चलन में मौजूद काले धन का अंदाजा नहीं लगा पाई सरकार

नोटबंदी का गलत अंदाजा- देश में जितने पुराने नोट हैं, उनमें से ज्यादा फिर सर्कुलेशन में आ गए हैं। लिहाजा सरकार अपने रेवेन्यू में घाटे को लेकर चिंतित है।

Black Money

सरकार की इस चिंता ने ही उसे ब्लैक मनी रखने वालों को एक मौका देने के लिए आईटी एक्ट में संशोधन का कदम उठाने को मजबूर किया है।

मोदी सरकार की ओर से नोटबंदी का फैसला लाने के तीन सप्ताह बाद कई लाख करोड़ रुपये के वैध नोट बैंक से निकाले जा चुके हैं। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 10 नवंबर से 27 नवंबर के बीच ऐसे नोटों के कुल 56 फीसदी बाहर आ चुके हैं। यानी ये नोट दोबारा सर्कुलेशन में आ चुके हैं। यानी 8,44,982 रुपये के नोट या तो बदले जा चुके हैं या फिर जमा किए जा चुके हैं ( इसमें बदले जाने वाले नोट 33,948 करोड़ रुपये के हैं और जमा किए गए नोट 8,11,033 करोड़ रुपये के)।

इस स्थिति ने सरकार को भौचक कर दिया है क्योंकि सरकार यह आकलन करने में गलती कर गई कि देश में कितना ब्लैक मनी है।

शुरुआती आकलन के मुताबिक कुल पुराने नोटों का 20 फीसदी (15 लाख करोड़ रुपये) काले धन में झोंक दिया गया है और इसके सर्कुलेशन में आने की उम्मीद नहीं है। दिग्गज अर्थशास्त्रियों के मुताबिक बाजार में पांच से छह फीसदी से ज्यादा ब्लैक मनी सर्कुलेशन में नहीं है।

क्या काले धन के आकलन में हुई इस गलती की वजह से, अंदाज से ज्यादा पैसा दोबारा सर्कुलेशन में आ रहा है। और क्या इसी वजह से सरकार को प्रधानमंत्री गरीब योजना, 2016 जैसे कदम के साथ सामने आना पड़ा?

गौरतलब है कि 30 दिसंबर के बाद तीन लाख करोड़ रुपये के नोट अमान्य हो जाएंगे। आरबीआई की बैलेंस शीट में जमा नोट लाइबिलिटी के रूप में दर्ज एंट्री, रिजर्व को बढ़ा देंगे। यह सरप्लस सरकार के खजाने में चला जाएगा। निश्चित तौर पर सरकार के लिए यह बड़ा फायदा होगा।

नोटों के जमाखोरों को हतोत्साहित करने के लिए केंद्र ने कहा है कि 2.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा उनकी आय के साथ मिलान नहीं करता है तो उन पर 200 फीसदी पेनाल्टी लगाई जाएगी।

सरकार के कड़े रवैये के बावजूद काफी पैसा दोबारा सर्कुलेशन में आ गया है। सरकार को इससे काफी घाटा हुआ है।

अतिरिक्त कमाई
इससे सरकार के पास हर बड़े डिपोजिट की इनकम टैक्स जांच का काम रह गया है। सरकार के पास जब इतनी बड़ी मात्रा में डाटा जमा हो जाएगा तो एक-एक डिपोजिट की जांच मुश्किल है।

इस समस्या से पार पाने के लिए सरकार ने सोमवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 2016 घोषित की थी। इससे लोगों को अपनी अघोषित संपत्ति का ऐलान करने का मौका मिलेगा।

इस योजना के तहत  ऐसी संपत्ति पर 30 फीसदी टैक्स और 10 फीसदी पेनाल्टी लगेगी। इसके अलावा इस टैक्स पर 33 फीसदी सरचार्ज लगेगा। कुल मिलाकर कुल लेवी 50 फीसदी हो जाएगी। यह आईडीएस 2016 के तहत लगाई गई 45 फीसदी की लेवी से ज्यादा है।

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