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आपने किस अधिकार से लगाई निकासी पर पाबंदी- गुजरात हाईकोर्ट ने RBI से पूछा

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अहमदाबाद। नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम से नोटों की निकासी के लिए सीमा तय किए जाने पर गुजरात हाई कोर्ट ने रिजर्व बैंक से पूछा है कि आखिर किस अधिकार के तहत उसने यह रोक लगाई है। चीफ जस्टिस आर.एस रेड्डी और जस्टिस वीएम पंचोली ने रिजर्व बैंक से यह भी पूछा कि आखिर कैसे डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक्स पर पाबंदियां लगा दीं।

RBI
 
अदालत ने कहा कि अथॉरिटीज के पास नोटों को बैन किए जाने की ताकत होती है, लेकिन निकासी की सीमा तय करने का अधिकार कहां है? हाई कोर्ट ने आरबीआई से मंगलवार को इन सवालों के जवाब देने को कहा है।
 
ईटी के अनुसार, भावनगर जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन नानुभाई वाघानी की ओर से अदालत में पेश वकील ने सवाल उठाया था कि न तो आरबीआई ऐक्ट और न ही बैंकिंग नियामक कानूनों में कहीं भी निकासी की सीमा तय करने की बात की गई है। इस पर हाई कोर्ट ने रिजर्व बैंक से इस सवाल का जवाब देने को कहा। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरबीआई के पास 14 नवंबर को ऐसा कोई सर्कुलर जारी करने का अधिकार नहीं था, जिसके जरिए जिला सहकारी बैंकों पर पाबंदियां लगा दी गईं। वहीं, केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की अधिसूचना जारी की थी और सभी पंजीकृत बैंकों को नोट बदलने का अधिकार दिया गया था।
 
हालांकि 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका अभी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। ऐसे में हाई कोर्ट ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इस बीच गुजरात के ही खेड़ा जिले के सहकारी बैंक ने भी पाबंदियों के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट अब एक साथ ऐसी 3 याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। इस मामले में तीसरी याचिका गुजरात खेदुत हितरक्षक समिति की ओर से दायर की गई है।
 
जिला सहकारी बैंकों के साथ पक्षपात के अलावा इन याचिकाओं में नोटबंदी के सरकार के तरीके पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। याचिकाकर्ताओं ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट के सेक्शन 26(2) का हवाला देते हुए कहा है कि सरकार के पास इतने बड़े पैमाने पर नोटबंदी का अधिकार नहीं है। हालांकि वह कुछ निश्चित सीरीज के नोटों का विमुद्रीकरण कर सकती है। इसे भी आरबीआई बोर्ड की ओर से सिफारिश पर ही लागू किया जा सकता है।

Courtesy: National Dastak
 

बीजेपी नेता 33 लाख के नए नोट और हथियारों के साथ गिरफ्तार

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कोलकाता। जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालाधन और भ्रष्टाचार की बात कहकर अचानक 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए, वहीं आए दिन उनकी पार्टी के नेता भ्रष्टाचार करते हुए गिरफ्तार हो रहे हैं। ताजा खबर पश्चिम बंगाल के कोलकाता से आई है जहां एक भाजपा का नेता अपने साथियों के साथ 33 लाख के नए नोटों और भारी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार हुआ है।

BJP leader arrested
 
कोलकाता पुलिस के एसटीएफ की टीम ने गुप्त जानकारी के आधार पर महानगर से सोमवार रात 10 बजे के करीब दुर्गापुर के सात कोल माफिया व प्रमोटर को भारी मात्रा में हथियार के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक स्थानीय भाजपा नेता मनीष शर्मा उर्फ मनीष जोशी उर्फ चिंटू (44) भी शामिल है, जो इस बार अपने क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
 
इन सभी के पास से कुल 33 लाख रुपये के नये नोट, सात फायर आर्म्स और 89 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार अन्य आरोपियों में राजेश झा उर्फ राजू (46), लोकेश सिंह (35), कृष्णा मुरारी कायेल उर्फ बिल्लू (44), शायेन मजूमदार उर्फ बाबू (29) पार्थ चटर्जी उर्फ गौतम (41) और शुभम भौमिक (28) हैं। इनके पास से एक इनोवा कार भी जब्त हुई है।
 
मंगलवार को बैंकशाल कोर्ट में पेश करने पर अदालत ने सभी को नौ दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। ये सभी महानगर में दुर्गापुर से हथियार के साथ महानगर क्या करने आये थे, इस बारे में पूछताछ हो रही है।
 
कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसटीएफ) विशाल गर्ग ने बताया कि फरीदपुर इलाके में कत्ल के मामले में इसमें से तीन आरोपी वांटेड हैं। इसके अलावा एक आरोपी पहले भी नकली नोट के साथ गिरफ्तार हो चुका है। महानगर में हथियार व इतनी बड़ी रकम के साथ ये सभी क्या करने आये थे, इस बारे में सभी से पूछताछ हो रही है। 
 
पुलिस को आशंका है कि किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के पहले प्लानिंग करने के लिए ही ये सभी महानगर में इकट्ठे हुए थे। इनसे पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। वहीं, पुलिस सूत्रों का कहना है कि अपने इलाके में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने यह महानगर से हथियार खरीदने यहां आ सकते हैं। किसी से रुपये बदलवाने यहां सभी आये थे या नहीं, इस बारे में भी इनसे पूछताछ हो रही है।
 
पुलिस आरोपियों के पास से मिले पैसों के स्त्रोत की जांच कर रही है। आरोपियों के पास से 2000 के नए नोट के साथ 50 और 100 रुपए के नोट मिले हैं। वहीं, 2 लाख रुपए के सभी नोट सीरीज में होने के कारण पुलिस को शंका है कि रकम किसी बैंक से निकाली गई है।
 
वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने सफाई देते हुए कहा कि पार्टी मनीष शर्मा के साथ नहीं खड़ी है। उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

Courtesy: National Dastak