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नोटबंदी के बाद भी भाजपा कैसे खरीद रही है बाइकें और जमीनें, कहां से आ रहा धन?- मायावती

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लखनऊ। बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने नोटबन्दी के पहले भाजपा द्वारा बड़े पैमाने पर ज़मीनों की खरीद और नोटबन्दी के बावजूद भाजपा द्वारा यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रचार के लिये भारी संख्या में खरीदी गई मोटर बाइकों में कालेधन के इस्तेमाल के आरोप के सम्बन्ध में भाजपा पर निशाना साधा। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा लोग प्रधानमंत्री मोदी से जानना चाहते हैं कि चुनाव प्रचार के लिये यह धन कहां से आया?  

Mayawati modi

मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यह धन भाजपा का कालाधन है या बड़े-बड़े पूंजीपतियों या धन्नासेठों द्वारा उसी प्रकार से उपलब्ध कराया गया है जिस प्रकार से सन् 2014 के लोकसभा आमचुनाव के दौरान जुगाड़ के तहत् भाजपा को उपलब्ध कराया गया था?

मायावती ने एक बयान में कहा कि वैसे तो यूपी में सपा व केन्द्र सरकार की चुनावी वादा-खिलाफी व इनकी आपसी मिलीभगत के कारण सपा अैर भाजपा दोनों ही पार्टियों की हालात खराब है, परन्तु नोटबंदी के प्रकोप व त्रासदी से भाजपा का बच पाना अब बहुत ही मुश्किल है। मायावती ने कहा कि भाजपा चाहे जितनी भी बाइक यूपी में बांट दे और प्रचार के लिये कितनी भी गाड़ियां या हेलीकॉप्टर ही क्यों ना उतार दे उसके बाद भी प्रदेश की जनता भाजपा को नोटबन्दी की सजा जरूर देगी तथा उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने का इनका सपना एक डरावना ख्वाब बनकर रह जायेगा।

इसके साथ ही मायावती ने कहा कि वैसे तो 500 व 1000 रुपये की अधकच्ची व अपरिपक्व तरीके से की गयी नोटबन्दी के कारण देश की लगभग 90 प्रतिशत से अधिक गरीब, मजदूर, किसान व दूसरी मेहनतकश ईमानदार आमजनता काफी ज्यादा परेशान है और उन्हें अपना पेट पालना बहुत मुश्किल हो रहा है, परन्तु सबसे ज्यादा गरीब व मजदूर एवं किसान वर्ग गम्भीर संकट में हैं।
 
इसलिए बीएसपी की मोदी सरकार से मांग है कि देश में अब तक जो भी कालाधन जब्त होकर सरकारी खजाने में आया है उसे यथाशीघ्र गरीबों व मजदूरों में बांट दिया जाए ताकि रोजी-रोटी के अभाव में उनके परिवार को भूखमरी से बचाया जा सके।

मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों का कर्जा तत्काल माफ कर दिया जाना चाहिये, क्योंकि नोटबन्दी के कारण इस बार किसान अपने खेतों में बुवाई तक नहीं कर पाया है तथा उसकी उपजी हुयी फसल का खरीदार नहीं होने के कारण उसे उसकी उपज की लागत कीमत तक नहीं मिल पा रही है। इस प्रकार गरीब व मजदूर एवं किसान नोटबन्दी की दोहरी मार झेल रहे हैं। सरकार को उनकी सहायता के लिये तत्काल ही समुचित कदम उठाना चाहिये।    

मायावती ने कहा कि पूरे देश की जनता में नोटबंदी को लेकर जबरदस्त नाराजगी व आक्रोश है। जनता का ध्यान बांटने के लिये केन्द्र सरकार ने बहुत जल्दबाजी में, बिना पूरी तैयारी के ही नोटबन्दी का फैसला लिया है और इसका मुख्य कारण देश में, उत्तर प्रदेश व अन्य कुछ और राज्यों में भी जल्दी ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव हैं। परन्तु अपने नोटबन्दी के इस फैसले के जाल में खुद ही उलझते जाने के कारण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार व भाजपा अब विपक्षी पार्टियों के खिलाफ नये-नये हथकण्डे इस्तेमाल कर रही है, जिसके तहत् अभी हाल ही में, एक चैनल के माध्यम से एक स्टिंग आपरेशन को भी मैनेज कराया गया है। जो अति निन्दनीय के साथ-साथ इनकी कमजोरी को भी दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि नोटबन्दी का आज 37वां दिन है फिर भी वेतनधारी अधिकतर लोगों को अपनी तनख़्वाह के पैसे ख़र्च करने के लाले पड़ गये हैं। क्या गांव क्या शहर, ज्यादातर बैंक व एटीएम खाली पड़े हैं और लोग अपनी कमाई के पैसे होने के बाद भी अपनी रोजमर्रा की जरुरत पर खर्च नहीं कर पा रहे हैं, जिससे देश की लगभग 90 प्रतिशत ईमानदार आमजनता लगातार मुसीबत में है।
 
मायावती ने कहा कि दुःखी व पीड़ित लोग गुस्से व आक्रोश में आकर व जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और कुछ जगह तो यह भी नारा लगा रहे हैं कि ‘मोदी तेरे राज में, कटोरा आ गया हाथ में’ मायावती ने कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार के इस फैसले ने अधिकांश जनता को भिखारी बना दिया है। दूसरी तरफ अपने कालेधन को सफेद बनाने की जुगाड़ में लगे मुटठी भर लोगों के जो मामले प्रकाश में आ रहे हैं, उनमें से ज्यादातर लोग भाजपा एण्ड कम्पनी से ही सम्बद्ध हैं। जिससे आमजनता में इनके खिलाफ रोष व आक्रोश काफी ज्यादा बढ़ा है।

Courtesy: National Dastak

Planning Commission to NITI Ayog to NITI Lottery!

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From black money and demonetisation, to cashless and lucky-draw!

Niti Ayog

Planning Commission to NITI Ayog to NITI lottery!

NITI Ayog announces ‘Daily, Weekly and Mega awards upto Rs. 1 crore’ on cashless transactions. Welcome to the brand new ‘Lucky Grahak and Digi Dhan Vyapari Yojna’

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From black money and demonetisation, to cashless and lucky-draw! Modi government has already taken the nation on a bad turbulent roller-coaster trip, we can now add lottery to that.

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NITI ayog is the new Lottery house! Feelin’ lucky? Welcome to India’s game of chance!

Courtesy: Newsclick

UP के देवरिया में भीड़ ने BJP के परिवर्तन रथ को दौड़ाया, बैंक से कैश न मिलने पर थे नाराज: News Round-Up

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वाराणसी. प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने बीते आठ नवंबर की आधी रात से 500 और 1000 क नोटों का लीगल टेंडर खत्म कर उसे चलन से बाहर कर दिया। शुरू में तो काले धन के खिलाफ सट्राइक के नाम पर लोगों ने खूब समर्थन दिया, पर जैसेजैस अब कैश की क्राइसिस लम्बी खिंचती जा रही है अब उस फैसले के खिलाफ लोग खुलकर अपनी नाराजगी जताते नजर आ रहे हैं। पीएम ने लोगों से 50 दिनों तक धैर्य रखने को कहा था पर एक महीना गुजरने के बाद अब लोगों के सब्र का बांध टूटत नजर आ रहा है। हालत यह है कि गुस्साई भीड़ उग्र हो जा रही है।

BJP Parivartan yatra

ऐसी ही एक घटना देवरिया के रुद्रपुर में घटी जब कैश न मिलने से गुस्साए लोगों ने बीजेपी के परिवर्तन रथ को ही दौड़ा लिया। हमारे गोरखपुर संवाददाता के मुताबिक देवरिया के रूद्रुर स्थित आदर्श चैराहे पर लोग बैंक के बाहर मंगलवार की आधी रात से लाइन लगाकर खड़े थे। पर बुधवार की सुबह 11 बजे तक जब कैश मिलने की कोई संभावना नहीं दिखी तो भीड़ ने अपना आपा खो दिया। सैकड़ों की तादाद में लोगों ने आदर्श चैराहे पर जाम लगा दिया।

लोग जाम लगाकर सरकार और बैंक के खिलाफ नारेबाजी कर ही रहे थे कि इसी दौरान एक घुड़सवार भीड़ में आ घुसा, जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई। इसी दौरान वहां से बीजेपी का परिवर्तन रथ गुजर रहा था। रथ को देखते ही लोगों ने अपना आपा खो दिया। रथ को लोगों ने दौड़ा दिया। किसी तरह रथचालक गाड़ी मोड़कर भागने में सफल रहा। इस दौरान आदर्श चैराहे पर करीब तीन घंटे जाम लगा रहा, जिससे आवागमन बाधित रहा।

सूचना मिलने के बाद नायब तहसीलदार डॉ. संजीव दीक्षित मौके पर पहुंचे। शुरू में नाराज लोग उनकी बात मानने को तैयार ही नहीं हुए। किसी तरह उन्होंने भीड़ को समझाया और जाम समाप्त हुआ। पूरे तीन घंटे तक वहां आवागमन बाधित रहा। प्रत्यक्ष दर्शियों की मानें तो भीड़ इतने गुस्से में थी कि एंबुलेंस तक को जाने का रास्ता नहीं दिया। एंबुलेंस भी काफी देर तक जाम में फंसी रही। लोगों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों के साथ भेदभाव बर्दाश्त किया जा रहा है।

Courtesy: Patrika.com


नो कैश से सिद्धार्थनगर में बिगड़े हालात, सड़क जाम

Pensioner
नोटबंदी के 37 दिन बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। गुरुवार को डुमरियागंज में बैंक पर नो कैश का बोर्ड देख लोग उग्र हो गए। कस्बे में ही डुमरियांगज-इटवा मार्ग जाम कर प्रदर्शन करने लगे।

सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को समझाकर जाम समाप्त कराया। गुरुवार को कस्बे में स्थित एचडीएफसी बैंक के एटीएम पर ठंड की प्रवाह किए बगैर लोग भोर से ही लाइन लगाकर खड़े थे। जब बैंक खुला तो एटीएम पर कर्मियों ने नो कैश का बोर्ड लगा दिया।

इस पर लोग उग्र हो गए और इटवा-डुमरियागंज मार्ग जाम कर दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से स्थिति को संभाला।

Courtesy: LiveHindustan.Com
 


बैंक में कैश न होने से भड़के लोग, जाम किया हाइवे

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति ने आंदोलनकारियों की पेंशन नहीं आने के विरोध में गुरुवार से तहसील में धरना शुरू कर दिया है। आंदोलनकारियों ने प्रदेश सरकार पर पेंशन खाते में नहीं डालने का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर धरना किया।

चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा 6 माह बीतने के बाद भी आंदोलनकारियों के खाते में पेंशन नहीं डाली है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह आंदोलनकारियों को पेंशन देने के मामले में टालमटोल कर रही है। उन्होंने कहा कि 1 जून 2016 से राज्य आंदोलनकारियों को पेंशन देना स्वीकार किया गया था और 6 माह पूरे हो चुके हैं और उनकी पेंशन आज तक खातों में नहीं पंहुची है। उन्होंने सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया। धरना देने वालों में भूपेन्द्र सिंह भण्डारी, आनन्द भण्डारी, रमेश कोठारी, दिनेश जोशी, कैलाश जोशी, राकेश चन्द्र, नवीन चन्द, गीता पुनेठा, कौशल्या वाफिला, कलावती पाण्डेय, गंगा जोशी, हेमा अधिकारी, गंगा पाण्डेय, कलावती, हीरा जोशी आदि मौजूद रहे।
 
Courtesy: LiveHindustan.Com