islahuddin-ansari | SabrangIndia https://sabrangindia.in/content-author/islahuddin-ansari-11903/ News Related to Human Rights Fri, 14 Oct 2016 06:15:01 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.2.2 https://sabrangindia.in/wp-content/uploads/2023/06/Favicon_0.png islahuddin-ansari | SabrangIndia https://sabrangindia.in/content-author/islahuddin-ansari-11903/ 32 32 भारत का मुसलमान दलितों से कुछ क्यों नहीं सीखता ? https://sabrangindia.in/bhaarata-kaa-mausalamaana-dalaitaon-sae-kaucha-kayaon-nahain-saikhataa/ Fri, 14 Oct 2016 06:15:01 +0000 http://localhost/sabrangv4/2016/10/14/bhaarata-kaa-mausalamaana-dalaitaon-sae-kaucha-kayaon-nahain-saikhataa/ दलित और मुस्लिम हिंदुस्तान की दो ऐसी कौमे है जिन्होने जाती और धर्म के नाम पर सबसे ज्यादा अत्याचार और मानसिक प्रताड़ना झेली है। एक ने जातिगत भेदभाव के नाम पर तो दूसरे ने आतंकवाद, रहन सहन और खानपान के नाम पर तरह तरह की शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना किया। एक ने रोहित […]

The post भारत का मुसलमान दलितों से कुछ क्यों नहीं सीखता ? appeared first on SabrangIndia.

]]>
दलित और मुस्लिम हिंदुस्तान की दो ऐसी कौमे है जिन्होने जाती और धर्म के नाम पर सबसे ज्यादा अत्याचार और मानसिक प्रताड़ना झेली है। एक ने जातिगत भेदभाव के नाम पर तो दूसरे ने आतंकवाद, रहन सहन और खानपान के नाम पर तरह तरह की शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना किया।

एक ने रोहित वेमुला जैसे होनहार छात्र को खोया तो दूसरे ने अखलाक अहमद के नाम पर दो बेटों और एक बेटी को यतीम होते देखा।

दलित

एक की दबंगो के हाथो चमड़ी उधेड़ी गई तो दूसरे ने अपनी जिंदगी के कई साल सलाखो के पीछे बिता दिये। प्रताड़ना और यातनाओं के ऐसे सैकड़ो उदाहरण है जिसे एक ब्लॉग मे नही लिखा जा सकता।

​​​​​​​बहरहाल इस प्रताड़ना और अत्याचार ने दलित भाईयों के अंदर एक जबरदस्त बदलाव की बयार लिखी। आज पूरे हिंदुस्तान मे दलित समुदाय सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक जबरदस्त तरीके से एक्टिव है। दलित समाज हिंदुस्तान मे अपने ऊपर हो रहे अत्याचार का सबसे तीर्व विरोध करने वाले समाज के रूप मे हमारे सामने उभर कर आया है।

​​​​​​​रोहित वेमुला से लेकर गुजरात के ऊना में दलितों की पिटाई कांड तक दलित एकता की ताकत हम सब के सामने है।

दूसरी तरफ मुस्लिम समाज की बात की जाये तो इतना प्रताड़ित होने बावजूद भी ये समुदाय आज भी खुद पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आपसी मनमुटाव भुलाकर एकजुटता दिखाने मे कामयाब नही हो पा रहा है। आज भी ये खुद पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिये दूसरो पर निर्भर नजर आता है।

चंद गिनती के लोगो को छोड़कर आज पूरा मुस्लिम समुदाय चुप है। वो अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के दर्द को महसूस तो कर रहा है लेकिन उसके खिलाफ एकजुट होकर उठ खड़े होने की हिम्मत आज भी नही जुटा पाया है।
सोशल मीडिया पर भी इस समाज की अच्छी खासी तादाद होने के बावजूद वो धार दिखाई नही देती जो दिखाई देनी चाहिये। मुसलमान खुद के खिलाफ हो रहे अत्याचार को आज भी सिर्फ महसूस करके रह जाता है, उसे शब्दो मे पिरोकर दूसरो के सामने रखने की कला मे आज भी हम बहुत पीछे है।

हमे इन सबसे उबरना होगा। खुद के अंदर विरोध करने की ताकत पैदा करनी होगी। अपनी आवाज़ को सरकारो तक पहुंचाने का हुनर हमे सीखना होगा। सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल हमे सीखना होगा।
हमे अपनी लड़ाई खुद लड़ने के लिये एक होना होगा। आत्मनिर्भर होना होगा। हमे अपने बच्चों को पढ़ाना होगा, अपने हक के लिये उन्हें सिस्टम और सियासत का हिस्सा बनाना होगा और सबसे अहम हमे सियासी मंच पर एक साथ आना होगा।

तब जाकर हम अपने हक और अपने अधिकारो की हिफाज़त कर पायेंगे, वर्ना जो सूरते हाल है उसे बदलना इतना आसान नही है।

(Views expressed here are the author’s own. Sabrangindia may not necessarily endorse these views. Courtsey: Janta Ka Reporter)

The post भारत का मुसलमान दलितों से कुछ क्यों नहीं सीखता ? appeared first on SabrangIndia.

]]>