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दलितों ने की सुरक्षा की मांग, गोरखपुर में हिंसा

मंगलवार को संतोष पासवान के दाह संस्कार के बाद उनके परिवारवाले प्रदर्शन कर अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। वो चाहते हैं की जल्द से जल्द घटना के मुख्यारोपी अजित यादव को गिरफ्तार कर जिला मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाए।
 
बता दें कि बीते सोमवार को गोरखपुर के डुमरी खास गांव में चुनावी रंजिश की वजह से दो दलित युवक संतोष पासवान और नर्मदा पासवान को आग के हवाले कर दिया गया था। आग में झुलसने की वजह से संतोष पासवान बुधवार को जिंदगी की लड़ाई हर गए जबकि नर्मदा पासवान अभी भी गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। 
 
इस मामले में अभी तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मगर मुख्यारोपी अजित यादव उर्फ़ जनार्धन यादव अभी भी फरार है।
 
अजित यादव के फरार होने से संतोष पासवान का पूरा परिवार डर के माहौल में जीने को मजूर है संतोष की बहन बताती हैं कि अजित के लगातार धमकी भरे फ़ोन कॉल्स आ रहे हैं। वो पुरे परिवार और खासकर संतोष के बच्चों को जान से मारने की धमकी दे रहा हैं। इस वजह से पूरा परिवार डरा हुआ है और संतोष के बच्चे डर से घर के भर भी नहीं जा रहे हैं।
 
नर्मदा पासवान की मां अतवारी देवी भी काफी डरी हुई है वो सुरक्षा और आर्थिक मदद की गुहार लगा रही है। उनका कहना है कि उनके लिए जल्द से जल्द सुरक्षा के इंतजाम किये जायें नहीं तो अजित यादव उन्हें भी उनके बेटे की तरह मार देगा। अवतारी देवी बताती है कि उनके बेटे नर्मदा पासवान से ही घर चलता था वही अकेला पैसे कामने वाला सदस्य था। नर्मदा पासवान की स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है उनकी मां को डर है कि अगर उनके बेटे की जान चली गयी तो उनका जीवन यापन कैसे होगा? और नर्मदा के बच्चों भरण-पोषण कैसे होगा?।
 
वहीं अगर जिला मजिस्ट्रेट संध्या तिवारी की मानें तो घटना के बाद से ही डुमरी खास गांव में जहा घटना हुई थी और संतोष पासवान के घर पर सुरक्षा के इंतजाम कर दिए गए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें अजित यादव के धमकी वाले फोन कॉल की जानकारी किसी ने नहीं दी। 
 
इस बात पर संतोष की बहन जयंती का कहना हैं कि पुलिसकर्मी घटनास्थल पर हैं लेकिन उनके घर के पास कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं हैं।

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