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प्रतिंबध के खिलाफ NDTV इंडिया की सरकार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

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एनडीटीवी इंडिया पर लगे एक दिन के प्रतिबंध को लेकर एनडीटीवी अब सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आ गया है। पत्रकारों से लेकर राजनीतिक दलों के नेता भी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। इस बीच आज एऩडीटीवी इंडिया ने बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है

 

NDTV
 

सरकार के इस अलोकतांत्रिक फैसले पर चैनल ने कड़ा रूख अपनाते हुए कोर्ट में सरकार को चुनौति दी है। अब केन्द्र की बीजेपी सरकार के ये साबित करना होगा कि उनका फैसला कितना तर्कसंगत है और कितना जाति दुश्मनी से प्रेरित।
एनडीटीवी की तरफ से जारी एक ट्वीट में बताया गया कि अब हम अपने पर लगे एक दिन के प्रतिबंध के खिलाफ सरकार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगें।
 

आपको बता दो दिन पहले रवीश कुमार के प्राइम टाइम के प्रसारित होने के बाद सारे देश में सरकार की इस अमानवीय और अलौकतांत्रिक कारवाई के विरोध में भारी रोष देखा गया। इतना ही नहीं विश्व मीडिया में भी सरकार के इस फैसले को लेकर हैरानगी जताई और विरोध किया।

इनपुट: पीटीआई
 

NDTV ban: Channel takes government to court

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NDTV India on Monday moved the Supreme Court against the government’s order banning its telecast for a day on 9 November for its coverage of the Pathankot terror attack.

NDTV

The petition challenges the Constitutional validity of the government order, the channel said in filing to the stock exchanges.

 

In the filing, NDTV said the Ministry of Information and Broadcasting had directed stopping of transmission or re- transmission of its Hindi news channel, NDTV India for a day from 00.01 hrs of 9 November, 2016 till 00.01 hrs of 10 November, 2016.

“We now update that NDTV Ltd and others have filed a writ petition before the Hon’ble Supreme Court challenging the said order, inter-alia, challenging the constitutional validity of the said order and the provisions of law pursuant to which the said order has purportedly been passed,” the company said.

(With inputs from PTI)
 

गुजरात: भाजपा विधायक के गुंडों ने किया दलितों पर हमला

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जूनागढ़। गुजरात दलित उत्पीड़न का केंद्र बनकर सामने आ रहा है। उना कांड के बाद से लगातार दलित उत्पीड़न की खबरें सामने आ रही हैं। जिस गुजरात मॉडल को विकास के लिए प्रचारित किया गया। इसके पीछे छिपी दलित विरोधी कुल्सित मानसिकता की खबरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दलितों को जरा-जरा सी बात पर दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। उनका सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है। 

Gujarat Dalits

अब जूनागढ़ के जुजारपुर गांव की एक घटना सामने आई है। यहां 5 नवंबर को सुबह 8:30 बजे के लगभग दलित वकील और सामाजिक कार्यकर्ता सुनील धोलिया 4 दलित समेत 6 दलितों पर जानलेवा हमला हुआ। यह हमला जूनागढ़ के भाजपा के विधायक राजेश चूड़ासमा के नजदीकी 12 लोगों ने किया। हमलावरों में नारण जेठा चूड़ासमा, भरत वीरा पंडित शामिल थे।
 

 
इन लोगों ने दलितों को गांव छोड़कर भाग जाने की भी धमकी दी है। साथ ही कहा है कि अगर गांव नहीं छोड़ा तो दलितों की बस्ती में आग लगा देंगे। इससे अन्य दलित परिवार भी दहशत में हैं।

दरअसल जुज़ारपुर गाँव में दलितों का बहिष्कार किया जाता है और उनसे छुआछूत का बर्ताव किया जाता है। गाँव में दलितों को पीने का पानी भी नहीं मिलता। दलित युवा सुनील ने जब अत्याचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई तो उसका मुँहबंद करने के लिए गाँव के सवर्णों ने जानलेवा हमला किया। इस हमले में सवर्ण दरिंदों ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा। 

चोरवाड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराने के बावजूद पुलिस कुछ नहीं कर रही। हमला करने वाले लोग भाजपा विधायक राजेश चूड़ासमा के संरक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं। दलितों के बहिष्कार के ख़िलाफ़ सुनील ने कलेक्टर और मामलतदार में पिछले दो साल से कई याचिकाएँ भेजीं पर कोई जवाब नहीं मिला। 
 
इनपुट- सम्राट बौद्ध, गुजरात

Courtesy: National Dastak