सासाराम। देश का कोई भी कोना हो और चाहे किसी की भी सरकार हो, दलित और आदिवासियों पर अत्याचार रुकने वाला नहीं। लगभग डेढ़ साल पहले जब बिहार में चुनाव हुए थे तो दलितों ने नीतीश कुमार को यह सोचकर वोट किया था कि शायद उनके अधिकारों की रक्षा होगी और उन पर हो रहे अत्याचार बंद हो जाएंगे। लेकिन सरकार बनाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मनुवादी ताकतों का कुछ नहीं कर पा रहे हैं और बिहार में दलितों की स्थिति जस की तस बनी हुई है या ये कह लीजिए कि पहले से बदतर हो गई है।
बिहार के सासाराम जिले के एक गांव से दलित उत्पीड़न की भयानक खबर आई है। खबर के अनुसार, सासाराम के दिनारा क्षेत्र के नौवां गांव में मजदूरी मांगने गए दो मजदूरों को घर में बंद कर पहले बेरहमी से पिटाई की गई। इसके बाद दोनों को गर्म रॉड से दाग दिया गया।
जख्मी सुरेश चौहान को दिनारा पीएचसी में इलाज के बाद पटना रेफर कर दिया गया है। जबकि विजय शर्मा का इलाज कोचस में कराया जा रहा है। पुलिस ने सुरेश चौहान के बयान पर नौवां के पताली चौधरी व अन्य छह नामजद समेत 21 के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया है।
घटना के संबंध में पीड़ित सुरेश चौहान ने बताया कि विजय शर्मा और गांव के ही पताली चौधरी के यहां रविवार को सुबह छह बजे मजदूरी मांगने के लिए गए थे। दोनों की लगभग 29,000 रुपए मजदूरी बाकी थी। जिसके बाद पताली चौधरी ने अपने परिवार व सहयोगियों के साथ मिल कर घर में बंद कर हाथ पैर बांध बेरहमी से पीटा तथा गर्म राड से पूरा शरीर दाग दिया।
सुरेश ने बताया कि जब घटना सुनकर उसके घर वाले वहां गए तो उनके साथ भी मारपीट की गई। सुरेश ने स्थानीय मुखिया व सरपंच पर भी बचाने के बजाय मारपीट में सहयोग करने का आरोप लगाया।
वहीं इस घटना पर थानाध्यक्ष अभिनंदन सिंह ने बताया कि पीएचसी में इलाज करा रहे सुरेश चौहान के बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें पताली चौधरी, अकाशी चौधरी, ज्ञान चंद चौधरी, दिलीप चौधरी, रिकी चौधरी व धनजी चौधरी सहित अज्ञात 16 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है।