बिहार के बिधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की बुरी तरह हार हुई थी। इसकी मुख्य वजह रही थी अपने कार्यकर्ताओं की अनदेखी करके दूसरे दलों से तोड़कर लाये नेताओं को टिकट देना। उधार के नेताओं ने बिहार चुनाव में भाजपा की नांव डूबा दी थी।यूपी चुनाव में भी कमोवेश वैसा ही माहौल है जैसा बिहार चुनाव में था। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा है।
यूपी में भाजपा के भीतर टिकट वितरण को लेकर नाराजगी का आलम ये है कि पहली बार नाराज कार्यकर्ताओं ने बगावत का बिगुल फूंकने की तैयारी कर ली है। इसी क्रम में शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के लखनऊ पहुंचने के कार्यक्रम को लेकर गुस्साए भाजपाइयों ने विरोध की रणनीति बनाई है।
यूपी विधानसभा चुनावों के लिए 28 जनवरी को अमित शाह लखनऊ पहुंच रहे हैं। यहां उनके भाजपा का घोषणा पत्र जारी करने का कार्यक्रम है।
टिकट बंटवारे को लेकर हुए अन्याय की गुहार सीधे अमित शाह से लगाने के लिए तमाम दावेदारों ने चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से लेकर पार्टी दफ्तर तक प्रदर्शन की तैयारी कर ली है। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराना, घोषित प्रत्याशियों की सच्चाई सामने रखना और टिकट बंटवारे में हुई धांधली को उजागर करने की तैयारी की गई है।
इन दावेदारों में सबसे ज्यादा गुस्सा पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश माथुर और यूपी में पार्टी के महामंत्री संगठन सुनील बंसल के रवैये को लेकर है। इनका कहना है कि टिकट बंटवारे में किसी भी प्रकार के फीडबैक या ग्राउंड रिपोर्ट पर अमल नहीं किया गया है। अगर ऐसा हुआ होता तो पार्टी के अंदर के नेताओं को टिकट दिया जाता। जो दो दिन पहले पार्टी ज्वाइन कर रहा है, उसको टिकट देने का अर्थ साफ है कि किसी प्रकार की ग्राउंड रिपोर्ट को तरजीह नहीं दी गई।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी भाजपा में टिकट बंटवारे से नाराज दिख रहा है। उसकी तल्खी उस समय दिखी, जब लखनऊ से चुनाव लड़ रहा एक प्रत्याशी संघ कार्यालय पहुंचा। यहां उसने भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र में समर्थन नहीं दिए जाने की बात कही और सहायता मांगी।इस पर संघ के क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण और प्रांत प्रचारक संजय की तरफ से साफ कर दिया गया कि जिन्होंने टिकट दिया है, उन्हीं से सहायता मांगिए। संघ इसमें कुछ भी नहीं कर सकता।
सूत्रों के अनुसार लखनऊ में संघ के करीब सभी पदाधिकारियों ने नागपुर संदेश भेज दिया है कि चुनाव में वे किसी प्रकार की कोई शिरकत नहीं करेंगे।
प्रदेश कार्यालय पर विरोध का आलम ये है कि नाराज कार्यकर्ता लगातार नारेबाजी कर रहे हैं, लेकिन संगठन की तरफ से उन्हें मनाने या समझाने की कोई जेहमत नहीं उठा रहा। खुद प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश कार्यालय पहुंचते हैं लेकिन इन समर्थकों से बात किए बिना अपने कमरे में चले जाते हैं।
इस विरोध प्रदर्शन में युवा ही नहीं बल्कि भाजपा से कई बार विधायक व समर्पण के साथ पूरा जीवन भाजपा में रहने वाले सुंदरलाल दीक्षित जैसे वरिष्ठ नेता को अपनी ही पार्टी में अपने ही नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ रहा है। टिकट बंटवारे से दुखी भाजपा के वरिष्ठ नेता सुंदर लाल दीक्षित और राम बाबू द्विवेदी विरोध करते हुए भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या की कार के सामने लेट गए। बाद में काफी मनाने के बाद वह हटे।
सुलतानपुर की इसौली से संजय सिंह त्रिलोकचन्दी को टिकट नहीं दिए जाने से उनके समर्थकों ने विरोध का स्वर बुलंद करने का फैसला किया है। इन्होंने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में स्थित मंदिर में हनुमान चालीसा पढ़ कर विरोध दर्ज कराने की योजना बनाई है।
इनकी कोशिश है कि हनुमान चालिसा पढ़ने से भाजपा के पदाधिकारियों को सद्भुद्धि आए। अगर इसके बाद भी बात नहीं बनी तो 200 से ज्यादा बूथ अध्यक्ष, युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के पदाधिकारी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता अपना सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी में हैं।
Courtesy: Dainik Aaj