बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा को लेकर एक निजी टीवी चैनल ने नोटबंदी के मुद्दे पर वाराणसी के रविदास घाट पर एक टाॅक शो का आयोजन किया था। शो के दौरान नोटबंदी के सवाल पर राजनैतिक पार्टियों के समर्थक आपस में भिड़ पड़े।
हाथापाई के साथ, कुर्सियों को एक दूसरे पर उठा-उठाकर फैंकना शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी की गई। इस कार्यक्रम में संबित पात्रा के अलावा सपा, बसपा व कांग्रेस के नेता भी अपने-अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे।
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, इस टॉक शो में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा, सपा के राजकुमार जायसवाल, कांग्रेस के नदीम जावेद आदि नेता नोटबंदी के फायदे व नुकसान को लेकर परिचर्चा कर रहे थे। सभी दलों के समर्थक भी वहां पर कुर्सी पर जमे हुए थे और विषय को लेकर प्रश्र भी कर रहे थे।
नोटबंदी के बाद बेकार हुए अपने नोट बैंकों में जमा कराने पर लगी इस रोक को लेकर कार्यक्रम में पूछे गए सवाल पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एक बार ही नोट जमा करने का निर्देश इसलिए कि ऐसा न हो बार-बार किसी ब्लैकमनी वाले का पैसा कोई जमा कर आए। वहीं कांग्रेस नेता नदीम जावेद ने इस कदम की आलोचना करते हुए पीएम मोदी पर इस मामले पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया।
इसी दौरान जबरदस्त बहस का माहौल बन गया। बीजेपी, सपा और कांग्रेस के बीच गर्मागर्मी का दौर शुरू हो गया। देखते ही देखते पार्टी समर्थकों के बीच विवाद बढ़ने लगा। इसके बाद निजी चैनल के लोग मामले को सुलझा पाते कि बात बिगड़ गयी और सपा और बसपा के कार्यकर्ता आपस में लड़ गये।
दोनों ही पक्षों ने एक-दूसरे पार्टी के नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मारने के लिए कुर्सी भी चलायी। दोनों ही पक्ष में जमकर बवाल हो गया। हंगामे के चलते कार्यक्रम को भी स्थगित करना पड़ गया।
सपा कार्यकर्ताओं ने बीजेपी पर सीएम के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए लंका थाने का घेराव किया। सपा के लोगों ने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ कार्रवाई के लिए तहरीर दी गई।
Courtesy: Janta Ka Reporter