Home Blog Page 2344

Report claims Ramdev invested in Nepal without govt approval

0

Yoga guru Ramdev has landed in a controversy in Nepal after a media report claimed that Patanjali Ayurved group invested more than Rs 150 crore in the country without official approval.

Photo: Hindustan Times
Photo: Hindustan Times

The Foreign Investment and Technology Transfer Act requires any foreign investor to get permission from the Investment Board Nepal or the Department of Industries before investing in Nepal.

 

The report in Nepal’s largest selling newspaper Kantipur Daily said Ramdev failed to seek such mandatory permissions.

Meanwhile, Ramdev has denied the allegations in a statement released yesterday, saying his company has not flouted any local law while conducting activities in Nepal.

The statement, signed by Ramdev, said the proposed investment from Patanjali Ayurved Limited will flow into Nepal only after completing all due legal process.

According to Ramdev, Patanjali Yogapeeth of Nepal has not attracted any sort of investment from India.

“Entire investment in Patanjali Yogapeeth in Nepal has come from Upendra Mahato, a Nepalese businessman and his wife Samata. When we invest in the company in future which we plan to do, we will follow the prevalent laws of Nepal and take approval from the concerned government authorities,” reads the statement.

He said that proceeds from that company will not be distributed to the investor but “will be spent on philanthropic activities,” according to the statement.

“I have devoted my entire life fighting corruption, black money and financial misappropriation, and I am committed to financial transparency. So, there is no possibility that I would be involved in any kind of illegal investment in Nepal,” Ramdev said.

Speaking at a press meet on 23 November, Ramdev had announced that he has invested Rs 150 crores in Ayurvedic factory in Nepal and is planning to further invest Rs 500 crore in the future.

He had also announced to invest billions of rupees in Nepal to create 20,000 jobs in the country as by launching a new venture to produce organic medicine and other items.

President Bidya Devi Bhandari on 24 November inaugurated Ramdev’s Patanjali factory in southern Nepal’s Bara district which will produce organic medicine and other items. Minister for Agriculture Gaurishankar Chaudhary was also present on the occasion.

(With inputs from PTI)

Courtesy: Janta ka Reporter

भाजपा नेता की गुंडागर्दी खुलेआम देते रहे दरोगा को गाली, दरोगा ने डर से जोड़े हाथ

0

कुशीनगर। एक तरफ तो बीजेपी खुद को पार्टी विद डिफरेंस कहती है और नैतिकता का दंभ भरती है। लेकिन दूसरी तरफ केंद्र की सत्ता में आने के बाद बीजेपी के नेता कानून को ताक पर रखने लगे हैं। उत्तर प्रदेश की सत्ता में लौटने के लिए बेताब बीजेपी के नेता किसी से भी, कहीं भी मारपीट और गाली गलौज करने को आतुर हो जाते हैं। 

BJP
 
ऐसी ही एक खबर बीजेपी की परिवर्तन रैली के दिन कुशीनगर जिले से आई है। पत्रिका की खबर के मुताबिक, पड़रौना कोतवाली में तैनात एक दरोगा से बीजेपी के नेता हाथापाई और गाली-गलौज करने लगे। इस दरोगा का गुनाह सिर्फ इतना था कि कांग्रेसियों द्वारा पीएम का पुतला फूंकने से उग्र भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने की गुस्ताखी कर बैठा।
 

गौरतलब है कि कुशीनगर जिले के पडरौना कस्बे के सुभाष चौक पर सोमवार को बीजेपी की परिवर्तन यात्रा का मंच लगा था, और उनके बड़े नेता मौके पर पहुचने वाले थे। उसी समय कांग्रेसी कार्यकर्ता सड़क के दूसरी ओर नोटबंदी के विरोध में प्रधानमंत्री मोदी का पुतला फूंकने लगे। पीएम का पुतला जलने से बौखलाए भाजपाईयों को रोकने पर वे मौजूद पुलिसकर्मियों पर ही बरस पड़े। 
 
 

 
इसके बाद नाराज भाजपा नेताओं ने दरोगा अवधेश सिंह को गाली देते हुए उनसे हाथापाई करना शुरु कर दिया। दारोगा भाजपा नेताओं से हाथ जोड़कर माफी भी मांगता रहा लेकिन आपे से बाहर भाजपाई कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। भाजपाई खुलेआम चौराहे पर कानून की धज्जियां उड़ाते रहे और दारोगा को गालियां देते रहे। 
 

हैरत की बात यह है कि घटना के समय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी और क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र दत्त शुक्ला भी मौजूद थे लेकिन दोनों नेताओं ने उग्र भाजपाईयों को रोकने की जहमत तक नहीं उठाई। इतना हीं नहीं भाजपा के जिला अध्यक्ष जय प्रकाश शाही भी पुलिस वालों को मंच से खुलेआम धमकाते रहे।
 
हैरानी की बात यह है कि यह घटना भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के सामने हुआ लेकिन किसी ने इस मामले को शांत कराने की थोड़ी भी कोशिश नहीं की। किसी तरह साथी दरोगा के बीच-बचाव करने के बाद मामला शांत हुआ। बीजेपी नेताओं की दबंगई का आलम यह रहा कि घटना से सहमे दरोगा अवधेश कुमार ने नेताओ के डर से घटना से ही इंकार कर दिया।

Courtesy: National Dastak
 

मदरसे शु‍क्रवार के दिन बंद रहने पर असम के मंत्री ने जताई आपत्ति, कहा- ये पाकिस्‍तान या बांग्‍लादेश नहीं है

0

असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्‍व सरमा ने शुक्रवार को बंद रहने वाले मदरसों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसा अगर आगे होता रहा तो  सरकार कड़े कदम उठाएगी।

मंत्री ने कहा कि सरकार को रिपोर्ट मिली है कि कुछ जिलों में कुछ मदरसे शुक्रवार को बंद रहते हैं। उन्‍होंने कहा, ”मदरसे पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश में शुक्रवार को बंद रहते हैं भारत में नहीं। हमारे देश में रविवार के दिन सभी धर्मों के लोग साप्‍ताहिक छुट्टी पर रहते हैं। मदरसों को भी रविवार के दिन ही बंद रहना चाहिए।

Photo courtesy: indian express
Photo courtesy: indian express

सरमा ने कहा कि शुक्रवार दोपहर को बच्‍चों के नमाज में शामिल होने से सरकार को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन मदरसे शुक्रवार को बंद नहीं रहने चाहिए। सरमा के पास शिक्षा के साथ ही स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय भी है। पिछले दिनों उन्‍होंने बांग्‍लादेशी लोगों का मुद्दा उठाते हुए राज्‍य की जनता से अपने दुश्‍मन को चुनने को कहा।

 

जनसत्ता की खबर के अनुसार, उन्‍होंने कहा कि वे 1-1.5 लाख लोग या 55 लाख लोगों में से चुन लें कि उनका दुश्‍मन कौन है? असम में नागरिकता (संसोधन) बिल पर विपक्ष के सवालों का जवाब देने के दौरान उन्‍होंने यह बयान दिया था। हालांकि असम में कितने बांग्‍लादेशी लोग हैं इसका आधिकारिक आंकड़ा नहीं हैं लेकिन राजनैतिक दलों का कहना है कि राज्‍य में 55 लाख बांग्‍लादेशी माइग्रेंट हैं।

सरमा ने 2011 की जनगणना के आधार पर 11 जिलों को मुस्लिम बहुलता वाला बताया। 2001 में यह संख्‍या छह थी।

उन्‍होंने बिल का विरोध करने वालों से पूछा था कि किस समुदाय ने असमिया लोगों को अल्‍पसंख्‍यक बनाने की धमकी दी है। नागरिकता (संसोधन) बिल के जरिए पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश में जुल्‍म सह रहे हिंदुओं, बौद्धों, जैन, सिख और पारसियों को नागरिकता देने का प्रस्‍ताव है।

Courtesy: Janta Ka Reporter
 

यूपी: जनराज्य पार्टी का फर्जी खाता खोल करोड़ों का काला धन हुआ सफेद

0
जागरण की खबर के अनुसार कानपुर (जेएनएन)। जनराज्य पार्टी के कोषाध्यक्ष ने पार्टी का फर्जी खाता खोलकर चंदे के नाम से पूंजीपतियों की करोड़ों की काली कमाई को सफेद कर दिया। टैक्स चोरी और काली कमाई के सफेद करने के इस खेल में पार्टी के अन्य लोग भी शामिल होने की बात सामने आई है। जानकारी पर पार्टी अध्यक्ष ने नौबस्ता थाना में मामला दर्ज कराया।

ब्लैक मनी

लखनऊ गोमती नगर विस्तार सुलभ आवास निवासी जनपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुणेश सिंह का आरोप है कि पार्टी के कोषाध्यक्ष इलाहाबाद धूमनगंज कन्हईपुर निवासी रवि शंकर सिंह ने साथी अभिषेक कृष्ण, दुर्गेश दीक्षित, सुरेंद्र रावत और आशीष श्रीवास्तव संग मिलकर एसबीआइ की नौबस्ता उस्मानपुर शाखा में पार्टी के नाम से समानांतर फर्जी खाता खोल लिया। साथ ही दोनों खातों का संचालन शुरू कर दिया। फर्जी तरीके से खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुए पार्टी कार्यालय के किदवईनगर वाई ब्लाक कार्यालय का पता अपना आवास दर्ज करा दिया, लेकिन पहले वाले खाते में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पुनीत नाथ शुक्ल का मोबाइल नंबर बदलवाना भूल गए। इसका ही नतीजा रहा कि पार्टी फंड में आने वाले चंदे की आय टैक्स फ्री होने के चलते दोनों खातों से काली कमाई को सफेद करना शुरू कर दिया। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष को मोबाइल पर पार्टी खाते से रुपयों के निकासी और जमा होने की जानकारी हुई। गड़बड़ी की आशंका पर उन्होंने वर्तमान पदाधिकारियों को सूचना दी। जांच में पार्टी का दूसरा खाता खुला होने और करोड़ों की धोखाधड़ी सामने आने पर थाने में तहरीर दी गई। सुनवाई न होने पर कोर्ट के माध्यम से मामला दर्ज कराया गया। मामले के विवेचना अधिकारी नरेश कुमार सिंह के मुताबिक जनपा के फर्जी खाता खोलकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की बात सामने आई है। साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।

पूरी खबर के लिए यहाँ क्लिक करें

आभार: जागरण