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विडियो: गैस सब्सिडी के विज्ञापन पर करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद मोदी ने लोकसभा में कहा, बातों-बातों में किया था सब्सिडी छोड़ने का आह्वान

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पीएम मोदी ने गरीबी रेखा के नीचे गुजारा करने वाले परिवारों को मुफ्त घरेलू रसोई गैस कनेक्शन मुहैया कराने के लिए उज्ज्वला योजना का बलिया से उद्घाटन किया था। इसके अलावा उस समय पीएम मोदी ने बैंकों एवं औद्योगिक घरानों को अपने कर्मचारियों से सब्सिडीयुक्त गैस सिलेंडर छोड़़ने के लिए प्रेरित करने को कहा।

 

गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए कई तरह के अभियान और कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। उस समय देश के सभी पेट्रोल पंपों पर भारी खर्चा विज्ञापनों पर किया गया था ताकि लोग प्रेरित होकर गैस सब्सिडी छोड़ दे। टेलिविजन पर गैस सब्सिडी छोड़ने के विज्ञापन को प्रमुख रूप से दिखाया जा रहा था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सरकार ने इस पर 250 करोड़ रूपये का खर्च किया था।

गैस सब्सिडी छोड़ने वाली बात पर आज लोकसभा में बोलते हुए कहा कि मुझ जैसे एक सामान्य व्यक्ति ने बातों-बातों में कह दिया था कि जो अफोर्ड कर सकते है वो गैस की सब्सिडी छोड़ दे।

करोड़ो रूपया खर्च करने वाले विज्ञापनों को नज़रअंदाज करते हुए पीएम मोदी ने इस अभियान के बारें में सिर्फ बातों-बातों कहे जाने वाला मामला बना दिया। आपको बता दे विज्ञापनों के अलावा सक्षम एवं सुविधासंपन्न लोगों को सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर छोड़ने के लिए ‘गिव इट अप’ (इसे छोड़ें) अभियान शुरू किया था।

 

Courtesy: Janta Ka Reporter

मध्य प्रदेश: भाजपा राज में दलितों को मंदिर जाने से रोकने के लिए लगाया ताला

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देवास। मध्य प्रदेश के देवास इलाके के बहिरावद गांव में दलित समाज के लोगों को मंदिर जाने से रोकने के लिए मंदिर के गेट पर ताला लगाने का मामला सामने आया है। मंदिर के गेट पर ताला लगा देखकर दलित समाज के लोग आक्रोशित हो गए और दोषियों के खिलाफ कारवाई करने की मांग को लेकर सिर पर भागवत पुराण रखकर पैदल पुलिस थाना पहुंचे। मामले की जानकारी मिलने पर नायब तहसीलदार और टीआई मौके पर पहुंचे और ताले को तुड़वाकर मंदिर का गेट खुलवाया।

Dalits not allowed in Temple
 
दलित समुदाय ने मंदिर समिति से जुड़े हुए कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक आवेदन टीआई को सौंपा। इस आवेदन में बताया गया कि दलित समाज के लोगों द्वारा 31 जनवरी से गांव में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा था। इसका समापन सोमवार को शोभायात्रा और भंडारे के साथ रखा गया था। दोपहर में लोग शोभायात्रा के साथ ग्राम भ्रमण के बाद हनुमान मंदिर पर पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचे तो गेट पर ताला लगा हुआ था।
 
आवेदन में कहा गया कि इस प्रकार दलित समाज के लोगों के साथ भेदभाव और छुआछूत का व्यवहार किया गया। टीआई ने आवेदन के आधार पर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर आक्रोशित लोगों से गांव लौटने की बात कही। इस बात से नाराज होकर आक्रोशित लोगों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ थाना परिसर में नारेबाजी शुरू कर दी। 
 
जानकारी के मुताबिक थाना परिसर में नारेबाजी करने पर पुलिसवालों ने दलितों को मारपीट कर थाना परिसर से बाहर खदेड़ दिया। इससे नाराज होकर दलित समुदाय के लोगों ने एसडीएम कार्यालय पहुंच नायब तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि टीआई आरके चतुर्वेदी ने उनके साथ मारपीट व गाली-गलौज कर जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया है। इस संबंध में टीआई को निलंबित करने और दोषियों पर तुरंत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की।
 
कन्नौद की एसडीएम रंजना पाटने ने कहा कि 'बहिरावद के मामले में ज्ञापन प्राप्त हुआ है। जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस द्वारा मारपीट करने के मामले में भी जांच करवाई जाएगी।'

Courtesy: National Dastak
 

BJP प्रत्याशी ने RLD प्रत्याशी को अपने पक्ष में बैठाने के लिये दिया 2 करोड़ का ऑफर, देखें वीडियो

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यूपी के विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 11 फरवरी को होना है। गाजियाबाद जिले की पांचों सीटों पर भाजपा का बुरा हाल है। शुक्रवार से प्रथम चरण के चुनाव प्रचार पर रोक लग जाएगी इसके लिए सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में तेजी दिखा रही हैं। जिसके लिए गाजियाबाद में बुधवार को भाजपा के पांच विधानसभा प्रत्याशियों के लिए पीएम मोदी जनसभा को सम्बोधित करेंगे। इसी बीच भाजपा द्वारा रालोद के प्रत्याशी को पैसे देकर मतदान से पहले बिठाने का मामला सामने आया है।गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से भाजपा के एक समर्थक ने रालोद प्रत्याशी को दो करोड़ रूपये का ऑफर दिया है। रालोद प्रत्याशी के पुलिस में शिकायत करने की धमकी और समर्थकों के हंगामे के बाद घबराहट में भाजपा प्रत्याशी ने माफी मांगी। डील सेट करने वाले प्रत्याशी की ऑडियो और वीडियो दोनों वायरल हो रहे हैं। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता अभी इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। इस मामले पर दोनों पक्षों से बातचीत की गई। इसमें रालोद प्रत्याशी ने स्वीकारा कि करोड़ों रूपये की ऑफर दी गई।

गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग के समर्थक और करीबी उमेश गर्ग ने रालोद प्रत्याशी सुलतान सिंह खारी को बिठाने के लिए करोड़ों रूपये का ऑफर दिया है। रालोद प्रत्याशी को बिठाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

सुलतान सिंह खारी ने बताया कि सुबह साढ़े दस बजे उमेश गर्ग उनके पास में पहुंचे। कुछ देर तारीफ के पुल बांधने के बाद करोड़ों रूपये लेकर विड्रा करने की बात कही। इसके अलावा पीएम मोदी के स्टेज पर भी पहुंचाने की बात कही। इस पर जब विरोध जताया गया और पुलिस में शिकायत करने की बात कही तो माफी मांग ली। कुछ समर्थकों ने इसका वीडियो भी बना लिया।

देखें वीडियो

Courtesy: Dainik Aaj

 

आदिवासी महिलाओं ने कोर्ट के सामने सरपंच को पीटा

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इंदौर। झाबुआ की कोर्ट में तीन आदिवासी महिलाओं ने एक सरपंच की जमकर पिटाई कर दी। बता दें कि एक महिला डंडा लेकर उस पर टूट पड़ी, तो बाकि दो महिलाओं ने उसका शर्ट फाड़कर उस पर जमकर थप्पड़ बरसाए। ये सब होता देख लोगों ने बीच बचाव किया तो सरपंच बनियान में ही वहा से भाग निकला।

Indore

आपको बता दें कि झाबुआ की जिला अदालत में सुबह से तीन आदिवासी महिलाएं डेरा डाले हुए थीं। इनमें से एक महिला डंडा लेकर खड़ी थी, लोगों के पूछने पर इन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन थोड़ी देर बाद ग्राम पंचायत डूंगराधन्ना का सरपंच लिम्बा वहां पहुंचा। जैसे ही सरपंच वहां पहुंचा तो उसे देखते ही डंडा लेकर खड़ी आदिवासी महिला उस पर टूट पड़ी। महिला को अचानक लिंबा पर डंडे बरसाता देख आसपास मौजूद लोग हैरान रह गए।
 
इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते दो अन्य महिलाओं ने लिंबा को घेर लिया। आदिवासी महिलाओं ने उसके शर्ट के बटन फाड़ तोड़ दिए और उसे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। मारते हुए तीनों महिलाएं उसे खूब गालियां दे रहीं थीं। थोड़ी देर तक लोग तमाशा देखते रहे फिर कुछ लोग लिंबा को बचाने आए। जब ये लोग महिलाओं को समझा रहे थे उसी बीच मौका देख लिंबा वहां से भाग खड़ा हुआ। किसी ने उसका शर्ट पकड़कर उसे रोकने की कोशिश की तो वह शर्ट उतारकर बनियान में ही भाग गया ।
 

 
बता दें कि महिलाओं का आरोप था कि सरपंच ने पुलिस के साथ मिलीभगत कर उनके घरवालों को लूट के मामले में पकड़वा दिया जबकि असल आरोपी कोई और ही है। आदिवासी महिला संगीता वालसिंह, वेस्ता पिता जुवानसिंह, वालसिंह पिता पीदू आदि ने टीआई आरसी भास्करे व एसआई एमएल भाटी पर 18 हजार रुपए रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया।
 

 
यह था पूरा मामला 
मामला नेशनल हाईवे पर स्थित ग्राम मोहनपुरा में 31 जनवरी की रात कल्याणपुरा के व्यापारी के साथ हुई लूट से जुड़ा है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपी मुन्ना वालसिंह कतिजा निवासी गड़वाड़ा, कमलेश उर्फ कम्मू पिता कलसिंह भाबर निवासी मोहनपुरा व मुन्ना पिता बाबू डामोर निवासी मोहनपुरा को गिरफ्तार किया था। 
 
उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। इस दौरान तीनों आरोपियों के घरवाले और ग्राम पंचायत डूंगराधन्ना का सरपंच लिम्बा बाहर खड़े थे। जहां से तीनों को जेल भेजने के आदेश हो गए। इस बात को लेकर आरोपियों के घर की महिलाओं ने अचानक सरपंच लिम्बा को पीटना शुरू कर दिया। उनका कहना था सरपंच की वजह से ही हमारे घरवाले फंसे। कोई कुछ भी आरोप लगा दे तो उससे क्या होता है। लूट की रकम, मोबाइल और जैकेट उनके पास से ही बरामद किया।

Courtesy: National Dastak

 

बीजद सांसद ने सीधे पीएम मोदी से आकर कहा, आपने भाषण में गलत जानकारी दी है, PM व अन्य सांसद हुए हैरान

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जब मंगलवार को लोकसभा भाषण के दौरान पीएम मोदी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाषण दे रहे थे तो विपक्ष अपनी पैनी नज़र पीएम मोदी पर बनाए हुए था। इसी दौरान लोकसभा में बीजद सांसद तथागत सत्पति ने जाकर उनको भाषण में दी गई गलत जानकारी के बारें में बताया।

बीजद सांसद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी के साथ खड़े हुए अन्य बीजेपी सांसदों को लगा कि वह भाषण समाप्त होने के बाद तरीफ करने आए है लेकिन बीजद सांसद तो सीधे पीएम के भाषण की आलोचना करने पहुंच गए।

 

पीएम मोदी ने मंगलवार का धन्‍यवाद प्रस्‍ताव का जवाब दिया और भाषण में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। जैसे ही पीएम मोदी भाषण खत्‍म हुआ, बीजू जनता दल सांसद तथागत सत्‍पति पीएम के पास पहुंचे। पीएम मोदी के पास लाइन में लगे हुए अन्य सांसदों को लगाा कि शायद सत्‍पति उनके भाषण की तारीफ करेंगे लेकिन हुआ इसका उल्टा।

उन्‍होंने पीएम मोदी से कहा, ”प्रधानमंत्री जी, आपको गलत जानकारी दी गई है।” मोदी ने तुरंत पूछा, ”क्‍या? क्‍या?” तब सांसद सत्‍पति ने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान कि सभी कोयला खदान वाले इलाके अब रिटेल में कोयला बेचते हैं, गलत था। उन्‍होंने कहा कि यहां तक कि पावर स्‍टेशनों को पर्याप्‍त कोयला नहीं मिल पा रहा। सत्‍पति इतना कहकर वहां से चले गए और साथ मंे खड़े अन्य बीजेपी सांसद सोचते रह गए कि बीजू जनता दल सांसद क्या कह कर चले गए।

Courtesy: Janta Ka Reporter
 

दिल्ली उच्च न्यायालयः महिलाओं को मंदिर में आने से नहीं रोका जा सकता

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नई दिल्ली। दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय ने मंगलवार को महिलाओं के हित में फैसला सुनाया। बता दें कि उच्च न्यायालय ने एक पुजारी से पूछा कि मंदिरों में महिलाएं पूजा और ‘सेवा’ क्‍यों नहीं कर सकतीं। जस्टिस बीडी अहमद और आशुतोष कुमार की बेंच ने कहा, ”वक्‍त बदल चुका है, अब महिलाओं को भारतीय मंदिरों में प्रवेश से नहीं रोका जा सकता।” 

Women entry in temple
 
बेंच ने कहा, ”यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि महिलाओं को पूजा के स्‍थान में प्रवेश करने से रोका नहीं जा सकता।” इसके बाद बेंच ने पुजारी से पूछा, ”हम ऐसा क्‍यों करना चाहिए?” अदालत ने यह टिप्‍पणी तब की जब पुजारी के वकील ने मामले की तत्‍काल सुनवाई की दरख्‍वास्‍त की क्‍योंकि ट्रायल कोर्ट ने पहले ही उसकी बहनों को कालकाजी मंदिर में ‘पूजा और सेवा’ करने तथा प्रसाद लेने की भी अनुमति दी है। पुजारी के वकील ने कहा कि चूंकि दोनों विवाहित बहनें विभिन्‍न परिवारों और गोत्र से ताल्‍लुक रखती हैं, उनका मंगलवार से शुरू हुई ‘पूजा सेवा’ करने का अधिकार नहीं बनता। पुजारी ने दिल्‍ली के मशहूर कालकाजी मंदिर में अपनी दो बहनों को ऐसा करने से रोकने के लिए न्‍यायिक आदेश मांगा था।
 
इस मामले पर पुजारी के वकील ने कहा कि 4 फरवरी को दिए गए ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए और उसकी बहनों को पूजा करने से रोका जाए। बेंच ने मंगलवार को उपयुक्‍त बेंच के सामने मामला सूचीबद्ध करने की इजाजत दे दी। जब जस्टिस जेआर मीधा के सामने मामला आया तो उन्‍होंने कहा कि प्रतिवादी को नोटिस दिए जाएंगे क्‍योंकि ट्रायल कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया था। अदालत ने कहा, ‘इसे कल के लिए लिस्‍ट कीजिए।’ हाई कोर्ट ने कहा कि वह ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगा सकते।
 
दूसरी तरफ, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि प्राचीन समय से परिवार के पुरुष सदस्‍य ही पूजा करने के अधिकारी हैं क्‍योंकि वही मंदिर में पूजा और अन्‍य रस्‍में निभाते आए हैं। पुजारी ने अपनी बहनों को ‘सेवा बारी’ के जरिए मिलने वाले प्रसाद के हिस्‍से पर दावा करने से रोकने की भी अपील की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि कालकाजी मंदिर के इतिहास में कभी किसी महिला ने पूजा नहीं की है।

Courtesy: National Dastak