लखनऊ। बीबीएयू में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट द्वारा निष्काषित दलित छात्रों को अन्य पार्टी के दलित नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है। इसके बावजूद जातीय दंभ में भरा यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों का निष्काषन वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। गुरुवार को छात्र आंदोलन में बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने हिस्सा लिया। धरना दे रहे छात्रों के बीच पहुंचकर उन्होंने कहा कि छात्रों की यह लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लडूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही बीबीएयू कुलपति के कार्यकाल के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग करेंगे और साथ ही शिक्षा मंत्री से जल्द मुलाकात करेंगे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में निलम्बित दलित छात्रों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई का अवसर न दिये जाने के विरोध में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति,उ0प्र0 के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में भाजपा के क्षेत्रीय सांसद व अनुसूचित जाति मोर्चा,उत्तर प्रदेश के प्रभारी कौशल किशोर से मुलाकात की। उन्होंने कुलपति द्वारा किये जा रहे दलित छात्रों के उत्पीड़न की पूरी व्यथा बताई और कहा कि लगभग 10 दिनों से दलित छात्र रात दिन धरने पर बैठे हैं और कुलपति मूकदर्शक होकर तमाशा देख रहे हैं। उसी समय सांसद कौशल किशोर संघर्ष समिति के संयोजकों के साथ बीबीएयू पहुंचकर दलित छात्रों के धरने में शामिल हुए।
धरने को सम्बोधित करते हुए उन्होंने ने कहा कि जब तक दलित छात्रों का निष्कासन बिना शर्त वापस नहीं हो जाता और उन्हें पढ़ाई का अवसर प्रदान नहीं कर दिया जाता तब तक हम उनकी लड़ाई में उनके साथ हैं और हम बहुत जल्द ही सड़क से लेकर संसद तक आन्दोलन की रूपरेखा बनाकर संघर्ष में कूदेंगे।
वहीं दूसरी तरफ लम्बे समय से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में संघर्ष समिति व छात्रों द्वारा दाखिल प्रत्यावेदन पर आयोग के चेयरमैन पीएल पुनिया ने अपना फैसला सुनाते हुए कुलपति को यह संस्तुति भेजी है। उसमें लिखा है- ''अनुसूचित जाति के छात्रों के भविष्य व कैरियर को ध्यान में रखते हुए पूर्वाग्रह से ग्रसित प्रॉक्टोरियल बोर्ड द्वारा किए निष्कासन तथा उसके बाद विधि विपरीत सशर्त वापसी आदेश पर बीबीएयू अविलम्ब पुनर्विचार करे और अपने आदेश को वापस ले, जिससे सभी छात्र नियमित रूप से अपनी कक्षाओं में उपस्थित हों और आगे परीक्षा दे सकें।''
Courtesy: National Dastak