दरअसल जवानों को सोशल मीडिया जवानों द्वारा आवाज उठाने से घबराई सरकार ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल में रोक लगाने के लिए गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है। ताकि सरकार की किरकिरी ना हो सके। गृह मंत्रालय ने कहा है कि अर्धसैनिक बलों के जवानों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने से पहले डीजी से इजाजत लेनी होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना में भी कई यूनिट्स में स्मार्ट फोन पर पाबंदी लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि जवानों को इसका कड़ाई से पालन करना होगा। इस आदेश के बाद जवान तस्वीरें खींचकर ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप्प, यूट्यूब या इंस्टाग्राम पर नहीं डाल सकते। हालांकि यह नियम पहले से था कि ड्यूटी के समय आप मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकते। अब इस नियम के तहत ड्यूटी और ड्यूटी के बाद भी सेना के जवान स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इस फैसले को कड़ाई के साथ लागू किया जाएगा।
बता दें कि पिछले कई दिनों से सेना की जवानों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अधिकारियों और सुविधाओं को लेकर शिकायत की है। इनमें सबसे पहले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर ने खराब खाना मिलने, सीआरपीएफ के जवान जीत सिंह ने सुविधाएं न मिलने, एसएसबी के एक जवान ने अधिकारियों पर तेल और राशन बेचने और सेना के जवान युग प्रताप सिंह ने घरों में अफसरों की तरफ से निजी कार्य कराने जैसे आरोप लगाए हैं। जवानों द्वारा आवाज उठाने से सेना द्वारा पकिस्तान के ऊपर की गयी सर्जिकल स्ट्राइक का ढिंढोरा पीटने वाली मोदी सरकार बैकपुट पर आ गयी है।
Courtesy: Dainik Aaj