रिहाई मंच ने कहा कि दादरी कांड में मृतक अखलाक मामले में दोषियों को बचाने के लिए किस तरह राज्य मशीनरी हत्यारों के पक्ष में खड़ी है इसका ताजा उदाहरण अभियुक्त सचिन को नाबालिक घोषित करवाना है।
दादरी कांड में मृतक अखलाक का पक्ष देख रहे वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता व अधिवक्ता असद हयात ने कहा कि इस पूरे मामले में दोषी सचिन ने जिस तरह से न्यायालय में अपने नाबालिग होने का फर्जी सबूत पेशकर 6 सितंबर को जमानत पर रिहाई पाई उसके साफ होता है कि इस पूरे मामले में विवेचना अधिकारी दोषियों के पक्ष में है। उन्होंने बताया के मुकदमा अपराध संख्या 241/15 के अन्तर्गत धारा 323, 147, 148, 149, 504, 506, 307, 427 458 आईपीसी व 7 आपराधिक कानूनों संशोंधन अधिनियम थाना जारचा जिला गौतमबुद्ध नगर के अभियुक्त सचिन पुत्र ओम प्रकाश द्वारा धोखा धड़ी व तथ्यों को छिपाकर स्वंय को नाबालिग घोषित कराए जाने के विरोध में जांच कराने के लिए आज अखलाक की पुत्री शाइस्ता ने प्रार्थना पत्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतम बु़द्ध नगर को भेजा है।
गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व थाना जारचा के प्रभारी को दिए प्रार्थना पत्र अखलाक की पुत्री शाइस्ता ने कहा है कि वह और अभियुक्त सचिन 2009 में राणा संग्राम सिंह इंटर काॅलेज में सहपाठी थे। सचिन ने हाई स्कूल की परीक्षा दी थी पर वह अनुत्तीर्ण रहा। इसके बाद अभियुक्त सचिन 2013 में दयानंद इंटर काॅलेज बंबावड़ गौतमबुद्ध नगर से हाई स्कूल उत्तीर्ण किया। विद्यालय के अभिलेख में उसकी जन्म तिथि 6 सितंबर 1994 अंकित है। चूंकि अभियुक्त सचिन सन 2009 की हाई स्कूल की परीक्षा में असफल था इसलिए उसने आयु को चार वर्ष घटा दिया और संस्थागत छात्र के बतौर उसने दयानंद इंटर काॅलेज में परीक्षा का फार्म भरा तो अपनी जन्म तिथि 6 सितंबर 1998 कर दी हालांकि इस गलती को काॅलेज प्रशासन नहीं पकड़ा और यूपी बोर्ड परीक्षा को अग्रसरित कर दिया। जबकि जन्म तिथि जो परीक्षा फार्म में उल्लेखित है वह विद्यालय के छात्र पंजीकरण अभिलेखों के अनुरुप नहीं है।
विवेचना अधिकारी पर आरोप लगाते हुए शाइस्ता ने कहा है कि विवेचना अधिकारी ने गहन रुप से विवेचना नहीं की। विवेचना अधिकारी को इस तथ्य की खोज करनी चाहिए थी कि दयानंद इंटर काॅलेज बंबावड़ में सचिन का छात्र पंजीकरण जिसका नंबर 11625 है किस वर्ष में हुआ और सचिन ने पूर्व विद्यालय और शिक्षा के संबन्ध में अपने प्रमाण पत्र ट्रांसफर सर्टिफिकेट किस विद्यालय के प्रस्तुत किए हैं।