Photograph: Aheda Zanetti
फ्रांस में बैन के बाद पूरे शरीर को ढकने वाले स्विमसूट बुर्किनी की बिक्री बढ़ गई है। खास कर गैर मुस्लिम महिलाओं के बीच इसकी बिक्री ज्यादा बढ़ी है। यह किसी और का नहीं बल्कि इसे डिजाइन करने वाली ऑस्ट्रेलियन डिजाइनर का दावा है।
फुल बॉडी स्विम सूट बुर्किनी का ईजाद सिडनी में रहने वाली आहेदा जेनेटी ने किया था। इस डिजाइनर का दावा है कि पिछले आठ साल में 7 लाख बुर्किनी बिक चुकी हैं।
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड को दिए अपने इंटरव्यू में जेनेटी कहती हैं कि बुर्किनी पहनना पसंद का मामला है। बुर्किनी आजादी, सुविधा और आत्मविश्वास से जुड़ी है। इसका परेशानी, प्रताड़ना या आतंकवाद से कोई लेनादेना नहीं है।
फ्रांस सरकार ने बुर्किनी पहनने पर पाबंदी लगा दी है। हालांकि सरकार के इस बेहद विवादित कदम पर सर्वोच्च अदालत ने स्टे लगा दिया है। लेकिन जेनेटी का कहना है कि उनके खरीदारों में हर विचारधारा के लोग शामिल हैं और सबने एकमत से फ्रांस सरकार के इस इकतरफा फैसले का विरोध किया है। वह कहती हैं- मुझे एक गैर मुस्लिम ग्राहक ने वारविक, क्वीन्सलैंड से मैसेज किया – यह एक स्विम सूट ही तो है। इस पर इतना बवाल क्यों। एक और महिला ने अमेरिका से मैसेज किया- मैं स्किन कैंसर से उबरी हूं और आम स्विमसूट पहन कर धूप में नहीं जा सकती हूं।
जेनटी कहती हैं गैर मुस्लिम महिलाएं अक्सर उन्हें ई-मेल कर यह पूछती हैं कि क्या उनके बुर्किनी पहनने पर मुस्लिम धर्मगुरु आपत्ति करेंगे।
फ्रांस सरकार की ओर से बुर्किनी को बैन करने का कुछ अलग ही असर हुआ । इस बैन के बाद बुर्किनी की बिक्री इतनी बढ़ी कि जेनेटी को अपने ब्रांड अहीदा की सप्लाई में मुश्किल आऩे लगी। लोगों तक समय पर डिलीवरी के लिए उन्हें अपनी कुरियर कंपनियों को बदलना पड़ा।
जेनेटी कहती हैं कि जब-जब किसी ने बुर्किनी के खिलाफ कुछ कहा तब-तब तक उनके पास इसकी पूछ-परख से संबंधित आने वाली कॉल्स की तादाद बढ़ गई।
जेनेटी का मानना है कि बुर्किनी की वजह से अब कई सारी महिलाएं खेलों में हिस्सा ले रही हैं और समुद्र तटों पर जा रही हैं। बदन दिखाने की शर्म, स्वास्थ्य और धार्मिक कारणों से इस तरह की महिलाएं पहले इन गतिविधियों से महरूम थीं।
जेनेटी ने मुस्लिम महिलाओं और बुर्किनी की संबंधों पर कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और चुनने की आजादी की प्रतीक है। वह कहती हैं लोग जितना सोचते हैं, मुस्लिम महिलाएं उनसे ज्यादा मजबूत हैं। मुस्लिम महिलाएं सादा जीवनशैली में विश्वास करती हैं।
वर्ष 2007 में अहीदा को समुद्र में सर्फिंग करने वाले लोगों की जिंदगी बचाने वाले लाइफ सेवर्स के लिए बुर्किनी डिजाइन करने का ऑर्डर मिला था। जेनेटी इसे समावेश और सामंजस्य बढ़ाने वाला कदम मानती हैं।
गैर मुस्लिम महिलाओं के बीच बुर्किनी की बढ़ी बिक्री से यह साबित होता है कि महिलाएं स्वभाव से ही पहनावे के मामले में सादगी पसंद होती हैं। आश्चर्य नहीं कि इस्लाम यूरोप में सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म बनता जा रहा है। इस्लाम अपनाने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं।
साभार – द सियासत डेली