशेषकर चावल और गेहूं की कीमतों में कमी के बावजूद गांवों में भुखमरी व्याप्त है। वर्मा ने तुरंत राहत के तौर पर परिवार को 1000 रुपये दिए। ग्रामीण समारोहों में धर्मेंद्र स्थानीय नर्तक के तौर पर काम करता था।
शुरुआत में दंपति को ग्रामीणों ने भोजन दिया लेकिन कुछ समय बाद यह भी बंद हो गया। आठ साल पहले धमेंद्र की शादी उषा देवी से हुई थी लेकिन अभी तक उनकी कोई संतान नहीं थी। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट ब्रजेंद्र द्विवेदी ने बताया, ‘धमेंद्र के पास कुछ खेत और जमीन थी।‘ रविवार सुबह धमेंद्र की मौत हो गयी। ग्रामीणों ने उसके अंतिम संस्कार के लिए पैसे इकट्ठा किए थे।
Courtesy: Janta Ka Reporter