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तो ज़ी संपादक सुधीर चौधरी ने उड़ाई 2000 के नोट में चिप की अफ़वाह !

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ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका सम्मान से सम्मानित हैं। तमाम लोग चाहे उन्हें उगाहीबाज़ी के आरोप में तिहाड़ की हवा खाने वाले संपादक बतौर जानते हों, लेकिन इसमें शक़ नहीं कि वे कई मीडिया संस्थानों में काम कर चुके अनुभवी पत्रकार हैं। उनकी गणना देश के शीर्ष ''राष्ट्रवादी' पत्रकारों में होती है जो आये दिन पाकिस्तान और आतंकियों से मोर्चा लेता रहता है। देश के लिए उनकी जान को क़ीमती मानते हुए मोदी सरकार ने उनकी हिफाज़त के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा  भी मुहैया कराई है।

Zee News Sudhir

वे मोदी जी के प्रशंसक हैं और यह उनका अधिकार है। लेकिन कई बार मोदी सरकार की कल्पना से भी आगे पहुँज चाते हैं। उनका अतिउत्साह बार-बार उन्हें झुट्ठे पत्रकारों की श्रेणी में पहुँचा देता है। इस काम में उनका कार्यक्रम DNA ख़ासा मशहूर हो चुका है। इसकी ताज़ा मिसाल है नये 2000 रुपयों में किसी ऐसी चिप के लगे होने की बात जिससे उसे सैटेलाइट के ज़रिये ट्रैक किया जा सकता है। इस अफ़वाह को फैलाने में सुधीर चौधरी की क्या भूमिका रही है, यह इस वीडियो से साफ़ है। सच्चाई यह है कि इस नोट में ऐसी कोई चिप नहीं है जिससे किरणें फूटेंगी और 120 गहरे गड्ढे में छिपाने के बावजूद जिन्हें ट्रैक कर लिया जाएगा। यह वीडियो ऐतिहासिक है और अगर टेक्नोलॉजी ने साथ दिया तो रहती दुनिया तक भारतीय पत्रकारिता के बिकाऊ और अफ़वाहू होने की नज़ीर बतौर इसे बार-बार देखा जाएगा। फ़िलहाल तो आप देखें ——-   
 
Courtesy: Media Vigil

बीबीसी ने इस पर जो छापा, वह नीचे पढ़ सकते हैं।

नए नोटों में चिप सरासर अफवाह है

  • 10 नवंबर 2016

भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया है कि 500 रुपये और 2000 रुपये के नए जारी किए गए नोट कैसे होंगे.
500 और 2000 के नए नोट.
Image copyrightEPA 

Image caption500 और 2000 के नए नोट.

हालांकि सोशल मीडिया पर कई लोग लिख रहे हैं कि इन नोटों में खास किस्म के चिप होंगे और इस मामले में आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नहीं है. हालांकि इसका मज़ाक भी उड़ाया जा रहा है.
आइए हम आपको बताते हैं कि ये नए नोट कैसे होंगे.

महात्मा गांधी की नई सिरीज के तहत जारी किए जाने वाले 500 रुपये के नए नोट पुराने वापस लिए गए नोट से अलग होंगे.

2000 का नोट
Image copyrightAFP

इसका रंग, साइज, थीम , सुरक्षा खूबियां, डिजाइन पुरानी सिरीज के नोट से अलग होगा. नए नोट का साइज 66 मिलीमीटर गुना 150 मिलीमीटर रखा गया है.

नोट स्लेटी रंग का होगा. और नोट के पिछले हिस्से पर खास तौर से लालकिले की तस्वीर रहेगी.

हालांकि सरकार 2000 रुपये के नोट पहली बार जारी कर रही है. इसे भी महात्मा गांधी सिरीज के तहत रखा गया है.

2000 रुपये के नोट के पिछले हिस्से में मंगलयान की छवि रहेगी. 2000 रुपये के नोट गहरे गुलाबी रंग के होंगे. इसकी साइज 66 मिलीमीटर गुना 166 मिलीमीटर होगी.

2000रुपये के नोट की कुछ खास बातें

500 और 2000 के नए नोट.

Image copyrightEPA 
Image caption500 और 2000 के नए नोट का सामने का हिस्सा.

सामने का हिस्सा

  • नोट पर गुप्त रूप से '2000' छपा होगा
  • देवनागरी लिपि में '2000' लिखा रहेगा
  • नोट के केंद्र में महात्मा गांधी की तस्वीर
  • नोट के बाएं तरफ सूक्ष्म अक्षरों में RBI और 2000 लिखा होगा
  • बारीक सुरक्षा धागा जिस पर भारत, RBI और 2000 छपा रहेगा. तिरछा करके देखने पर रंग हरा से नीला होगा.
  • बायीं तरफ गवर्नर के दस्तखत, उनका वादानामा और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का प्रतीक.
  • नंबर पैनल पर नोट के नंबर छोटे से बड़े होते आकार में छपे होंगे. यह बायीं तरफ ऊपरी हिस्से में और दाहिनी तरफ निचले हिस्से में छपा होगा.
  • नोट के दाहिनी तरफ अशोक स्तंभ का प्रतीक.

नोट के पिछले तरफ

  • नोट के मुद्रण का वर्ष
  • स्वच्छ भारत का लोगो इसके नारे के साथ.
  • अलग-अलग भाषाओं में दो हजार रुपये
  • मंगलयान की तस्वीर

BJP State Units Knew-Mammoth Cash Deposits Before De-Monetization

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Close to Rs One Crore was deposited, mysteriously in only one account of the Bharatiya Janata Party (BJP) on November 8, 2016, hours before the ‘secret’ decision taken by PM Modi and his cabinet to declare 500 and 1,000 Rs notes illegal. The question remains, if this is what happened in West Bengal, what about the party accounts in other states? And what about the accounts and dealing of parent organisations like the Rashtriya Swayamsevak sangh (RSS) and it’s affiliates? Did they also know and benefit from the previous knowledge much like insider trading, which is an offence?

Black Money

The following information has come into public domain: the West Bengal unit of the BJP got 2 large cash deposits, worth 60 lakhs and 40 lakhs each on, made into its account on November 8, 2016, just a few hours before Narendra Modi announced the demonetization plan of 500/1000 notes. 

An article in Bengali and appearing in the CPI(M) party mouthpiece, Ganashakti, today claimed that around Rs 1 crore worth of cash was deposited in the Chittaranjan Avenue branch of Indian Bank here in Kolkata. Money was deposited in savings account no 554510034 (Indian Bank, Central Avenue Branch, Branch Code – 00C004, IFSC Code – IDIB 000C004, MICR Code – 700019008, Savings Bank Account No), which is in the name of the West Bengal unit of the Bharatiya Janata Party.

The West Bengal unit of the CPI(M) today alleged that a huge amount of cash has been deposited in the bank account of the state unit of the BJP. The deposits were made before the Prime Minister demonetised Rs 500 and Rs 1,000 notes late in the evening on November 8.

It claimed that cash deposits with Rs 1,000 and Rs 500 notes for Rs 60 lakh and Rs 40 lakh respectively were made on November 8 immediately before demonetisation was announced. The article further raises the question as to whether people close to the BJP were aware of the demonetisation move and, accordingly, took advantage.

Incidentally, CPI(M) spokespersons were asked as to whether this deposit of Rs 1 crore in cash was an aberration or if it was a spike when compared to the regular amount of transactions or deposits made in this account. It is yet to comment on the same or get back with the details.

Source: Front page news in Ganashakti

BJP denies
Meanwhile, Dilip Ghosh, President, West Bengal unit of BJP, has denied the allegations. In an interview with Businessline, he claimed that there were no irregularities. Ghosh maintains that the money will be used mostly for by-elections due in Bengal. “This is money that is accounted for and if required we can give details of these transactions to any investigating authority,” he told BusinessLine.

By-polls will be held on November 19 across Cooch Behar and Tamluk Parliamentary constituencies of West Bengal and in the Monteswar legislative assembly seat (in Burdwan district).Asked specifically why there was such a high-value cash transaction, Ghosh pointed out that these were mostly donations received by the party from various quarters.“Normally, party funding is through donations and a part of this is in cash. We issue receipts against the cash received. Copies of such receipts are also available with the party for verification,” he added.

A party spokesperson, on the other hand, questioned the authenticity of the news sources.

गुजरातियों के पास सबसे ज्यादा ब्लैकमनी! गूगल पर ढूंढ रहे सफेद करने के तरीके

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नई दिल्ली। 8 नवंबर की रात जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 500-1000 रुपये के नोटों को गैरकानूनी करने का ऐलान किया पूरा देश इस ऐलान से हैरान रह गया। लेकिन इन सबके बीच जो सबसे दिलचस्प डेटा सामने आ रहा है वह आपको और भी हैरानी में डाल सकता है। पुराने 500 और 1000 हजार के नोट बंद होने का असर गूगल सर्च पर भी दिख रहा है। अब तक जहां गूगल सर्चिंग में जिओ सिम का बोलबाला दिख रहा था, तो बीती रात के बाद से यहां पर ब्लैक मनी ने जगह ले ली है। 

Black Money

गूगल पर अब लोग ब्लैक मनी सर्च कर रहे हैं। जैसे ही गूगल पर How to Black लिखा जाता है, सबसे पहला रिजल्ट 'how to convert black money to white' का आ रहा है। इससे ये भी पता चलता है कि लोगों के पास ब्लैक मनी है और वे उसे कैसे भी व्हाइट में कनवर्ट करना चाहते हैं।
 

 
लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जिन पीएम मोदी ने कालाधन को खत्म करने के लिए नोटों को बैन किया है उनका गृह राज्य गुजरात इसमें पहले नम्बर पर है। इसके बाद बीजेपी शासित राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा का ही नम्बर आता है।
 
महाराष्ट्र में देश की वित्तीय राजधानी मुम्बई है और हरियाणा पिछले काफी समय से रियल एस्टेट डील के चलते मशहूर रहा है। इतना ही नहीं शहरों की बात करें तो नोएडा पहले नम्बर पर आता है। उसके बाद गुरुग्राम और फिर मुम्बई का नम्बर आता है।
 
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 नवंबर की रात बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि 10 नवंबर से पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट नहीं चलेंगे। गवर्नमेंट ने इसकी जगह नए 500 रुपए के नोट के साथ पहली बार 2000 रुपए का नोट भी निकाला है।
 
एक दिन पहले तक देश में लोग जिओ की बातें कर रहे थे। इतना ही नहीं गूगल पर How to लिखने पर 'how to get jio sim' सर्च में सबसे पहले आता था। ऐसे में अब यहां पर Black Money से रिलेटेड रिजल्ट सर्च हो रहे हैं।

Courtesy: National Dastak

ढाई साल पहले नोट बदलने के खिलाफ थी बीजेपी, गरीबों के बरबाद होने का दिया था वास्ता

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नई दिल्ली। 8 नवम्बर 2016 की तारीख को पीएम मोदी ने एकाएक 500 और 1000 के नोट बंद कर दिया। उन्होंने ये भी नहीं सोचा कि इतने बड़े फैसले से देश की जनता का क्या हाल होगा। लेकिन 23 जनवरी 2014 एक ऐसी तारीख है जब ज़ी न्यूज में एक खबर छपी थी जिसमें बीजेपी ने तत्कालीन यूपीए सरकार के नोट बदलने के फैसले पर सवाल खड़े कर दिए थे। बीजेपी ने इसे चुनावी स्टंट बताते हुए गरीबों और मजदूरों के बरबाद होने की बात कही थी। लेकिन अब जब यूपी चुनाव का वक्त नजदीक आ गया है तो क्या बीजेपी ने अचानक ऐसा करके चुनावी स्टंट किया है? 

Modi jaitley

बता दें कि 23 जनवरी 2014 को ज़ी न्यूज में एक खबर प्रकाशित हुई थी जिसमें बीजेपी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने यूपीए सरकार के बड़े करेंसी नोटों के वापस लेने के फैसले का खुला विरोध किया था। तब बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जोर-शोर से अपने प्रचार में जुटे हुए थे। उसी समय यूपीए की सरकार ने 2005 से पहले के करेंसी नोटों को वापस लेने का निर्णय किया था लेकिन विपक्ष में बैठी एनडीए ने उसका पूरी तरह से विरोध किया था।

 

 
भाजपा ने आरोप लगाया था कि सरकार ने कालेधन पर काबू पाने के नाम पर वर्ष 2005 से पहले के सभी करेंसी नोट वापस लेने का जो निर्णय किया है वह आम आदमी को परेशान करने और उन चहेतों को बचाने के लिए है जिनका भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद के बराबर का कालाधन विदेशी बैंकों में जमा है। भाजपा ने कहा था कि यह निर्णय दूर दूराज के इलाकों में रहने वाले उन गरीब लोगों की खून पसीने की गाढ़ी कमाई को मुश्किल में डाल देगा जिसे उन्होंने जरूरत के वक्त के लिए जमा किया है।

भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा था सरकार का यह फैसला विदेशी बैंकों में अमेरिकी डालर, जर्मन ड्यूश मार्क और फ्रांसिसी फ्रांक आदि करेंसियों के रूप में जमा भारतीयों के कालेधन में से एक पाई भी वापस नहीं ला सकेगा। सरकार का विदेशों में जमा भारतीयों के कालेधन को वापस लाने का कोई इरादा नहीं है और वह केवल चुनावी स्टंट कर रही है।
 
लेखी ने तर्क दिया था कि इस निर्णय से दूर दराज के इलाकों के गरीबों की मेहनत की कमाई पर पानी फिर जाने का पूरा खतरा पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि गरीब और आदिवासी लोग पाई-पाई जमा करके अपनी बेटियों की शादी ब्याह और अन्य वक्त जरूरत के लिए घर के आटे-दाल के डिब्बों आदि में धन छिपा कर रखते हैं। ऐसे में अधिकतर लोग अपना धन 2005 के बाद की करेंसी से नहीं बदल पाएंगे या बिचौलियों के भारी शोषण का शिकार हो जाएंगे।
 
भाजपा नेता ने कहा था कि देश की बहुत बड़ी आबादी ऐसी होगी जिसे इस खबर का पता भी नहीं होगा और वक्त जरूरत के लिए जब वे अपना यह कीमती धन खर्च करने के लिए निकालेंगे तब उन्हें एहसास होगा कि उनकी कड़ी मेहनत की कमाई कागज का टुकड़ा भर रह गई है। सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था कि यह निर्णय आम आदमी और आम औरत को परेशान करने तथा उन चहेतों को बचाने के लिए है जिनका भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद के बराबर का कालाधन विदेशी बैंकों में जमा है।

Courtesy: National Dastak