मेवात। हरियाणा की बीजेपी शासित खट्टर सरकार ने हांड कंपा देने वाली सर्दी में सैकड़ों मुस्लिम परिवारों के घर तोड़कर उन्हे बेघर कर दिया है। मामला हरियाणा के मेवात जिले का है। जहां प्रशासन ने सीआरपीएफ कैंप के लिए टूंडलाका गांव में 80 घरों को तोड़ दिया।
घरों को तोड़े जाने की वजह से सभी मुस्लिम परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। हांड कंपा देने वाली सर्दी को देखते हुए कुछ परिवारों ने टेंट और तंबू लगा लिए हैं लेकिन कुछ परिवारों को यह भी नसीब नहीं है।
पीड़ित लोगों का कहना हैं कि वह इस जमीन पर पिछले 40 वर्षों से रहते आएं हैं। प्रशासन ने उन्हें मकानों को तोड़े जाने से पहले सूचित भी नहीं किया जिससे वह अपने सामान और रहने की दूसरी व्यवस्था भी नहीं कर पाए। पीड़ितों ने बताया कि इस ठंडी के आलम वह खेतों में खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं, छोटे-छोटे बच्चे रातभर ठंड से कांपते हैं। सर्दी की हर रात उनपर किसी आपदा से कम नहीं है।
मेवात विकास सभा के अध्यक्ष उमर मोहम्मद ने बताया कि प्रशासन ने गलत तरीके से करीब 40 वर्षों से बने हुए मकानों को तोडा है। उन्होंने कहा कि चकबंदी के दौरान जो रक्बा बचा था वह किसानों कि पट्टी, शामलात और जुमला मालकान का है। मगर ग्राम पंचायत ने 1965 में इस जमीन का इंतकाल गलत तरीके से अपने नाम करा लिया था। जिसके बाद यह मामला कोर्ट गया और अब भी यह मामला जिला न्यायलय के समक्ष विचाराधीन है।
आपको बता दें कि मेवात जिले में सीआरपीएफ कैंप प्रस्तावित है। इसके लिए गांव की जमीन ली जा रही है। इस क्रम में प्रशासन ने 80 मुस्लिम परिवारों के घरों को ढहा दिया है। इस जमीन पर ये परिवार पिछले 40 सालों से रह रहे थे। वही प्रशासन का कहना है कि ये जमीन ग्राम समाज की है जबकि लोगों का कहना है कि ये जमीन उनकी है जिसको धोखे से ग्राम समाज की बना दिया गया।
Courtesy: Nationaldastak