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भारत की 71 प्रतिशत आबादी है मांसाहारी

आम धारणा है कि भारत मुख्य रूप से शाकाहारियों का देश है, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। सर्वेक्षणों से पता चला है कि देश की करीब 71 प्रतिशत आबादी मांसाहारी है। शाकाहारी केवल 29 प्रतिशत हैं, लेकिन इन्हीं शाकाहारियों का एक हिस्सा बाकी देश पर खान-पान संबंधी प्रतिबंध थोपने की फिराक में रहता है।


 
महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय के सर्वेक्षण से खुलासा हुआ है कि भले ही भारत को दुनिया में सबसे बड़े शाकाहारी देश के रूप में प्रचारित किया जाता हो, लेकिन दरअसल यहाँ देश की बहुत बड़ी आबादी अपनी धार्मिक मान्यताओं के बावजूद माँसाहार अपना चुकी है।

सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के 2014 के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 15 साल से ऊपर के लोगों में करीब 71 प्रतिशत मांसाहार करते हैं। यह संकेत भी मिला है कि 2004 की तुलना में मांसाहारियों की संख्या में कुछ गिरावट आई है। 2004 में मांसाहारियों का प्रतिशत 75 तक पहुँच गया था।
 
नवरात्रि, मंगलवार और अन्य हिंदू त्यौहारों पर माँस, मछली और अंडों की बिक्री में आने वाली भारी गिरावट भी इसी बात का प्रमाण है कि देश की हिंदू आबादी बड़े पैमाने पर मांसाहार करती है।
 
आँकड़ों के अनुसार तेलंगाना में मांसाहारियों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहाँ पर 98.8 प्रतिशत पुरुष और 98.6 प्रतिशत महिलाएँ अंडा, माँस-मछली का सेवन करती हैं।

अन्य राज्यों में मांसाहारियों की सर्वाधिक संख्या पश्चिम बंगाल में है, जिसके बाद आंध्रप्रदेश, ओडीशा और केरल का नंबर है। पश्चिम बंगाल में माँसाहारियों का प्रतिशत 98.55, आंधप्रदेश में 98.25, ओडीशा में 97.35 और केरल में 97% लोग मांसाहारी हो चुके हैं।

शाकाहारियों की सबसे ज्यादा संख्या राजस्थान में है, जहाँ अब भी 73.2 प्रतिशत पुरुष और 76.6 प्रतिशत महिलाएँ शाकाहार अपनाए हैं। इसके बाद 68.5 प्रतिशत शाकाहारी पुरुष और 70 प्रतिशत शाकाहारी महिलाओं के साथ राजस्थान का नंबर है। पंजाब में 65.5 प्रतिशत पुरुष और 68 प्रतिशत महिलाएँ शाकाहारी हैं।

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