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वीडियो : नोटबंदी के खिलाफ सड़क पर आए सरकारी कर्मचारी, उतारे कपड़े

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तिरुवनंतपुरम । नोटबंदी से समाज के हर वर्ग को परेशानी हो रही है । इसमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं । केरल में सरकारी कर्मचारियों ने नोटबंदी के विरोध में अर्ध नग्न होकर प्रदर्शन किया । प्रदर्शन के दौरान दर्जनों की संख्या में सरकारी कर्मचारी जिला कोषागार के सामने प्रदर्शन किया और विरोध में नारेबाजी कर की।

शुक्रवार रात जारी किए गए प्रेस रिलीज के मुताबिक राज्य के कोषागारों ने कुल 140.57 करोड़ रुपए की मांग आरबीआई से की थी। लेकिन शुक्रवार रात तक कोषागारों को केवल 99.83 करोड़ रुपए ही मिले हैं। केरल में अलग-अलग जगहों पर कुल 22 कोषागार है, जिन्होंने 50 लाख से 80 लाख के बीच मांग की थी। हालांकि उन्हें 10 लाख से भी कम पैसे प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही कैश की कमी के चलते 3 कोषागारों को पैसा नहीं मिला है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी नोटबंदी और उसके चलते हो रही दिक्कतों को लेकर कोयंबटूर में महिलाओं ने अजीबोगरीब तरीके से विरोध प्रदर्शन किया था। महिलाओं ने एटीएम मशीन से पैसे नहीं निकलने से परेशान होकर एटीएम की मौत पर शोक गीत और उस फूल चढ़ाकर उसका अंतिम संस्कार किया। इस पूरे वाक्ये का वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया।

वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सीपीआई(M) की महिला विंग AIDWA ने कोयंबटूर में सरकार के फैसले से असहमति जताने के लिए गाना गया। एटीएम मशीन के काम न करने पर फूल और माला चढ़ाई गई और उसके “दुखद निधन” पर अंतिम संस्कार गीत भी गाया गया। कुछ महिलाओं ने रोने की भी एक्टिंग की।


वीडियो में AIDWA की सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले पर अपना विरोध जताते हुए दिखा रही हैं कि उनके इस निर्णय से आम आदमी को कितनी परेशानी हो रही है। महिलाओं ने मांग की है कि लोगों को एटीएम और बैंकों का पूरा उपयोग कर सके ताकि वह अपने दैनिक जरुरतों के लिए पैसे निकाल सके।

नोटंबदी का फैसला 9 नवंबर को लागू किया गया था। तकरीबन महीने पर बीत जाने के बाद भी हालत में कुछ ज्यादा सुधार होते हुए नहीं दिख रहा है। शनिवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक सरकारी कर्मचारी की एटीएम की लाइन में खड़े रहने के दौरान मौत हो गई थी।

Courtesy: Lokbharat.com
 

टैक्स चोरी के मामले में बीजेपी नेता की कंपनी पर छापेमारी

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नई दिल्ली। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी नोटबंदी को कालेधन के खिलाफ लंबी जंग का आगाज बता रहे हैं, वहीं उन्हीं की पार्टी के कई नेता टैक्स चोरी और कालेधन के मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। कर्नाटक के बीजेपी नेता जनार्दन रेड्डी की बेटी की खर्चीली शादी के बाद नया मामला मुंबई की बीजेपी यूनिट से सामने आ रहा है। 

बीजेपी की मुंबई यूनिट के उपाध्यक्ष की कंपनी पर एक करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। पुणे सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बीजेपी नेता मिहिर कोटेचा की कंपनी इंटेग्रिटी लॉजिस्टिक सलूशन (आईएलएस) के चांदिवली ऑफिस में छापेमारी की कार्रवाई की है। कोटेचा ने वडाला से विधायक का चुनाव लड़ा था लेकिन वह कांग्रेस नेता कालिदास कोलांबकर से हार गए थे। पार्टी की मुबई यूनिट के उपाध्यक्ष चुने जाने से पहले वह बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे।
 
एनबीटी के अनुसार, सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट को इस बारे में सूचना मिली थी कि आईएलएस ने अप्रैल 2014 और मार्च 2015 के बीच टैक्स की चोरी है जिसके बाद शुक्रवार को यह छापेमारी की कार्रवाई की गई है। अधिकारियों ने कंपनी की विभिन्न बैलेंस शीट और हार्ड डिस्क की जांच की है। 
 
सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या कंपनी ने सर्विस टैक्स बचाने के लिए दो इनवॉइस तैयार की थीं। हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर ने इस बारे में संपर्क किया तो कोटेचा ने इस बात को स्वीकार किया है कि उनकी कंपनी पर छापेमारी कर जांच की गई है।
 
उन्होंने कहा, 'टैक्स देने में देर हुई है क्योंकि पुणे के हमारे एक कर्मचारी विजय गोडर ने कंपनी के फंड से बेइमानी से 3 करोड़ रुपये निकाल लिए थे। यह रकम सर्विस टैक्स व अन्य विभागों को टैक्स के रूप में दिए जाने के लिए रखी गई थी। विजय ने कागजों के साथ भी हेराफेरी की थी और हमने उसके खिलाफ पवई पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है।' विजय अभी मामले की हाई कोर्ट की सुनवाई करने तक अंतरिम जमानत पर है। सर्विस टैक्स निरीक्षक अजित लिमये में इस मामले में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया है।

Courtesy: National Dastak

केंद्र सरकार ईमानदार है तो लोकपाल की नियुक्ति करने से क्यों बच रही है- मायावती

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नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रधानमंत्री की रैली के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर उनके दावों की पोल खोली। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा यूपी चुनावों को देखते हुए और अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए नोटबंदी की। उन्होंने कहा कि इनके पास चुनावों में बताने के लिए कुछ नहीं था इसीलिए हड़बड़ी में नोटबंदी का सहारा लिया। 

Maya Modi

मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार अपने ही फैसले को बार बार बदल रही है। वहीं भाजपा शासित राज्यों में तो भारी गड़बड़झाला नजर आ रहा है। सरकार की विफलता के कारण देश की नब्बे प्रतिशत जनता लाइनों में खड़ी है। इनमें गरीब मजदूर और किसान सबसे ज्यादा दुखी हैं। मजदूरी के अभाव में अब लोग पलायन करके वापस अपने गांव की तरफ लौट रहे हैं। लोग मजदूरी छोड़कर बैंकों की लाइनों में लगे हैं। 

ऐसे में बीजेपी नेता और खुद प्रधानमंत्री सहित सारे लोग जनता का ध्यान बांटने के लिए तरह-तरह की नाटकबाजी में लगे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी रैली में इनके द्वारा लगाए गए आरोप सरासर गलत हैं। 
 
देश के कालेधन का बड़ा हिस्सा धन्नासेठों और पूंजीपतियों के हाथों में है। लेकिन सरकार उन्हें बचाने में लगी है। सरकार इस बात का जवाब क्यों नहीं दे रही कि मेहनतकश और आमजनता को उस अपराध की सजा क्यों दी जा रही है जो उसने किया ही नहीं है। 
भ्रष्टाचार से लड़ने में बीजेपी का रवैया बहुत ही लचीला रहा है। नोटबंदी से कालाधन रोकने का दावा भी लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला ही रहा है। अगर ये ईमानदार होते तो अब तक लोकपाल की नियुक्ति कर दी होती जो कि इन्होंने नहीं की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने का इनका रिकॉर्ड नहीं रहा है।