पूर्व आईएस अफसर ईएएस शर्मा ने मोदी सरकार में बैठे मंत्रियों और वीवीआईपी की ओर से अपने यहां के शादी समारोहों में धन के भौंडे प्रदर्शन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पीएम को पत्र लिखा है। उन्होंने मोदी से यह जानना चाहा है कि क्या उनकी सरकार में लोगों के लिए दोहरे मापदंड हैं। क्या उनकी सरकार में एनडीए के मंत्रियों के लिए एक नियम और आम भारतीय नागरिक के लिए दूसरा नियम है। क्या इनकम टैक्स प्रवर्तन निदेशालय नोटबंदी के बाद के सप्ताहों में हुए आलीशान शादी समारोहों समारोहों में की जांच करेगा?
शर्मा ने खास तौर पर उन खबरों (हिन्दुस्तान टाइम्स, रविवार 4 दिसंबर) की ओर पीएम का ध्यान खींचा है, जिनमें कहा गया है कि नीतिन गडकरी की बेटी की शादी में मेहमानों को ले जाने के लिए 50 चार्टर्ड प्लेन लगाए जाएंगे। इसी तरह एक ओर शादी समारोह में संस्कृति मंत्री महेश शर्मा की ओर से किए गए धुआंधार खर्चे के बारे में भी उन्हें याद दिलाया गया है। ई ए एस शर्मा ने पूछा है कि क्या मोदी के नजदीकी लोगों के लिए एक नियम है और आम लोगों के लिए दूसरा। भारत सरकार के पूर्व सचिव की चिट्ठी में कहा गया है कि मोदी कैबिनेट मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह महेश शर्मा की ओर से आयोजित आलीशान समारोह में मौजूद थे।
ईएएस शर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई से इस तरह के खर्चीले समारोहों की पूरी छानबीन की मांग की है। उन्होंने जानना चाहा है कि इस तरह के भड़कीले और खर्चीले शादी और अन्य समारोहों में आरएसएस और बीजेपी के कौन ऐसे प्रभावशाली लोग हैं, जिन्होंने इसमें हिस्सा लिया था।
उन्होंने पीएम को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि अगर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की तो वह कानूनी रास्ता अख्तियार करने पर मजबूर होंगे। गौरतलब है कि भारत सरकार के पूर्व सचिव और अब रिटायर्ड आईएएस अफसर ने 12 नवंबर और 16 नवंबर को पीएम को लिखी चिट्ठी में बेनामी लैंड होल्डिंग और ब्लैकमनी के अन्य रूपों को काबू करने की मांग की थी। उन्होंने लिखा था कि इस तरह के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है क्योंकि अघोषित आय का सिर्फ छह फीसदी है कैश के तौर पर है। बाकी का काला धन रियल एस्टेट और अन्य मूल्यवान चीजों के तौर पर छिपा कर रखा गया है।
उन्होंने अपनी चिट्ठियों में फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट (एफसीआर एक्ट) पर सत्तारुढ़ बीजेपी के ढकोसले की भी आलोचना की थी। उन्होंने लिखा था एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर खुद को मिले चंदे की स्वीकृति के लिए बीजेपी ने पिछली डेट से इस नियम को कार्यपालिका के आदेश से लागू कर दिया। उन्होंने सार्वजनिक बैंकों की भूमिका पर सवाल उठाया था और भारतीय स्टेट बैंक की ओर अडानी को भारी-भरकम लोन की स्वीकृति का जिक्र कि या था। अडानी पीएम नरेंद्र मोदी को फंड मुहैया कराने वाले प्रमुख समर्थकों में शामिल हैं। यहां तक कि पीएम के साथ विदेश यात्राओं में वह भी होते हैं।
शर्मा ने पीएम को भेजी चिट्ठी में कहा है सरकार की ओर से 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने की योजना को जिस बुरे तरीके से अंजाम दिया है उससे लोगों की दिक्कतों की कल्पना नहीं की जा सकती। नोटबंदी की वजह से जो कैश क्राइसिस पैदा हुई उसमें कइयों ने अपनी शादियों के कार्यक्रम स्थगित कर दिए। कई शादियां टूट गईं। लेकिन जी. जर्नादन रेड्डी, महेश शर्मा और गडकरी को कोई दिक्कत नहीं हुई। क्यों? इसलिए उन्हें बीजेपी और एनडीए के दिग्गजों का वरद हस्त प्राप्त है। मोदी के मंत्री इस तरह की शाहखर्ची में व्यस्त हैं। दूसरी ओर मोदी हर चुनावी सभा में कह रहे हैं कि जनता नोटबंदी के जरिये काला धन नि कालने के अभियान में पूरा सहयोग कर रही है और बैंकों की लाइन में खड़े होकर पूरा समर्थन कर रही है।
लेकिन सरकार के मंत्री और वीवीआईपी न सिर्फ अपने धन का भौंडा प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि जनता का मजाक उड़ा रहे हैं। मोदी जी क्या हम एक सभ्य समाज में रह रहे हैं?
शर्मा ने इन मंत्रियों और वीवीआईपी की ओर से खर्च किए गए एक-एक रुपये के स्त्रोत की जांच करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक कर्नल सिंह को पत्र लिख कर इस ओर ध्यान दिलाया है।
नरेंद्र मोदी को लिखी शर्मा की यह चिट्ठी यहां पढ़ी जा सकती है-
प्रिय प्रधानमंत्री जी
मैं आपको आज हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट की कतरन भेज रहा हूं। इसमें कहा गया है कि आपके मंत्री नीतिन गडकरी की बेटी की शादी में वीवीआईपी मेहमानों को नागपुर लाने के लिए 50 चार्टर्ड प्लेन लगाए जाएंगे। दूसरी खबर टाइम्स ऑफ इंडिया की है जिसमें कहा गया है कि कैश की कमी की वजह से कई परिवारों ने शादियां रोक दी हैं।
साफ है कि एनडीए के मंत्रियों के लिए अलग नियम और मानदंड हैं। (कृपया प्रवर्तन निदेशलय को भेजे मेरे पत्र को पढ़िये, जिसमें मैंने केंद्र में संस्कृति मंत्री महेश शर्मा की ओर से ऐसे ही खर्चीले शादी-समारोह आयोजित करने का जिक्र किया है) और आम लोगों के लिए अलग।
कैश क्राइसिस के इस दौर में कई परिवारों ने शादियां टाल दी हैं। कई शादियां टूट गई हैं और लेकिन जीआई रेड्डी, महेश शर्मा और गडकरी को कोई दिक्कत नहीं हुई। क्यों? इसलिए उन्हें बीजेपी और एनडीए के दिग्गजों का वरदहस्त प्राप्त है। आपके मंत्री इस तरह की शाहखर्ची में व्यस्त हैं। दूसरी ओर क्या यह विडंबना नहीं है कि आप हर चुनावी सभा में नोटबंदी के समर्थन के लिए लाइन में लगी जनता का धन्यवाद कर रहे हैं। उसके समर्थन पर आभार जता रहे हैं।
मेरे जैसे बैंक की लाइन में लगे हर शख्स को लग रहा है कि आपके इरादे बेहद नेक हैं और नोटबंदी के फैसले से पैदा होने वाली दिक्कतें थोड़े दिनों की हैं जिन्हें बरदाश्त किया जा सकता है। लेकिन हमें यह भी लग रहा है कि जीआई रेड्डी, महेश शर्मा और गडकरी जैसे लोग लाइन में खड़े क्यों नहीं हैं। ऊपर से जले पर नमक छिड़कने के लिए वे लोगों के सामने अपने धन का भौंडा प्रदर्शन कर रहे हैं।
मोदी जी, ऐसे माहौल को देख कर क्या यह सवाल करने के मन नहीं करता कि क्या हम एक सभ्य समाज में रह रहे हैं।
मैंने प्रवर्तन निदेशालय से इन मंत्रियों और वीवीआईपी की ओर से खर्च किए गए एक-एक रुपये के स्त्रोत की जांच करने की मांग की है। उनके खर्चों के हरेक पहलू की जांच की जाए। लेकिन मुझे लगता नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय के पास निष्पक्ष जांच करने का अधिकार या इच्छाशक्ति है। क्योंकि मैंने आपके मुख्यमंत्रियों के कई विदेशी खातों के बारे में जानकारी दी थी लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से अब तक इस दिशा में कोई जांच नहीं हुई।
मुझे नहीं लगता कि पश्चिमी देशों में होने वाली शादी में 50 चार्टर्ड प्लेनों की मदद ली जाती होगी। लेकिन गडकरी जी की बेटी की शादी में ऐसा होने जा रहा है। क्या इन विमानों का खर्चा कॉरपोरेट हाउसों ने उठाया है। ये कॉरपोरेट हाउस कौन हैं। उनकी गडकरी जी से क्या साठगांठ है। नागपुर में गडकरी जी के नाम फाइव स्टार होटलों के कितने कमरे बुक किए गए हैं। मेहमानों के लाने ले जाने के लिए कितने एयरकंडीशंड कारों का इंतजाम किया गया है। इसका खर्चा किसने उठाया है। शादी समारोह में कितना खर्च हुआ है।
क्या गडकरी और उनके सहयोगियों ने नोटबंदी की वजह से लंबी लाइनों के इस दौर में बैंकों और एटीएम की लाइनों में लग कर शादी समारोह में होने वाले खर्चे के लिए रुपये निकाले हैं।
क्या सीनियर इनकम टैक्स अफसरों ने इस शादी में मेहमान बनने को राजी होकर अपने पद के साथ अन्याय किया है। इस शादी में शामिल होकर इस शाहखर्ची का समर्थन करने वाले एनडीए, आरएसएस और भाजपा के वीवीआईपी कौन हैं।
श्रीमान मोदी , इन सभी पहलुओं की पूरी जांच कराने की जरूरत है।
मैं इस पत्र की एक कॉपी केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अढिया को भी भेज रहा हूं ताकि वह भी गडकरी जी के बेटी की शादी के खर्चों की जांच की जरूरत महसूस करें। ऐसे वक्त में जब राजस्व विभाग छोटे ज्वैलर्स और कांट्रेक्टरों को काले धन के नाम पर कस रहा है तो इस तरह की जांच जरूरी है।
मेरा मानना है कि हमारे जैसे लोकतंत्र में ऊंचे स्तर पर बैठे लोगों के यहां होने वाली शादियों में इस तरह के खर्च पर सवाल उठना लाजिमी है। मेरा मानना है कि सीबीडीटी और ईडी को इनकी जांच कर इसे रिपोर्ट करना चाहिए। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बेटी की शादी में भारी खर्च करने वाले रेड्डी को जो क्लीन चिट दी है उसे जनता अभी पचा नहीं पाई है। ऐसे कदमों से नोटबंदी का फैसले के संदर्भ में आपकी सरकार की विश्वसनीयता जम नहीं पा रही है।
अगर आप मेरी चिट्ठी के बाद जांच के कदम नहीं उठाते हैं तो मुझे न्यायिक हस्तक्षेप के लिए कदम उठाना होगा। क्योंकि देश के हर नागरिक को गवर्नेंस पर बुनियादी सवाल उठाने का हक है।
मैं इस पत्र को जनता के बीच विमर्श के लिए प्रसारित कर रहा रहूं ताकि नोटबंदी के इस दौर में शाहखर्ची और धन को भौंडे प्रदर्शन पर एनडीए के रुख पर देश में बहस हो सके।
ई ए एस शर्मा
पूर्व सचिव, भारत सरकार (विशाखापट्टनम)