सन्नी धिमान वक्कार | SabrangIndia https://sabrangindia.in/content-author/सन्नी-धिमान-वक्कार-11492/ News Related to Human Rights Sun, 25 Sep 2016 06:37:56 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.2.2 https://sabrangindia.in/wp-content/uploads/2023/06/Favicon_0.png सन्नी धिमान वक्कार | SabrangIndia https://sabrangindia.in/content-author/सन्नी-धिमान-वक्कार-11492/ 32 32 क्या हुआ जब जेएनयू आरएसएस हेडक्वार्टर पहुँचा https://sabrangindia.in/kayaa-haua-jaba-jaeenayauu-araesaesa-haedakavaaratara-pahauncaa/ Sun, 25 Sep 2016 06:37:56 +0000 http://localhost/sabrangv4/2016/09/25/kayaa-haua-jaba-jaeenayauu-araesaesa-haedakavaaratara-pahauncaa/ आज नागपुर में आखिरी दिन था, सोचा था के आरएसएस मुख्यालय के बाहर जाऊंगा और एक लोकतांत्रिक तस्वीर तो लेकर आऊंगा। ताजुब की बात है कि auto वालो को दीक्षा भूमि तो सबको पता है पर आरएसएस का मुख्यालय कुछ को नही पता था कि कहाँ पर है। बैरहाल जब मुख्यालय पर पहुंचा तो पाया […]

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आज नागपुर में आखिरी दिन था, सोचा था के आरएसएस मुख्यालय के बाहर जाऊंगा और एक लोकतांत्रिक तस्वीर तो लेकर आऊंगा।

ताजुब की बात है कि auto वालो को दीक्षा भूमि तो सबको पता है पर आरएसएस का मुख्यालय कुछ को नही पता था कि कहाँ पर है।

बैरहाल जब मुख्यालय पर पहुंचा तो पाया के हाई सिक्योरिटी है, 20-25 सफारी सूट में और 10-15 आर्म्ड गार्ड्स मुख्यालय गेट पर मौजूद थे, वहां सीमेंट के बैरियर भी थे जैसे 7 रेस कोर्स के बाहर देखते हैं।

 ये जगह अंदर गली में जा कर एक दम रिहाइशी इलाके में है, जहा परचून की दुकान, प्रेस वाला सब है लेकिन एक अजीब सा सन्नाटा था यहाँ, पता नहीं क्यों?दिल था के इस कागज़ के पन्ने के साथ तरवीर लूँ, पर मुझे डर था के यहाँ तस्वीर लेने नहीं देंगे और इस कागज़ के साथ तो बिलकुल नही। फिर भी साहस किया, पर सफारी सूट वाले आकर घेर लिए मुझे और बोले यहाँ नहीं खड़े हो सकते… कहाँ से हो…. क्या करना है और id दिखाओ… हाथ से कागज़ लिया और कागज़ के पिछली तरफ नही देखे जहाँ ये लिखा था। जाओ अभी वरना ठुकाई भी हो सकती है और फिर दो पुलिस वाले मराठी में कुछ गुस्से में बोले । वगेरह वगेरह, बत्तमीजी किया, मुझे मेरे जापानी दोस्त का डर था जो auto में बैठा था, इसलिए कुछ नही बोला और वापिस आ गया auto में ।

हो सकता है कि 2006 में जो आतंकी हमला हुआ था इनके मुख्यालय पर उसकी वजह से इतनी सुरक्षा हो परंतु, हमला तो संसद पर भी हुआ था, वहाँ भी आप तस्वीर ले सकते हो वहां कोई तुमसे तुम्हारे हुलिए को देख कर सवाल नही पूछता।

साफ महसूस हुआ कि देश की संसद कौन चला रहा है , बहुत सारे high security area देखे हैं पर कहीं इतने सफारी सूट वाले किसी सामान्य संस्था की सुरक्षा में नही देखे।
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बैरहाल मैं फिर आऊंगा नागपुर और अब डरने की गुंजाईश नही छोडूंगा।
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जय भीम नागपुर।

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