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जमीन बेच जमा किए थे 54 लाख, नोट बैन के सदमे में किया सुसाइड – अमर उजाला

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मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट पर बैन लगाने के बाद हैदराबाद में दर्दनाक हादसा सामने आया। हैदराबाद के महबूबाबाद में एक महिला ने हाल ही में 12 एकड़ की जमीन बेच कर करीब 54 लाख रुपये जमा किए थे। लेकिन बैन की खबर लगने के बाद वह गहरे सदमे में आ गई और सुसाइड का कदम उठा लिया।

women suicide
 
बताया जा रहा है कि महिला को किसी ने जानकारी दी थी कि अब यह पैसे किसी काम के नहीं हैं। मीडिया खबरों के अनुसार महिला ने पैसे अपनी बेटी की शादी के लिए जमा किए थे और उसने हाल ही में इन रुपयों में से एक लाख रुपये पति के इलाज के लिए खर्च किए थे। 

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चेंज पैसे न होने की वजह से रेप पीड़िता बच्ची को नहीं मिली एंबुलेंस

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बेगूसराय। पीएम मोदी के 500 और हजार के नोट बंद किए जाने के बाद कई लोगों की जान चली गई वहीं बिहार के बेगुसराय जिले में 500 और 1000 के नोट बंद हो जाने की वजह से बलात्कार की शिकार हुई एक बच्ची को उसका परिवार अस्पताल जाने के लिए घंटों भटकता रहा, लेकिन चेंज पैसे न होने की वजह से कोई भी एंबुलेंस उनकी बच्ची को अस्पताल ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। इस घटना ने मोदी सरकार पर नोट बंद करने के फैसले को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

rape victim

मामला बेगूसराय के फुलवाड़िया का है जहां एक पांच साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार के बाद पीड़िता को सदर अस्पताल में दाखिल कराया गया, लेकिन वहां से उसे पटना मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। रेफर करने के बाद परिवार एंबुलेंस की तलाश करने लगा लेकिन मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट पर बैन लगाने की वजह से कोई भी एंबुलेंस उन्हें ले जाने को तैयार नहीं हुआ। जिसके बाद रेप पीड़िता का परिवार एंबुलेंस के लिेए घंटों तक संघर्ष करता रहा। 
 
मीडिया खबरों के अनुसार जब परिवार ने ड्राइवर से जाने के लिए कहा तो उसने 500 और 1000 के नोट पर बैन का हवाला देकर जाने से मना कर दिया। रेप पीड़िता काफी देर तक तड़पती रही लेकिन कोई भी उसे अस्पताल ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ।
 
ड्राइवर के इस क्रूर रवैये के बाद परेशान परिजनों ने छोटी राशि के नोटों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया। इस बीच जब उन्होंने ड्राइवर को चलने के लिए कहा तो वह न जाने के लिए बहाने लगाने लगा। बताया जा रहा है कि बच्ची की इस हालत के बावजूद सदर अस्पताल की ओर से उसके लिए एंबुलेंस का इंतजाम नहीं किया गया। इस तरह की घटना होने के बाद प्रशासन के झूठे वादों की असलियत सामने आ गई है।

Courtesy:National Dastak
 

“मोदी जी ने दो साल में कपड़ो पर खर्च किए 75 करोड़ रुपए”

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मोदी दिन में पांच बार कपड़े बदलते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के विज्ञापन का खर्चा पीएम मोदी के कपड़ों के खर्चे से कम है।

Narendra Modi

उन्होंने कहा कि मोदी अपने कपड़ों पर हर दिन 10 लाख रुपए खर्च करते हैं। दो साल में मोदी अपनी विभिन्न ड्रेसों पर करीब 70 करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं और मोदी एक ड्रेस को केवल एक बार ही पहनते हैं। केजरीवाल ने कहा मोदी जी 700 दिन से सत्ता में है, इसलिए 10 लाख रुपए रोज के हिसाब से उनके अपने कपड़ों के लिए ही ये खर्च 70 करोड़ रुपए बैठता है। 5 करोड़ रुपए उनके अन्य कपड़ों पर भी खर्च हुआ। 

केजरीवाल ने कहा कि इसका सबसे बड़ा सबूत गूगल पर मोदी टाइप करने पर मिलता है और उनकी तस्वीरों में कभी दो अलग-अलग तस्वीरों में समान परिधान नहीं दिखेगा। उन्होंने कहा कि ये कहा जाता है कि हमने 526 करोड़ रुपए ऐड पर खर्च किए। ये पूरी तरह झूठ है। हमने ऐड पर 76 करोड़ रुपए खर्च किए। दिल्ली सरकार के सभी विभागों का ऐड पर किया खर्च मोदी के कपड़ों पर किए गए कुल खर्च से कम बैठता है।
 
केजरीवाल ने कहा कि स्विस बैंकों में जमा कालेधन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? केजरीवाल ने कहा कि बच्चा-बच्चा जानता है कि कालाधन स्विस बैंकों में पड़ा है। प्रधानमंत्री जी आपको भी पता था कि कालाधन कहां था। पहले 648 ऐसे लोगों की लिस्ट आई थी, जिनका स्विस बैंकों में अकाउंट था। उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी। उसने कोई एक्शन नहीं लिया। आपने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
 
केजरीवाल ने कहा कि अंबानी सहित कईयों के कालाधन के अकाउंट नंबर मैने मोदी को दिए थे। आज शाम उन 648 लोगों को गिरफ्तार कर लो, पूरे देश में कालाधन खत्म हो जाएगा। लेकिन वो आपके दोस्त हैं।

Courtesy: National Dastak

Centre approves changes to anti-corruption law that will protect government staff from probes

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The amendment Bill proposes making it mandatory for agencies like the CBI to get the government's consent before investigating public servants.

Centre approves changes to anti-corruption law that will protect government staff from probes
Image credit:  Wikimedia Commons
 

The Centre on Thursday approved changes to an anti-corruption law that may protect government employees from being investigated by agencies. It has framed an amendment Bill and decided to make it compulsory for bodies such as the Central Bureau of Investigation to seek the government’s approval before they open an inquiry against its staff, PTI reported.

“We have decided to introduce the anti-corruption amendment bill in the upcoming session of the Parliament,” said Minister of State for Personnel Jitendra Singh. ”A provision to safeguard all categories of government employees is being offered…to ensure that honest employees are not harassed.”

However, in cases where a public servant is arrested on the sport for “accepting or attempting to accept any undue advantage”, the CBI and other agencies do not have to seek the Centre’s approval to launch an investigation, the parliamentary committee had said in August while recommending the amendment to the Prevention of Corruption Act, 1988.

The Prevention of Corruption (Amendment) Bill was introduced in the Rajya Sabha by the United Progressive Alliance government in August 2013. It was approved by the Cabinet in April 2015 and sent to the Select Committee in December 2015 for examination.

Courtesy: Scroll.in