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नोटबंदी के दौर का सबसे बड़ा मजाक- नोट गिनने में हो गई गलती

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नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मांगा गया समय बहुत ही नजदीक आ रहा है। इस बीच लोगों को उम्मीद है कि नया साल उनके लिए बिल्कुल स्वर्ग की माफिक होगा। सारा करप्शन और कालाधन खत्म हो चुका होगा। 

note ban

देश में गरीबी का नामोनिशान नहीं होगा। तमाम तरह के नियम कानून बदलने के बाद अब सरकार को लगता है कि नोटबंदी के बाद बैंकों के पास जो पैसा आया है, शायद उनकी गिनती ठीक से नहीं हुई है। बैंकों के पास बैन हो चुके 13 लाख करोड़ रुपये के नोट आ चुके हैं। इस तरह से जितनी करेंसी को कैंसल किया गया था, वह पूरी रकम उन्हें मिल चुकी है, जबकि पुराने नोटों को जमा कराने की डेडलाइन 30 दिसंबर है। सरकार ने रिजर्व बैंक और बैंकों से जमा कराए गए नोटों को फिर से चेक करने को कहा है।
 
केंद्र को उम्मीद है कि करेंसी की सप्लाई में जल्द सुधार होगा। 9 नवंबर के बाद से सिस्टम में 5 लाख करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं। अब 500 रुपये के नए नोटों की सप्लाई बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने बताया, ‘आरबीआई ने बताया है कि 12.5 लाख करोड़ रुपये बैंकों के पास आ चुके हैं। हमें लगता है कि इसमें डबल काउंटिंग की गलती हुई है। इसलिए हमने आरबीआई और बैंकों से इसे चेक करने को कहा है।’ 500 और 1,000 रुपये के जिन पुराने नोटों को कैंसल किया गया था, उनकी वैल्यू 15.4 लाख करोड़ रुपये है।
 
ईटी के अनुसार, दास ने बताया कि नोटबंदी के बाद 5 लाख करोड़ रुपये की करंसी सिस्टम में डाली जा चुकी है। उन्होंने बताया, ‘करंसी सप्लाई में काफी सुधार हुआ है। आने वाले 2-3 हफ्तों में हालात और बेहतर होंगे क्योंकि 500 के नए नोटों की सप्लाई बढ़ेगी।’ उन्होंने यह भी दावा किया कि 30 दिसंबर के बाद इस मामले में हालात खराब होने की आशंका नहीं है।
 
अभी बैंकों और एटीएम से पैसा निकालने की पाबंदी 30 दिसंबर तक लगाई गई है। अभी बैंकों से एक हफ्ते में 24,000 रुपये और एटीएम से प्रति दिन 2,500 रुपये निकालने की लिमिट है। ऐसे संकेत मिले हैं कि इनमें आगे जाकर ढील दी जाएगी, लेकिन पाबंदी को पूरी तरह खत्म नहीं किया जाएगा। रिजर्व बैंक का ध्यान अब 500 रुपये के नए नोटों की प्रिंटिंग पर है। इसलिए अगले 2-3 हफ्तों में करंसी की सप्लाई बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।

दास ने कहा, ‘500 के नए नोटों की प्रिंटिंग पर फोकस से मुझे 14-21 दिनों में हालात सुधरने की उम्मीद दिख रही है।’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी के तुरंत बाद फोकस 2,000 रुपये के नोटों की सप्लाई बढ़ाने पर था, जिससे लोगों की परेशानी कम की जा सके। उन्होंने बताया, ‘आज 2,000 रुपये के नोट का काफी स्टॉक है। इसलिए 500 रुपये के नोट की प्रिंटिंग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इनकी छपाई काफी बढ़ी है क्योंकि सिस्टम में 2,000 रुपये के नोट का इस्तेमाल हो रहा है।’

उन्होंने बताया कि छापों में जो नई करंसी पकड़ी जा रही है, उसे भी तुरंत सिस्टम में डाला जा रहा है ताकि नोटों की सप्लाई बढ़े। उन्होंने बताया कि 100, 50, 20 और 10 रुपये के नोटों की जितनी सालभर में सप्लाई की जाती है, उसका तीन गुना पिछले पांच हफ्तों में डाला गया है। 8 नवंबर से पहले 1.60 लाख करोड़ रुपये के 100 रुपये के नोट सिस्टम में थे। उसके बाद से 80,000 करोड़ रुपये के 100 रुपये के नोट सिस्टम में डाले गए हैं।

Courtesy: National Dastak
 

Paytm says some customers cheated company, CBI makes rare intervention

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CBI has registered an FIR against some customers of digital wallet PayTm on the company’s complaint that it has allegedly been cheated to the tune of Rs 6.15 lakh by customers based in New Delhi.

Paytm

It is rare for the agency to take up such cases unless they have been referred by the central government or there are directions by the Supreme Court or a high court.

CBI has registered FIR against 15 customers who are residents of Kalkaji, Govindpuri and Saket besides unknown officials of One97 Communications–parent company of Paytm.

 

The complaint from the Manager Legal, M Sivakumar, claimed that the company makes payment for defective products received by a customer and also arranges a reverse pickup of the damaged product which is sent to the merchant.

The process is done by a team of customer care executives who have been assigned specific IDs and passwords to handle such complaints from the customers and arrange refund and pickup.

It is alleged that the company found that in 48 cases customers had received refunds even though the delivery of orders was made successfully to them.

“As a matter of facts wherein delivery of orders were successful and satisfactory to the customer, refund should not happen. However, in all these 48 cases refund of order amount happened to the respective customers to the tune of Rs 6.15 lakh,” the complaint, which is now part of the FIR, alleged.

It alleged that customers “illegally” appropriated money refunded in their bank accounts and wallets.

It claimed that the acts reflects “serious” fraudulent act and foul play with common intention to wrongfully gain along with such involved customers.

(With inputs from PTI)

Courtesy: Janta Ka Reporter
 

बीजेपी प्रवक्ता को सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा, पूछा – क्या बीजेपी आपको पैसा देती है ?

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बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फटकार लगी। यह फटकार सुप्रीम कोर्ट में बहुत सारी जनहित याचिकाएं डालने के लिए लगाई गई है।सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी प्रवक्ता से पूछा, ‘क्या बीजेपी ने आपको यही काम दिया हुआ है? पार्टियों के खिलाफ कैंपेन चलाकर उन्हें कोर्ट में घसीटने के लिए क्या बीजेपी आपको पैसा देती है?

बीजेपी प्रवक्ता

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, बीजेपी प्रवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में चार पीआईएल डाली हुई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने उनमें से एक की सुनवाई करते हुए उसे खारिज भी कर दिया था।

 

कोर्ट ने कहा कि बीजेपी पावर में है और आप मंत्री के पास जाकर जो भी दिक्कतें हैं, उन्हें दूर कर सकते हैं. ऐसा कोई दिन नहीं गया जब हमने आपको कोर्ट में न देखा हो, आपके पास दूसरा काम नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी प्रवक्ता से आगे कहा, ‘आप रोज कोई ना कोई पीआईएल डाल देते हैं। आप पेशेवर पीआईएल डालने वाले बन गए हैं। आपकी पार्टी ही केंद्र की सत्ता में है। आप केंद्र से भी अपनी बातों को लेकर शिकायत कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट में राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। कोर्ट ने बीजेपी प्रवक्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘हम लोग राजनीतिक फायदे के लिए कोर्ट में यह सब बर्दाश्त नहीं कर सकते।’

Courtesy: Janta Ka Reporter
 

Supreme Court to pass order on use of demonetised Rs 500 notes

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The Supreme Court said that it may pass some orders on Friday on a plea seeking that demonetised Rs 500 currency notes be allowed to be used for some more time at places like hospitals and petrol pumps.

Supreme Court

“We will see whether we can pass some orders today,” a bench comprising Chief Justice T S Thakur and Justice D Y Chandrachud said when senior advocate Kapil Sibal sought an interim order on the issue.

 

Sibal said that the use of demonetised Rs 500 notes has come to an end and some order needed to be passed.

Yesterday, the court had said that the Centre should adhere to its notification that allowed withdrawal of Rs 24,000 per week from bank accounts after demonetisation of high-value currency notes.

(With inputs from PTI)
 

नोटबंदी के बाद भी भाजपा कैसे खरीद रही है बाइकें और जमीनें, कहां से आ रहा धन?- मायावती

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लखनऊ। बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने नोटबन्दी के पहले भाजपा द्वारा बड़े पैमाने पर ज़मीनों की खरीद और नोटबन्दी के बावजूद भाजपा द्वारा यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रचार के लिये भारी संख्या में खरीदी गई मोटर बाइकों में कालेधन के इस्तेमाल के आरोप के सम्बन्ध में भाजपा पर निशाना साधा। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा लोग प्रधानमंत्री मोदी से जानना चाहते हैं कि चुनाव प्रचार के लिये यह धन कहां से आया?  

Mayawati modi

मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यह धन भाजपा का कालाधन है या बड़े-बड़े पूंजीपतियों या धन्नासेठों द्वारा उसी प्रकार से उपलब्ध कराया गया है जिस प्रकार से सन् 2014 के लोकसभा आमचुनाव के दौरान जुगाड़ के तहत् भाजपा को उपलब्ध कराया गया था?

मायावती ने एक बयान में कहा कि वैसे तो यूपी में सपा व केन्द्र सरकार की चुनावी वादा-खिलाफी व इनकी आपसी मिलीभगत के कारण सपा अैर भाजपा दोनों ही पार्टियों की हालात खराब है, परन्तु नोटबंदी के प्रकोप व त्रासदी से भाजपा का बच पाना अब बहुत ही मुश्किल है। मायावती ने कहा कि भाजपा चाहे जितनी भी बाइक यूपी में बांट दे और प्रचार के लिये कितनी भी गाड़ियां या हेलीकॉप्टर ही क्यों ना उतार दे उसके बाद भी प्रदेश की जनता भाजपा को नोटबन्दी की सजा जरूर देगी तथा उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने का इनका सपना एक डरावना ख्वाब बनकर रह जायेगा।

इसके साथ ही मायावती ने कहा कि वैसे तो 500 व 1000 रुपये की अधकच्ची व अपरिपक्व तरीके से की गयी नोटबन्दी के कारण देश की लगभग 90 प्रतिशत से अधिक गरीब, मजदूर, किसान व दूसरी मेहनतकश ईमानदार आमजनता काफी ज्यादा परेशान है और उन्हें अपना पेट पालना बहुत मुश्किल हो रहा है, परन्तु सबसे ज्यादा गरीब व मजदूर एवं किसान वर्ग गम्भीर संकट में हैं।
 
इसलिए बीएसपी की मोदी सरकार से मांग है कि देश में अब तक जो भी कालाधन जब्त होकर सरकारी खजाने में आया है उसे यथाशीघ्र गरीबों व मजदूरों में बांट दिया जाए ताकि रोजी-रोटी के अभाव में उनके परिवार को भूखमरी से बचाया जा सके।

मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों का कर्जा तत्काल माफ कर दिया जाना चाहिये, क्योंकि नोटबन्दी के कारण इस बार किसान अपने खेतों में बुवाई तक नहीं कर पाया है तथा उसकी उपजी हुयी फसल का खरीदार नहीं होने के कारण उसे उसकी उपज की लागत कीमत तक नहीं मिल पा रही है। इस प्रकार गरीब व मजदूर एवं किसान नोटबन्दी की दोहरी मार झेल रहे हैं। सरकार को उनकी सहायता के लिये तत्काल ही समुचित कदम उठाना चाहिये।    

मायावती ने कहा कि पूरे देश की जनता में नोटबंदी को लेकर जबरदस्त नाराजगी व आक्रोश है। जनता का ध्यान बांटने के लिये केन्द्र सरकार ने बहुत जल्दबाजी में, बिना पूरी तैयारी के ही नोटबन्दी का फैसला लिया है और इसका मुख्य कारण देश में, उत्तर प्रदेश व अन्य कुछ और राज्यों में भी जल्दी ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव हैं। परन्तु अपने नोटबन्दी के इस फैसले के जाल में खुद ही उलझते जाने के कारण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार व भाजपा अब विपक्षी पार्टियों के खिलाफ नये-नये हथकण्डे इस्तेमाल कर रही है, जिसके तहत् अभी हाल ही में, एक चैनल के माध्यम से एक स्टिंग आपरेशन को भी मैनेज कराया गया है। जो अति निन्दनीय के साथ-साथ इनकी कमजोरी को भी दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि नोटबन्दी का आज 37वां दिन है फिर भी वेतनधारी अधिकतर लोगों को अपनी तनख़्वाह के पैसे ख़र्च करने के लाले पड़ गये हैं। क्या गांव क्या शहर, ज्यादातर बैंक व एटीएम खाली पड़े हैं और लोग अपनी कमाई के पैसे होने के बाद भी अपनी रोजमर्रा की जरुरत पर खर्च नहीं कर पा रहे हैं, जिससे देश की लगभग 90 प्रतिशत ईमानदार आमजनता लगातार मुसीबत में है।
 
मायावती ने कहा कि दुःखी व पीड़ित लोग गुस्से व आक्रोश में आकर व जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और कुछ जगह तो यह भी नारा लगा रहे हैं कि ‘मोदी तेरे राज में, कटोरा आ गया हाथ में’ मायावती ने कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार के इस फैसले ने अधिकांश जनता को भिखारी बना दिया है। दूसरी तरफ अपने कालेधन को सफेद बनाने की जुगाड़ में लगे मुटठी भर लोगों के जो मामले प्रकाश में आ रहे हैं, उनमें से ज्यादातर लोग भाजपा एण्ड कम्पनी से ही सम्बद्ध हैं। जिससे आमजनता में इनके खिलाफ रोष व आक्रोश काफी ज्यादा बढ़ा है।

Courtesy: National Dastak