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ये कैसा राष्ट्रवाद: हत्या के आरोपी को तिरंगा और पूर्व सैनिक को सफ़ेद चादर

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नई दिल्ली। एक नए तरह के राष्ट्रवाद की तरफ अग्रसर है देश, जो किसका, कितना भला करेगा यह तो भविष्यगत है। लेकिन यह नए तरह का राष्ट्रवाद हर कदम पर नए सवाल जरूर खड़े कर रहा है। ताज़ा मामला पूर्व सैनिक की आत्महत्या का है। जहाँ पिछले दिनों शहीदों की सहादत पर सियासत की जा रही थी।


 
सैनिकों के सम्मान में न जाने कितनी चीजों का विरोध किया गया जिसमें पाकिस्तानी कलाकारों तक का विरोध शामिल था। इन्हीं आपाधापी के बीच एक पूर्व सैनिक ने वन रैंक वन पेंशन मामले को लेकर आत्महत्या कर ली।

पूरे मामले पर सभी पार्टियों द्वारा जम कर सियासत की गई। राहुल गाँधी, केजरीवाल समेत अन्य को हिरासत में भी लिया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पूर्व सैनिक के परिवार को एक करोड़ मुआवजा देने की घोधना भी की ।

वहीँ भाजपा के जनरल वीके सिंह फिर से अपने मानसिक कुरूपता का परिचय देते नजर आये। विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह शायद अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं कर पाते। इसलिए वह बिना कुछ सोचे बयान दें देते है। ताजा मामला वन रैंक, वन पेंशन के मुद्दे का है। जिसपर वीके सिंह ने बोलो कि पूर्व सैनिक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी इसके लिए जांच होनी चाहिए इसके साथ ही उन्होंने ग्रेवाल की आत्महत्या का कारण ओआरओपी को बताया।
 
इससे पहले वीके सिंह ने दलित के दो बच्चों को जिंदा जलाए जाने पर आपत्तिजनक बयान दिया था। अब दलित जवान की आत्महत्या पर भी ऐसा ही विवादित बयान अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है। 

पूरे मामले में सबसे दुखद यह है कि एक सैनिक की मौत हुई । उसने सरकार की नाकामियों से तंग आकर आत्महत्या की। उसकी आश सादे सफ़ेद चादर में लपेट दी गई और एक हत्या के आरोपी को तिरंगे में लपेटा गया था। अब सवाल उठता है कि आखिर एक सैनिक के साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया गया। 
 
अख़लाक़ की हत्या के आरोपी रवि की लाश को तिरंगे में लपेटा गया था और उसे शहीद का दर्जा दिया गया था। 

Courtesy: National Dastak

 

सवर्णों की बपौती हैं भगवान! मंदिर जाने पर दलित को जिंदा जलाया

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हमीरपुर। क्या मंदिर सिर्फ सवर्णों की बपौती है या हिन्दुओं के भगवान सिर्फ सवर्णों की पूजा स्वीकार करते हैं? पिछले दिनों बिहार में लक्ष्मी पूजा करने पर सवर्ण जाति के लोगों ने महादलितों की पिटाई कर दी थी यही नहीं उनके घरों पर पथराव भी किया था। अब ऐसी ही एक घटना यूपी के बुंदेलखंड से सामने आई है जहां एक सवर्ण ने मंदिर जाने पर एक दलित बुजुर्ग की आग लगाकर हत्या कर दी।

TEMPLE

बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में बुधवार शाम मंदिर जा रहे एक दलित बुजुर्ग को अगड़ी जाति के शख्स ने वहां जाने से रोका। बताया जाता है कि रोके जाने के बावजूद न मानने पर पहले उसके सिर पर कुल्हाड़ी मारी, फिर मौके पर ही जिंदा जला दिया।
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार 90 वर्षीय छिम्मा अपने बेटे, भाई और पत्नी के साथ अपने बुजुर्गों को पिण्डदान करने गांव जा रहे थे। परंपरा के अनुसार गांव के बाहर बने मैदानी बाबा के मंदिर पहुंचे जहां पर संजय तिवारी मिला जिसने उन्हें मंदिर में जाने से रोका। छिम्मा उसकी बातों को नजरअंदाज कर आगे बढ़े तो संजय ने उनके सिर पर कुल्हाड़ी से कई वार कर घायल कर दिया और बाद में कैरोसिन डाल कर जला दिया।
 
आरोपी संजय तिवारी छिम्मा को जलाने के बाद वहां से भाग गया जिसे आसपास के लोगों ने काफी देर बाद पकड़ा और पुलिस को सूचना दी। जलालपुर थाने के एसओ रामाश्रय यादव के अनुसार, आरोपी को हत्या की धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया है। 

Courtesy: National Dastak