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500 करोड़ के हवाला में आया भाजपाई मंत्री का नाम, शिवराज सिंह ने खुलासा करने वाले SP को हटाया!

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भोपाल। भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों एक नए आरोप में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल 500 करोड़ का हवाला करोबार पकडऩे वाले कटनी एसपी गौरव तिवारी के ट्रांसफर को लेकर कटनी जिले के लोग शिवराज सिंह सरकार से नाराज हो गए हैं। इस हवाला कारोबार में मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री का नाम सामने आया है और दो दिन के अंदर ही खुलासा करने वाले एसपी गौरव तिवारी को हटा दिया गया।

Shivraj Singh

जिसके बाद एसपी गौरव तिवारी के सपोर्ट में मंगलवार को पूरा शहर सड़कों पर उतर आया। लोग तिवारी का ट्रांसफर रद्द करने की मांग कर रहे थे। तिवारी का ट्रांसफर कटनी से छिंदवाड़ा कर दिया गया है। वे एक्सिस बैंक समेत कई बैंकों में फर्जी खातों से 500 करोड़ के हवाला लेनदेन की जांच कर रहे थे। तिवारी कटनी में 6 महीने ही पोस्टेड रहे। 
 
तिवारी के समर्थन में यहां के सुभाष चौक पर हजारों की तादाद में लोग इकट्ठा हुए। पूरा बाजार भी बंद रहा। लोगों ने तिवारी का ट्रांसफर रद्द करने की मांग की। कटनी में किसी पार्टी या संगठन ने नहीं बल्कि आम जनता ने ही बंद बुलाया था। इसमें व्यापारी वर्ग से लेकर सभी लोग शामिल थे।

कटनी में आईपीएस गौरव तिवारी ने जिस 500 करोड़ रुपए के हवाला कांड का पर्दाफाश किया था, उस मामले के आरोपियों के मध्यप्रदेश सरकार में भाजपा मंत्री संजय पाठक के रिश्ते सामने आ रहे हैं। संजय कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से विधायक हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पाठक मध्यप्रदेश सरकार के सबसे अमीर मंत्री हैं। उनके पास न केवल 141 करोड़ की संपत्ति है, बल्कि खुद का हेलीकॉप्टर भी है।
 
आपको बता दें कि तिवारी एक्सिस बैंक समेत कई बैंकों में फर्जी खातों से 500 करोड़ रुपए के हवाला लेन-देन की जांच कर रहे थे। तिवारी ने इस हवाला कारोबार की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था। 4 जनवरी को एसआईटी की जांच में घोटाले के सबसे बड़े सूत्रधार सरावगी बंधुओं के नाम सामने आए थे। इनके चार नौकरों के नाम से कई बोगस कंपनियां बनाई गईं थीं। 

इन बोगस कंपनियों के खातों से करीब 100 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन की बातें सामने आ चुकी हैं। 6 जनवरी तक सरावगी के दो नौकर संदीप बर्मन और संजय तिवारी को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने पूछताछ में सरावगी के राज्य सरकार में मंत्री संजय पाठक के रिश्तेदारों से नजदीकियों की बात बताई थी।
 
मामले के बाद सरावगी बंधु फरार बताए जा रहे हैं। उनके यहां से एक मिनी ट्रक भरकर डॉक्युमेंट्स बरामद किए गए हैं। इससे पहले भी तिवारी ने बालाघाट एसपी रहते हुए लकड़ी माफिया के खिलाफ जंग छेड़ी थी, जिसमें वहां के तब कलेक्टर रहे वी किरण गोपाल पर भी आरोप लगे थे। इसके बाद किरण गोपाल को सरकार ने बालाघाट कलेक्टर पद से हटा दिया था। कुछ समय बाद ही तेजतर्रार अफसर गौरव तिवारी का ट्रांसफर कर कटनी एसपी बनाया गया था।

इस बीच सागर में आयोजित BJP की कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने पहुंचे उच्च शिक्षा राज्य मंत्री संजय पाठक ने मीडिया से चर्चा करते हुए 'हवाला कांड' के आरोपों को निराधार बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि गौरव तिवारी एक ईमानदार पुलिस अफसर हैं। उनको छिंदवाड़ा की कमान सौंपी गई है।

Courtesy: National Dastak
 

Controversial Kerala spiritual guru, Swami Bhadrananda arrested for derogatory FB posts

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Swami had been arrested earlier in 2008 for opening fire at Aluva police station.

Swami Bhadrananda

Controversial spiritual guru, Swami Himaval Maheswara Bhadrananda was arrested on Tuesday by Ernakulam North police for his Facebook posts that allegedly hurt religious sentiments.

Ernakulam North Circle Inspector T B Vijayan told The News Minute that Swami withdrew the Facebook posts which were derogatory against Muslims.

“Police charged a suo moto case against him. After his posts got controversial, he removed them and posted against few Hindu organisations also,” the Inspector said.

Swami who has been active on Facebook, had been arrested earlier in 2008 for opening fire at Aluva police station.

In 2008, Bhadrananda phoned a media reporter and threatened to kill himself saying that the media had tarnished his image by comparing him to Santhosh Madhavan, a self-declared godman who was arrested earlier. Bhadrananda also said the reason for his suicide threat was that he was asked to leave the house by his landlord. Swami also had a pistol with him.

Police arrived later and took him to Aluva circle office where his pistol went off two times, injuring himself and one reporter of Madhyamam daily. In the case that was filed, 33 people including media persons had given statements in the court.

Prior to this incident, he was booked by police for trespassing into a media house and threatening them for publishing news against him. He had also been charged for using a red beacon illegally in his car.

Courtesy: The News Minute

BSF jawan’s wife says Tej Bahadur Yadav is not contactable since Monday evening

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he wife the BSF jawan, Tej Bahadur Yadav, has taken to Facebook to allege that she had lost contact with her husband since Monday evening after videos went viral.Yadav’s wife used her husband’s profile page to inform that she was worried about his safety.

Tej Bahadur Yadav
Photo: From Tej Bahadur Yadav’s Facebook page

She wrote, “Namaskar to people of this country. I want to inform you people through social media that I haven’t been able to speak to my husband since Monday evening. We don’t even know where and under what condition he’s been kept.”

 

In a sensational development, Yadav on Monday had alleged rampant corruption in the para-military forces.

The video, originally posted on YouTube had gone gone viral on social media platforms with even Home Minister Rajnath Singh asking for explanation from the BSF.

Yadav had alleged that he was often forced to sleep empty stomach even though there’s no dearth of food supply to the armed forces. He appealed to Prime Minister to intervene to make situation better for them.
The BSF, in its defence, had accused the aggrieved soldier of being ‘habitual offender of absenteeism without permission’ and ‘chronic alcoholism.’

The BSF said in its statement, “The soldier is a habitual offender of absenteeism without permission, chronic alcoholism and misbehaving with superior officers…For such reasons, individual (Tej Bahadur) has served mostly in headquarters under supervision of some dedicated superior officer.”

The statement by the BSF did not go down well with the social media users, who asked why the paramilitary force had deployed the soldier in question on a sensitive location with weapons when there were so serious complaints against him.

Courtesy: Janta Ka Reporter
 

मोदीजी की नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गर्त में धकेल दिया- अमेरिकी अखबार

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 तथा 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था। देश की पूरी करेंसी में इन दोनों नोटों का हिस्सा 86 फीसदी था। पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार, कालेधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने की बात कहकर ऐसा किया था। जिसके बाद पूरे देश में नोटों को लेकर उथल-पुथल मच गई थी। कई लोगों को नोटबंदी की वजह से अपनी जानें भी गवानी पड़ी थी। 

Modi

इस मामले में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने नोटबंदी को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 'भयावह योजना' करार दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि नोटबंदी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था भारी कठिनाई झेल रहा है और नकदी की कमी के कारण भारतीयों के जीवन में परेशानियां बढ़ रही हैं। 
 
न्यूयार्क टाइम्स ने सोमवार को अपने संपादकीय लेख में कहा कि भारत में 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण की भयावह योजना बनाई गई और उसे अंजाम दिया गया और इस बात के शायद ही सबूत हैं कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगी। 
 
सम्पादकीय में कहा गया कि, “भारत सरकार द्वारा अचानक सबसे ज्यादा चलन में रही मुद्रा को विमुद्रित करने के दो महीने के बाद अर्थव्यवस्था कठिनाई भरे दौर में है।” लेख के मुताबिक, “विनिर्माण क्षेत्र में मंदी है, रियल एस्टेट तथा कारों की बिक्री गिर गई है। किसान, दुकानदार तथा अन्य भारतीयों के मुताबिक नकदी की कमी ने जीवन को बेहद कठिन बना दिया है।” 
 
समाचार पत्र ने कहा, “नोटबंदी के कदम की योजना भयावह तरीके से बनाई गई और फिर उसका क्रियान्वयन किया गया। भारतवासी बैंकों के बाहर पैसे जमा करने व निकालने के लिए घंटों कतार में खड़े रहे।” सम्पादकीय लेख में कहा गया, “नए नोटों की आपूर्ति कम है, क्योंकि सरकार ने पर्याप्त मात्रा में पहले इन नोटों की छपाई नहीं की थी। छोटे कस्बों तथा ग्रामीण इलाकों में नकदी की समस्या विकराल है।”
 
न्यूयार्क टाइम्स ने सम्पादकीय लेख में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि चार नवंबर को चलन में 17,700 अरब रुपये थे, जबकि 23 दिसंबर को यह आंकड़ा इसका आधा 9200 अरब रुपये हो गया। लेख में कहा गया कि इस बात के बेहद कम सबूत हैं कि नोटबंदी के कदम से भ्रष्टाचार से निपटने में सहायता मिली।

Courtesy: National Dastak
 

BSF के जवान तेज़ बहादुर यादव के नाम दिलीप मंडल की चिट्ठी

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जवान तेज़ बहादुर यादव, 
भारत पाकिस्तान सीमा पर कहीं, 
29वीं बटालियन,
सीमा सुरक्षा बल।

Tej Bahadur

जब मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूँ, और यह पत्र आप तक पहुँचे, तब तक हो सकता है कि सच बोलने के जुर्म में आपका दोबारा कोर्ट मार्शल हो रहा हो। हो सकता है कि आपकी सेवा ख़त्म हो गई हो। मुमकिन है कि इस बीच आतंकवाद से लड़ते हुए आप शहीद हो चुके हों और आपकी मृत देह ताबूत में आपके गाँव लाई जा रही हो, जहाँ नेता लोग भारत माता की जय बोलकर देशभक्ति दिखाने के लिए बेताब हों। मुमकिन है कि इस बीच बर्फ़ में ड्यूटी करते हुए आप मर चुके हों और आपकी लावारिस देह गल रही हो।

ये सारी संभावनाएँ वाजिब हैं। आपने जो रास्ता चुना है, उसमें ये सब कुछ संभव है।

आप सीमा पर माइनस टेंपरेचर में देह गला रहे होते हैं, इसलिए ही तो नेता और अफ़सर मौज कर पाते हैं। हमें मालूम है कि उनके बच्चे सेना और फ़ोर्स में जवान नहीं बनते।

जब सीमा पर कोई हमला होता है और मरने वालों के नाम सरकार ज़ाहिर करती है तो हम समझ जाते हैं कि आप कौन हैं, जिनकी वजह से देश चैन की नींद सोता है और नेता, अफ़सर, उद्योगपति गुलछर्रे उड़ाते हैं।

आप लगभग हमेशा किसान, कारीगर, पशुपालक, परिवार के लोग होते हैं। आप ही हैं जो देश का पेट भरते हैं और देश को सुरक्षित भी रखते हैं।
आपकी जय।

भारत के इतिहास के पिछले 50 साल को छोड़ दें, तो यह हार और अपमान का इतिहास रहा है। एक हज़ार घुड़सवार भी सीमा पर आ जाते थे तो भारत के शासक ज़मीन पर लेट जाते थे। हमलावरों को बहन बेटियाँ सौंप देते थे। उनके दरबार के नवरत्न बन जाते थे।

बाक़ी देश चुपचाप अपमान के घूँट पी लेता था क्योंकि बहुजनों के शस्त्र धारण करने पर धर्म ने पाबंदी लगा रखी थी।

भारतीय इतिहास में आज सीमाएँ सबसे सुरक्षित हैं क्योंकि तेजबहादुर यादव और नीलेश कांबली और वीर सिंह पटेल और जितेंद्र मौर्य और रमेश बिंद और दिनेश पासवान सीमा पर तैनात है। अब भारत कोई युद्ध नहीं हार सकता।

देश अगर इन जवानों का एहसानमंद है, जो कि होना चाहिए, तो उनकी तनख़्वाह बढ़ाए। उचित पेंशन दे। उनकी सुविधाओं का ख़्याल रखे।

उनकी सेवादार यानी अर्दली की ड्यूटी बंद हो। जिनके हाथ में मशीनगन होती है, वे लोग अफ़सरों के घरों में कुत्ते टहलाते शोभा नहीं देते।

देश को तेजबहादुर यादव का सम्मान करना चाहिए। वह जली रोटी का हक़दार नहीं है। वह हमारा रक्षक है।

उसे सलाम। उसका अभिनंदन।
एक एहसानमंद भारतीय

देश को मोदी सरकार का सच बताने वाले गोल्ड मेडलिस्ट फौजी तेज बहादुर यादव की सजा शहीदी होगी या नौकरी जाएगी !

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किसी सैनिक के लिए दुश्मन की गोली का सामना करने से ज्यादा साहस का काम है अपने अफसरों के अत्याचार और जुल्म के खिलाफ आवाज उठाना। मुझे भारी आशंका है कि तेज बहादुर यादव की नौकरी जा सकती है, या जल्द ही उसे दुश्मन की गोली से मरा दिखा दिया जाएगा !

Tej bahadur

बीएसएफ जवान तेजबहादुर यादव ने सेना के अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए देश में सनसनी फैला दी है। जवान का आरोप है कि हड्डियों को गला देने वाली ठण्ड में 11 घंटे खड़े रहते हुए नौकरी करने वाले जवानों को ढंग का खाना नहीं मिलता है।

जवान ने सुबह नाश्ते और दोपहर में दिए जाने वाले खाने का वीडियो बना कर सोशल मीडिया में अपलोड कर दिया जो देखते ही देखते वायरल हो गया। जवान ने दिखाया कि कैसे ऐसे मुश्किल हालातों में उन्हें थर्ड क्लास खाना दिया जाता है।

सुबह नाश्ते में जले हुए पराठे और चाय, खाने में पानी जैसी पतली दाल और रोटी,दाल ऐसी जिसमें नाम मात्र की दाल होती है बाकी पानी और हल्दी का घोल होता है। जवान ने आरोप लगाया कि जवानों को जो राशन भेजा जाता है उसे बड़े अधिकारी बाजार में बेच देते हैं और मुनाफ़ा कमाते हैं

जिस देश का प्रधानमंत्री अपने आपको देश का चौकीदार कहता हो और खाने में काजू के आटे की रोटी खाता हो उस देश की सुरक्षा में लगे हुए जवान को थर्ड क्लास खाना मिलता है।

विडियो बना कर देश की सेना के जवान ने बताया अपना दर्द —–

विडियो के जरिए बीएसएफ जवानों को मिलने वाली सुविधाओं पर सवाल उठाने वाले जवान तेज बहादुर यादव को अब दूसरी यूनिट में भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि मेस कमांडर को छुट्टी पर भेजा गया है।

फौजी ने पिता को भी बताया था अपना दर्द —–


तेज बहादुर के पिता का बयान सामने आया है,जिसमें उन्होंने कहा “दिसंबर में तेज बहादुर घर आया था। उसने बताया था कि अब वो वहां नहीं रह सकता क्योंकि वहां खाना नहीं मिल रहा है।”

फ़ौज के अनुशासन नियमों पर लग रहा है प्रश्नचिन्ह !

जवान तेज बहादुर के आरोपों के बाद से बीएसएफ अधिकारी अब सिर्फ उस जवान की कमियां बता रहे है और यह बता रहे हैं की वो सनकी और अनुशासनहीन हैं किन्तु यह नही बता रहे है कि अगर वो गलत था तो अब तक कार्यवाही क्यों नही की गयी। क्या यही फ़ौज का अनुशासन है ? या यह कहा जाये की बीएसएफ अधिकारी और भारत सरकार अब अपनी इज्जत बचने के लिए उस जवान को सूली पर चढाने से नहीं चुकेगी !

बीएसएफ अधिकारियों की विवादास्पद रिपोर्ट,जवान तेज बहादुर यादव को सूली पर चढ़ाने की तैयारी  !

सीनियर अधिकारियों का कहना है की यह जवान दिशा निर्देशों का पालन नहीं करता था, इससे पहले भी कई बार जवान ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर बंदूक तान दी थी। अधिकारियों ने कहा कि तेज बहादुर पर ड्यूटी के दौरान अनुशासनहीनता के कई आरोप लगे हैं। साल 2010 में उसका कोर्ट मार्शल किया गया था। इस मामले पर बीएसएफ के डीआईजी एसडीएस मान ने कहा है कि बीएसएफ के जवान के वीडियो के बाद इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उस जवान ने 20 साल के कार्यकाल में 4 बार बुरा बर्ताव किया और इसलिए उसे प्रमोशन भी नहीं मिला, हो सकता है कि इसी निराशा की वजह से उसने ये वीडियो बनाया हो। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जवान ने वीडियो में आरोप लगाया है कि खराब गुणवत्ता का खाना देकर उनके साथ ‘अत्याचार’ किया जा रहा है। यही नहीं, कई बार तो उन्हें खाली पेट भी सोना पड़ता है।

मामले में केंद्र सरकार के दखल के बाद बीएसएफ के अफसरों के लगातार बयान आ रहे हैं। मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बीएसएफ के आईजी डीके उपाध्याय ने कहा कि मामला बहुत गंभीर है और इस मामले की जांच होगी साथ ही सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बीएसएफ के डीआईजी के उलट बयान देते हुए कहा कि वो इस बात से समहत है कि खाने की गुणवत्ता उतनी अच्छी नहीं है जितनी होनी चाहिए लेकिन ये बात भी सच है कि इस मामले par पहले कभी किसी ने शिकायत नहीं की।

उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए ये भी कहा कि वीडियो बनाने वाले जवान का कोर्ट मार्शल किया जा चुका है। जवान के परिवार का खयाल करते हुए उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने ये भी कहा कि अगर जवान फेसबुक पर वीडियो पोस्ट न करता और सीधे अपने अधिकारी से शिकायत करता तो अच्छा रहता है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी सवाल खड़ा किया कि ड्यूटी के दौरान जवानों को मोबाइल फोन इस्तेमाल करना मना है। तेज बहादुर ने ऐसा कैसे किया बीएसएफ इसकी भी जांच करेगा।

चार मिनट की अवधि वाले तीन अलग-अलग इन वीडियो को सोशल मीडिया पर बीएसएफ की 29वीं बटालियन के कांस्टेबल टीबी यादव (40) ने अपलोड किया है। वर्दी पहने और राइफल लिए कांस्टेबल यादव वीडियो में दावा कर रहा है कि सरकार उनके लिए जरूरी चीजें खरीदती है, लेकिन उनके वरिष्ठ और अधिकारी उन्हें ‘गैरकानूनी’ तरीके से बाजार में ‘बेच’ देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। वीडियो में कांस्टेबल यादव ने वह खाना दिखाया है जो कथित रूप से उसे परोसा जा रहा है।

वह कहता है, ‘नाश्ते में हमें बिना अचार या सब्जी के सिर्फ पराठा और चाय मिलती है.. हमें 11 घंटों तक कठिन परिश्रम करना पड़ता है और कई बार तो पूरी ड्यूटी के दौरान खड़े ही रहना पड़ता है। दोपहर के खाने में, हमें रोटी के साथ ‘दाल’ मिलती है जिसमें सिर्फ हल्दी और नमक ही होता है। ऐसी गुणवत्ता का खाना हमें मिल रहा है.. एक जवान कैसे अपनी ड्यूटी कर सकता है? मैं प्रधानमंत्री से जांच की मांग करता हूं.. कोई हमारी मुश्किलों को नहीं दिखाता। यह हमारे खिलाफ अत्याचार और अन्याय है।’

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘उचित कार्रवाई’ के आदेश दिए हैं!

तेज बहादुर यादव का कहना है कि यह वीडियो शूट करने और अपलोड करने की वजह से उसके खिलाफ शायद कड़ी कार्रवाई की जाएगी और वह शायद यहां नहीं रह पाएगा। उसने लोगों से अनुरोध किया कि वह इस मुद्दे को आगे बढ़ाएं ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।वीडियो सामने आने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘बीएसएफ जवान की मुश्किल वाला वीडियो मैंने देखा है। मैंने गृह सचिव से कहा है कि वह तुरंत बीएसएफ से रिपोर्ट मांगे और उचित कार्रवाई करें।’ बीएसएफ ने भी वीडियो पर संज्ञान लिया और आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर बताया कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

इसके अलावा उपमहानिरीक्षक (डीआइजी) स्तर के एक अधिकारी को उस जवान की तैनाती वाली जगह पर भेजा गया है जो वहां पहुंच भी गए हैं। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण रेखा पर तैनात बल के जवान सेना की ऑपरेशनल कमांड में काम करते हैं और वही उन्हें खाना और अन्य चीजें मुहैया कराते हैं। हालांकि, खाना बनाने और अन्य प्रशासनिक कार्य बीएसएफ ही करता है।तेज बहादुर यादव चार बार दंडित हो चुका है आरोप लगाने वाला जवान के उक्त अधिकारी ने बताया कि टीबी यादव 1996 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था और उसे पूर्व में चार बार बड़े दंड दिए जा चुके हैं। अनुशासनहीनता के आरोप में उसे चेतावनियां भी जारी की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए भी आवेदन किया हुआ हैं।

BSF कैंप के आसपास के लोगों का दावा, ‘आधे दामों पर राशन, ईंधन बेचते हैं अधिकारी’ !

बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव के खाने की खराब गुणवत्ता को लेकर जारी विडियो से देश में हंगामा खड़ा हो गया है। बीएसएफ ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है, हालांकि मामले की उच्च स्तरीय जांच जारी है। दूसरी तरफ एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। बीएसएफ कैंपों के आसपास रहने वाले लोगों का दावा है कि कुछ अधिकारी उन्हें फ्यूल और राशन का सामान मार्केट से आधे दाम पर बेचते हैं।
बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव ने अपने विडियो में इस बात का जिक्र किया था। उन्होंने विडियो में दावा किया था कि सरकार राशन का पर्याप्त सामान भेजती है, स्टोर्स भरे पड़े हैं मगर अधिकारी सामान को सैनिकों तक नहीं पहुंचने देते और बाहर ही बेच देते हैं।

एक बीएसएफ जवान और श्रीनगर स्थित हुमहमा बीएसएफ हेडक्वॉर्टर के आसपास रहने वाले कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि एयरपोर्ट के आसपास रहने वाले दुकानदार, कुछ बीएसएफ अधिकारियों द्वारा बेचे जाने वाले ईंधन के प्रमुख खरीददार हैं। नाम न उजागर करने की शर्त पर एक बीएसएफ जवान ने कहा, ‘ये अधिकारी स्थानीय बाजारों में राशन और खाने-पीने की चीजें बेच देते हैं। हम तक सामान पहुंच ही नहीं पाता। यहां तक हमें हमारी दैनिक उपयोग की चीजें भी नहीं मिल पातीं और वे इन्हें बाहर अपने एजेंट्स के माध्यम से मार्केट में बेच देते हैं।’

इलाके के एक ठेकेदार ने बताया, ‘हमें मार्केट से आधे दाम पर हुमहमा कैंप के कुछ अधिकारियों से डीजल और पेट्रोल मिल जाता है। इसके अलावा राशन में चावल, मसाले, दाल और रोजमर्रा की चीजें भी बेहद कम दामों में मिल जाती हैं।’

इसके अलावा इलाके के एक फर्नीचर डीलर ने बेहद चौंकाने वाला दावा किया है। उसके मुताबिक, ‘ऑफिस और बाकी सरकारी जरूरतों के लिए फर्नीचर खरीदने आने वाले अधिकारी हमसे मोटा कमीशन लेते हैं। उनका कमीशन हमारे मुनाफे से भी ज्यादा होता है। बीएसएफ में कोई ई-टेंडरिंग व्यवस्था नहीं है। अधिकारी आते हैं, अपना कमीशन लेते हैं और फर्नीचर खरीद लेते हैं। कई बार तो उन्हें फर्नीचर की क्वॉलिटी से भी ज्यादा मतलब नहीं होता है।’

यह हाल सिर्फ बीएसएफ का नहीं है। सीआरपीएफ के कुछ अधिकारियों का भी यही हाल है। श्रीनगर में एक महीने पहले तक बतौर आईजी (प्रशासन) तैनात रहे सीआरपीएफ के आईजी रविदीप सिंह साही ने कहा कि अगर सप्लाई में किसी तरह की गड़बड़ी है, तो वह इसकी जांच कराएंगे।

Courtesy: Dainik Aaj