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अमित शाह की रैली में खाली पड़ी रहीं कुर्सियां, मेरठ में कम भीड़ की वजह से ही नहीं की पैदल यात्रा

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बुलंदशहर। यूपी चुनावों में बीजेपी नोटबंदी के मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है और लोग इस पर सुनना चाहते हैं। दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी बहराइच रैली रद्द करनी पड़ी। इसके पीछे खराब मौसम का हवाला दिया गया। हालांकि बाद में लोगों ने वहां के हालातों का जायजा लेते हुए फोटो डाले। उससे पता चला कि यहां पीएम को सुनने के लिए लोग ही नहीं पहुंचे थे। ऐसा ही हाल अब अमित शाह और तमाम भाजपा नेताओं की रैलियों का हो रहा है। 

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को खुर्जा के पोलिटेक्नीक में सभा को सम्बोधित कर रहे थे। सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने अखिलेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं कांग्रेस से गठबंधन पर भी चुटकी ली। इस दौरान अमित शाह जनसभा में अपेक्षा से कम भीड़ रही। सभा के दौरान अधिकांश कुर्सियां जनसभा में अंत समय तक खाली पड़ी रहीं।
 

इसके बाद अमित शाह मेरठ में पैदल यात्रा करने वाले थे। लेकिन यूपी की जनता ने अमित शाह की पैदल यात्रा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसके चलते अमित शाह को पैदल यात्रा रद्द कर कार से रोड शो करना पड़ा। हालांकि शाह ने पैदल यात्रा रद्द करने के पीछे मेरठ में बीते कल हुई हत्या को वजह बताया। 

हालांकि कम भीड़ के बावजूद भी अमित शाह ने खुर्जा में जनसभा को संबोधित करने का दम दिखाया। उन्होंने कहा कि अभी-अभी दो  शहजादे इकट्ठा हुए हैं। एक ने देश लूटा है तो एक ने प्रदेश लूटा हैं। अब दोनो मिलकर यूपी लूटने चले हैं। सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 15 साल से इस उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, सपा-बसपा का एक क्रम चल रहा हैं। इस क्रम ने यूपी को बर्बाद कर दिया था। यूपी पिछड़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 15 किसी व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ा काल खण्ड होता हैं। मित्रों 15 साल में कई ऐसे राज्य, जहां बीजेपी का शासन हैं कहा से कहां निकल गए। कहा कि विकास के मामले में बीजेपी शासित राज्य कहां से कहां निकल गए। 
 

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सारे कटटीघर बंद कर दिए जायेंगे। बीजेपी की सरकार बनने के बाद यूपी के नौजवान युवाओं को रोजगार दिया जायेगा। सरकार बनने के साथ ही 70 लाख युवाओं को नौकरी दी जायेगी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जनसभा में समय से पहुंच गए थे। लेकिन अमित शाह की रैली में अपेक्षा से कम भीड़ रही। सभा के दौरान अधिकांश कुर्सियां जनसभा में अंत समय तक खाली पड़ी रही।
 

Courtesy: National Dastak
 

वीडियो: सोशल मीडिया पर एक और BSF जवान का वीडियो हुआ वायरल, अधिकारियों के बुरे बर्ताव पर जताया रोष

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सेना में BSF के जवान का एक और वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें वह अधिकारियों के बुरे बर्ताव के बारें में बता रहा है। सेना प्रमुख की पहल के बाद भी सोशल मीडिया पर शिकायती वीडियो आने बंद नहीं हुए है। जबकि गत दिवस सरकार ने कहा था कि सेना के जवानों की शिकायते उनके अपने निजी विचार है।

BSF

 

सोशल मीडिया पर फिर से एक BSF जवान का वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें जवान बताता है कि पूर्व में जो सेना के जवानो के वीडियो आए थे उसके बाद अधिकारियो ने जवानो पर सख्त रूख अपना लिया है। सैनिक के साथ नौकर से भी ज्यादा बद्तर व्यवहार किया जाता है।

जवान ने आरोप लगाया कि भारत अब आजाद है लेकिन अधिकारी अंग्रेजी की तरह से सैनिकों के साथ व्यवहार करते है। BSF जवान जनता से सैनिको का साथ देने का अनुरोध करता है। इस तीन मिनट 40 सैकेण्ड के वीडियो में BSF जवान अपनी आपबीती को बयां करता है जिसमें अधिकारियों के बर्ताव और शिकायत करने पर कैसा तरीका अपनाया जाता है।

इस पर चर्चा करता है। हाल ही मैं इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है। जबकि सैन्य प्रमुख या अन्य अधिकारिक प्रमुख का बयान इस वीडियो पर नहीं आया है।

Courtesy: Janta Ka Reporter

 

US Customs Agents Just Gave Airlines the Green Light to Ignore Trump’s “Muslim Ban”

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Reuters) – U.S. Customs & Border Protection has informed U.S. airlines that they can once again board travelers who had been barred by an executive order last week, after it was blocked nationwide on Friday by a federal judge in Seattle, an airline official told Reuters.In a conference call at around 9 p.m. EST (0200 GMT), the U.S. agency told airlines to operate just as they had before the order, which temporarily had stopped refugees and nationals from seven Muslim-majority countries from entering the United States. Individuals from those states who have proper visas can now board U.S.-bound flights, and airlines are working to update their websites to reflect the change, said the official, who was not authorized to speak publicly.
 


Shannon Stapleton/Reuters

(Reporting By Jeffrey Dastin in San Francisco; Editing by Sandra Maler)

Courtesy: MotherJones
 

गुजरात विवि की तानाशाही, छात्रों को नहीं दी OBC प्रोफेसर का समर्थन करने की अनुमति

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अहमदाबाद। गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजी) के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर जय प्रकाश प्रधान ने निलंबन के खिलाफ विश्वविद्यालय के मेन गेट के सामने धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया है। प्रोफेसर प्रधान के समर्थन में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भी विश्वविद्यालय के बाहर प्रोफेसर प्रधान के साथ प्रदर्शन किया। 


 
वहीं जब छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति मांगी तो विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा तालिबानी रवैया अपनाते हुए छात्रों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी। छात्रों ने इसे लोकतंत्र में मिली अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ कदम बताया है। छात्रों का कहना है कि लोकतंत्र में सभी को शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की आजादी दी गई है। लोग अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करते हैं लेकिन यहां विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को प्रदर्शन से रोका जा रहा है। 
 

 
कुछ छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन प्रोफेसर प्रधान के धरने में शामिल होने पर विश्वविद्यालय से निलंबित करने की धमकी दे रहा है। कई छात्र हैं जो प्रोफेसर प्रधान के धरने में शामिल होना चाहते हैं लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की धमकी से अपने कैरियर को लेकर डर रहे हैं। 
 

ये है मामला…
CUG के प्रोफेसर जय प्रकाश प्रधान को एक छात्र के आरोपों निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि डॉ. प्रधान को अपनी बात रखने तक का मौका नहीं दिया और ना ही उनकी बात सुनी गई। दरअसल डॉ. प्रधान की बहन कल्याणी प्रधान ने विश्वविद्यालय की सत्र 2016-17 एम.फिल/पी.एचडी के एडमिशन प्रक्रिया के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई है। कल्याणी का आरोप है कि विश्वविद्यालय की प्रॉसपेक्टस में प्रवेश परीक्षा के लिए लिखित और इंटरव्यू प्रक्रिया के तहत चयन की बात कही गई थी। विश्वविद्यालय ने लिखित परीक्षा भी कराई, लेकिन बाद में लिखित परीक्षा के नंबर को छोड़कर सिर्फ इंटरव्यू में मिले नंबर के आधार पर प्रवेश लिया गया। छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर प्रधान कल्याणी का भाई होने की वजह से प्रताड़ित किया जा रहा है। उनके खिलाफ कई सारी फर्जी जांच कमेटियां बैठाई गईं। यहां तक जब प्रोफेसर प्रधान के प्रमोशन की बारी आई तो उसमें उनको छांट दिया गया।
 
आपको बता दें कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद देश के सभी विवि में छात्रों पर लगाम लगाने सहित अन्य गतिविधियों में शामिल होने से लगातार रोके जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इस कार्यकाल में हैदराबाद विवि और जेएनयू लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। हैदराबाद में सरकार की विवि प्रशासन के साथ मिलीभगत के कारण रोहित वेमुला को जान देनी पड़ी। वहीं जेएनयू में एडमिशन को लेकर जातीय भेदभाव की रिपोर्ट सामने आने के बाद भी प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाते हुए साक्षात्कार के आधार पर एडमिशन देने की जिद पर अड़ा हुआ है।

Courtesy: National Dastak