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नोटबंदी से जाली करेंसी पर लगाम लगाने का दावा फुस्स, पंजाब में पकड़े गए 42 लाख के नकली नोट

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नई दिल्ली। जब केंद्र सरकार ने नोटबंदी को लेकर फैसला लिया था तो सबसे अहम बात यह बोली थी कि इससे काला धन और भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। लेकिन जब से नए नोट बाजार में आए हैं तब से ना जाने भ्रष्टाचार को लेकर कितनी ही खबरें सामने आ चुकी है।

Punjab Fake notes
 
बताया गया था कि नए नोट आने से भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म हो जाएगा लेकिन जालसाज अब दो हजार रुपए का जाली नोट भी छाप रहे हैं। जी हां, पंजाब के मोहाली में पुलिस ने दो-दो हजार के नोट वाले 42 लाख रुपए की जाली करेंसी पकड़ी है।
 
आपको बता दें कि जाली करेंसी के नोटों का जखीरा पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ के पास मोहाली से पकड़ा है। जिनके पास पुलिस ने एक दो लाख नहीं पूरे 42 लाख रुपए के जाली नोट बरामद किए हैं। इसके साथ सब के सब दो-दो हजार रुपए वाले जाली नोट हैं।
 
मोहाली के गांव में डिलीवरी करने जा रहे थे
बता दें कि एक महिला सहित तीन लोगों को पुलिस ने जाली नोटों के साथ पकड़ा है। इनमें से दो भाई बहन हैं और तीसरा बिचौलिया। जिनके नाम हैं अभिनव, सुमन वर्मा और विशाखा। तीनों जालसाज हरियाणा नंबर की एक ऑडी कार में मोहाली के जगतपुरा गांव में जाली नोट की डिलीवरी देने जा रहे थे, तभी रास्ते में ही पुलिस ने सबको धर दबोचा।
 
पुलिस के मुताबिक़, चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में अभिनव नाम का शख्स नई करेंसी के नक़ली नोट छाप रहा था। पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों के साथ इन नोटों को बदला जा रहा था।
 
सिर्फ एक नोट असली, बीच में सब नक़ली
बता दें कि पिछले 20 दिनों में आरोपी क़रीब दो करोड़ रुपए के नक़ली नोट पुरानी करेंसी से बदल चुके थे। इसके साथ ही जाली करेंसी देते वक़्त नोटों की गड़डी के ऊपर और नीचे एक एक नोट असली होता था और बीच में सब नक़ली।
 
पुलिस के मुताबिक़, अभिनव पीएम मोदी के मेक इन इंडिया अभियान से भी जुड़ा रहा है। उसने नेत्रहीनों के लिए एक विशेष छड़ी बनाई थी, लेकिन किसी को नहीं पता था कि समाजसेवा की आड़ में ये शख्स जाली नोट का गोरखधंधा भी करता है। पुलिस अब ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों ने अब तक किस किस को पुरानी करेंसी के बदले नक़ली नोट दिए है।

Courtesy: National Dastak
 

‘बापू का चरखा’ टाइम पत्रिका की 100 सबसे प्रभावशाली तस्वीरों में शामिल

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टाइम पत्रिका ने 100 सबसे प्रभावशाली तस्वीरों के अपने संकलन में चरखा के साथ महात्मा गांधी की वर्ष 1946 की एक तस्वीर को शामिल किया है।

charkha

महात्मा गांधी की इस श्वेत-श्याम तस्वीर फोटोग्राफर मार्गरेट बौर्के-व्हाइट ने ली थी। तस्वीर में गांधी भूमि पर पतले गद्दे पर बैठकर खबर पढ़ते हुये नजर आ रहे हैं जबकि उनके आगे उनका चरखा रखा है।

 

तस्वीर भारत के नेताओं पर एक लेख के लिए ली गई थी लेकिन इसके प्रकाशित होने के दो वर्ष से पहले और गांधी की हत्या के बाद इसे श्रद्धांजलि के रूप में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था।

भाषा की खबर के अनुसार, टाइम पत्रिका ने कहा, ‘‘बहुत जल्द ही यह अमर हो चुकी एक तस्वीर बन गई थी।’’ टाइम के संकलन में 1820 के दशक से 2015 तक की अवधि में ली गई सबसे मशहूर और इतिहास को बदलने वाली 100 तस्वीरों को शामिल किया गया है।

जिस समय ये तस्वीरें ली गई थी उस समय यह लोगों के मन में रच-बस गई थीं।

Courtesy: Janta ka Reporter
 

‘आम जनता के खाते आयकर विभाग जांचेगा लेकिन भाजपा सांसदों के खातों की जांच अमित शाह करेंगे!’

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नोटबंदी की सूचना लीक करने और अपनों को लाभ पहुंचाने के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी भाजपा सांसदों और विधायकों से उनके बैंक खातों का ब्यौरा मांगा है. वे यह जानकारी एक जनवरी तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौपेंगे. इसमें आठ नवंबर से लेकर 31 दिसंबर तक के वित्तीय लेन-देन का विवरण शामिल होगा. सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के इस फैसले की काफी चर्चा है. एक बड़े तबके ने इसकी तारीफ की है. वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने ट्विटर पर लिखा है कि यह बेहद साहसभरा फैसला है और क्या अब पार्टी फंड का खुलासा होगा ? विपक्षी पार्टियों ने मोदी के इस फैसले पर काफी नुक्ताचीनी की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी को अंबानी, अडानी, पेटीएम और बिग बाजार जैसे अपने अमीर दोस्तों से भी उनके बैंक खातों की जानकारी मांगनी चाहिए. वहीं कुछ लोगों ने सवाल उठाया है कि भाजपा के सांसदों-विधायकों के खातों की जांच अगर अमित शाह करेंगे तो फिर यह कैसे माना जाए कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है.

Amit Shah


भाजपा को महाराष्ट्र के बाद गुजरात के निकाय चुनाव में भी बड़ी जीत हासिल हुई है. यहां भाजपा को जिला पंचायत, तहसील पंचायत और नगरपालिका के उपचुनाव में 109 सीटें हासिल हुई हैं. कांग्रेस को मात्र 17 सीटों से संतोष करना पड़ा है. इससे पहले 16 जिलों की इन 126 सीटों में भाजपा के पास 40 और कांग्रेस के पास करीब 52 सीटें थीं. इन चुनाव परिणामों के बहाने सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थकों ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है. यहां कहा जा रहा है कि ये नतीजे आम जनता का नोटबंदी के फैसले पर समर्थन दिखाते हैं. ट्विटर पर रविंद्र वाजपेयी ने लिखा है, ‘गुजरात स्थानीय निकाय उपचुनावों में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया. लगता है मोदी पुराने नोट (कांग्रेस) को चलन से बाहर करने पर आमादा हैं.’

सोशल मीडिया में आज इन दोनों मुद्दों पर आई कुछ और प्रतिक्रियाएं :
रणदीप सुरजेवाला | ‏@rssurjewala
एक और नया जुमला मोदी जी! नोटबंदी के बाद नहीं, फ़ैसले से पहले (यानी 1अप्रैल से 8 नवम्बर तक) भाजपा व राष्ट्रीय स्यवंसेवक संघ के खाते सार्वजनिक करने का साहस दिखाएं.

एस राजशेखर | ‏@srspdkt
मोदी ने भाजपा के सभी सांसदों-विधायकों से कहा है कि वे आठ नवंबर से 31 दिसंबर तक के अपने बैंक खातों का विवरण अमित शाह को दें! यह विवरण आयकर विभाग को क्यों नहीं देना चाहिए?

संदीप अध्वार्यू | ‏@CartoonistSan
‘नोटबंदी और आक्रोश दिवस’

tweet

बी लाइक बिल्ला | ‏@BeLikeBilla
मोदी का भाजपा के सभी सांसद-विधायकों को उनके बैंक खातों का विवरण अमित शाह के पास जमा करवाने के लिए कहना वैसे ही है जैसे प्रश्नपत्र लीक होने के बाद भी आपको परीक्षा में अपनी उत्तर पुस्तिका खुद जांचने का मौका मिले.

अंशुल सक्सेना | ‏@AskAnshul
सिर्फ भाजपा के सांसद-विधायक ही क्यों, सभी पार्टियों के सांसद-विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों की आयकर विभाग द्वारा की जानी चाहिए. यह काम अमित शाह का नहीं है.

मनीष आईएनसी | ‏@ManiKing_0179
ऐसा लगता है जैसे अमित शाह आयकर विभाग की तरह काम कर रहे हैं. अब जल्दी ही भाजपा के सांसदों-विधायकों को क्लीनचिट मिल जाएगी.

अवानित कुमार | ‏@awanit_kumar
आम जनता के खातों की जांच आयकर विभाग करेगा और भाजपा सांसदों के खातों की जांच अमित शाह करेंगे. वो भी आठ नवंबर से बाद की, वाह मोदी जी गजब!

बृजेन्द्र सिंह | ‏@f7b7084756e84f1
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम ने कांग्रेस के ‘आक्रोश दिवस’ को निराशा में बदल दिया था और अब गुजरात निकाय परिणाम ने तो उसे पानी डाल कर ठंडा ही कर दिया.

अजित अंजुम | ‏@ajitanjum
नोटबंदी पर विपक्ष जितनी भी गोलबंदी कर ले, स्थानीय निकाय चुनाव में महाराष्ट्र से गुजरात तक बीजेपी का ही झंडा बुलंद रहा है.

Courtesy: satyagrah.scroll.in